मिथिला रंग महोत्सवक आरंभ भेल मधुबनी मे
सुरेश पासवान, मधुबनी। मैथिली जिन्दाबाद, २ मई, २०१५.
१ मई केर साँझ टाउन क्लब मैदान मे बनल सुन्दर सन मंच सँ पहिल मिथिला रंग महोत्सवक आरंभ भेल। अतिथिल रूप मे प्रसिद्ध नाटककार महेन्द्र मलंगिया, साहित्य अकादमी केर मैथिली प्रतिनिधि डा. वीणा ठाकुर सहित महेन्द्र लाल कर्ण, रहिका प्रखंड प्रमुख जटाधर पासवान, वरिष्ठ पत्रकार श्यामानन्द झा, मृत्युंजय झा आदि छलाह। हिनका सभ द्वारा संयुक्त रूपे दीप-प्रज्वलनक संग कार्यक्रम केर विधिवत् उद्घाटन कैल गेल छल। तदोपरान्त आयोजक संस्था मैलोरंग – नव दिल्लीक निर्देशक प्रकाश झा अपन स्वागत मन्तव्य रखलाह। युवा संस्कृतिकर्मी किसलय कृष्णकेर संचालन मे संपन्न उद्घाटन सत्र केर अतिथि लोकनि सेहो संबोधिक केलाह। सब अतिथिकेँ मैलोरंग द्वारा स्मृतिचिह्न दय सम्मानित कैल गेल। वक्ता लोकनि अपन संबोधन मे मैलोरंग केर ई प्रयास मीलक पाथर रूप मे मिथिलाक पौराणिक रंगकर्म परंपराक संरक्षण करबाक उदाहरण बनबाक बात कहलनि।
ओना तऽ अपन भाषा आ संस्कृति प्रति ढोल बहुत पीटल जाइत अछि, लेकिन जखन सर्जनात्मक कार्यक बेर अबैत छैक तऽ आम संस्था, नागरिक समूह सँ लैत राज्य तक केवल औपचारिकता आ भाषण सँ मिथिलाक बचेबाक बात करैत अछि। लेकिन मैलोरंग आ एहि मे पूर्ण लगन सँ कार्य करैत मैथिल युवा अपन रोजी-रोटीक छोड़ियो कऽ त्यागपूर्ण सादा जीवन जिबैत मिथिलाक एहि अनुपम कलाकर्म केँ बचेबाक कार्य करय मे लागल रहैत अछि। मधुबनी मे एहि कार्यक्रमक आयोजन लेल वर्षों-वर्ष सँ सोचि रहल छलहुँ, अनेक बाधा आ आर्थिक कोषक कमीक बावजूद मिथिला मे एहन डेग उठेबाक वीरतापूर्ण कार्य करब जीवनक लक्ष्य छल, मैथिली जिन्दाबाद सँ बात करैत निर्देशक प्रकाश झा कहलनि। निश्चित तौर पर जनमानस मे मिथिला रंग महोत्सवक चौतरफा चर्चा सँ ई दूरगामी परिणाम देत – समाजक वरिष्ठ एक नागरिक केर प्रतिक्रिया छल। युवा मैथिल सब मे सेहो रंगकर्मक उत्कृष्ट रूप मैलोरंग द्वारा आयोजित एहि महोत्सव सँ भेटबाक प्रतिक्रिया आर के कालेज, मधुबनीक छात्र सबहक मुँहे सुनल गेल।
तीन दिन तक चलयवला एहि महोत्सवग पहिल संध्या रामेश्वर प्रेम लिखित आ प्रकाश झा द्वारा निर्देशित मैथिली नाटक ‘जल डमरू बाजय’ द्वारा मिथिला निरन्तर भोगि रहल बाढि सन प्राकृतिक त्रासदीक भव्य नाटकीय प्रदर्शन भेल। मिथिलाक एकमात्र समस्या बाढि पर आधारित ई नाटकक खूब प्रशंसा कैल गेल। अभिनय आ कला-प्रदर्शनक भरपूर चर्चा सेहो भेल। संतोष झा, प्रवीण सिन्टू, ज्योति झा, अमर जी राय, आदिक भूमिका सशक्त रहल। राजीव मिश्राक सुन्दर ध्वनि संयोजन आ श्याम सहनीक प्रकाश संयोजनक सेहो चर्चाक केन्द्र मे रहल। उक्त अवसर पर मधुबनी आ बाहर सँ आयल सैकड़ों रंगप्रेमीक सेहो उपस्थिति रहल छल।