मुरारी कुमार ‘मयंक’, सहरसा। दिसम्बर १६, २०१७. मैथिली जिन्दाबाद!!
मैथिली साहित्य के युगपुरुष एवं मिथिला भाषा रामायण के रचयिता कविवर चंदा झा के जन्मस्थान सोनबरसा राज प्रखंड के बड़गांव में उनके पुण्य तिथि के अवसर 14 दिसम्बर वृहस्पतिवार के दिन एक विचार गोष्ठी सह श्रधांजलि सभा का आयोजन कविवर चंदा झा विचार सह सेवा मंच के द्वारा किया गया।
कार्यक्रम राजेश रंजन के संचालन और मुकेश मानस के अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। आगामी 28 जनवरी को भव्य स्मृति पर्व समारोह मनाने का निर्णय लिया गया है। मैथिली भाषा में कविवर के योगदान पर चर्चा करते हुए वक्ताओं ने कहा कि उनके जीवन और योगदान से वर्तमान पीढ़ी को असीम प्रेरणा मिलती है। उनको मैथिली का आधुनिक साहित्य का प्रवर्तक माना जाता है। मिथिला में कविवर युगपुरुष के रूप में भी सुविख्यात थे। चंदा झा ही सबसे पहले मिथिला भाषा में रामायण की रचना किये।
मौके पर संस्थान से जुड़े राजेश रंजन झा ने कहा कि कविवर के योग्यता से बरगांव के शैक्षणिक स्थिति का पता चलता है। उस समय बरगांव में साहित्य और व्यकरण का ज्ञान घर-घर में मिलता था। वहीं मुकेश मानस ने कहा कि कविवर के विचार हम युवाओ के लिए प्रेरणास्पद है।
आगामी कर्यक्रम में मैथिली साहित्य के जुड़े प्रकांड विद्वान का आना होगा बड़गांव में। मैथिली सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा। मौके पर विचार मंच से जुड़े अभिषेक कुमार मोनू, वैद्यनाथ झा, गंगानंद झा, नंदकिशोर झा, भीमशंकर झा, शेखर कुमार, प्रभात रंजन, चंद्रशेखर झा, बौआ खां, पिंकू झा, पिंटू झा, सुरेश झा, मुरारी मयंक के साथ सम्पूर्ण ग्रामीण मौजूद थे।