सम्पादकीय – जून ७, २०१७. मैथिली जिन्दाबाद!!
नैन्सी हत्याकाण्ड, अनुसंधान मे गड़बड़ी, एसआइटी गठनक खानापुर्तिः पीडित परिवार बेसी परेशान
मधुबनीक महादेवमठ मे घटल घटना १२ वर्षीय नैन्सी कुमारीक अपहरण आ हत्याक मामिला एखन धरि रहस्यमयी बनल अछि, किंवा बनाकय राखल गेल अछि सेहो कहि सकैत छी।
नैन्सी हत्याकाण्डक आरोपी पवन झा आ लालू झा केँ १४ दिनक न्यायिक हिरासत मे राखबाक आदेश भेल अछि झंझारपुर एसीजेएम कोर्ट केर न्यायाधीश एस. पी. शुक्ल द्वारा। पुलिस द्वारा दायर केस मे ३६३ आ ३६५ केर दफा मे सरकारी वकील केर अनुरोध जे हत्याक जुर्म मे दफा ३०२ केर सेहो जोड़ल जाय तेकरा स्वीकार करैत आब केस तीन टा दफा मे चलत से जनतब भेटल अछि। पीडित पक्षक वकील लड्डू झा केर अनुसार केस ३६६ (अपहरण हत्याक दृष्टिकोण सँ), २०१ आ ३०२ मे चलबाक छल, लेकिन पुलिस प्रशासनक संवेदनहीनता सँ आरोपी अभियुक्त केर तरफदारी करैत कमजोर केस चलेबाक लेल उपरोक्त धाराक प्रयोग कएल गेल स्पष्ट अछि।
परिवारक कहनानुसार स्थानीय थाना-प्रशासन कोनो विशेष प्रभाव मे रहिकय पीडित परिवार संग शुरुए स अनुसंधानक नाम पर दुर्व्यवहार कय रहल छल, परिणामस्वरूप एसएचओ आ एहि केसक अनुसंधानकर्ता आइओ राजीव कुमार केँ निलंबित कयकेँ विशेष अनुसंधान टोली (एसआइटी) केर गठन कएल गेल। मुदा एसआइटी केर गतिविधि देखैत परिवारजन द्वारा आरोप लगायल जा रहल अछि जे एतय सेहो परिवारहि केर लोक केँ घेर-घार आ पूछताछ कयकेँ असली अपराधी धरि पहुँचबाक कोनो खास उपाय नहि कएल जा रहल अछि। परिवारक लोक सँ ई पूछला पर जे कि ओ सब अनुसंधान सँ डेरा रहला अछि या कोनो आर कारण छैक, ताहि पर नैन्सीक पिता आ चाचा सब कहय लगलाह जे एक त घरक बच्चा संग एहेन वीभत्स दुर्घटना घटल अछि आ दोसर अनुसंधानक शुरुआते मे ई बुझा गेल छल जे स्थानीय प्रशासन कोनो विशेष प्रभाव मे अपराधीक बदला परिवारहि केँ बेसी चाप चढा रहल अछि। एकर प्रमाण ईहो अछि जे अन्धरा मठ थाना द्वारा अदालत मे पेश कएल गेल डायरीक प्रतिलिपि सब बात झूठे लिखने अछि। यथार्थ घटनाक्रम आ डायरी मे उल्लेखित बातक गहन अध्ययन सँ ई बात जगजाहिर अछि जे पुलिस एहि हत्याकांड मे अनुसंधान कम आ सुनल-सुनायल गप पर बेसी उड़ैत अपन खानापुर्तिक कार्य करैत कोहुना केस कमजोर करय पर उतारू अछि।
डायरी आ यथार्थ मे बहुत अन्तर
१. रिपोर्ट लिखाबय समय मे नाम सहित एफआइआर दर्ज करय मे पुलिस द्वारा चश्मदीद गवाह रहले पर नाम लिखबाक जिद्द – डायरी मे कतहु जिक्र नहि। उल्टा डायरी मे देल गेल एफआइआर केर अज्ञात अपहरणकारी आ पाछू सँ देखल गेल आरोपी व्यक्तिपर सन्देहक बात केर जिक्र जोर-शोर सँ कएल गेल अछि।
२. आरोपी व्यक्तिक घर पर नैन्सी केँ खोजैत परिवारक सदस्य गेलापर पवन झा द्वारा देल गेल बयान, “हम नै छियह, हम नै छियह…. हम हेबऽ त काटि दिहऽ” केर कतहु कोनो स्थान पर पुलिस द्वारा संज्ञान नहि लेल गेल अछि डायरी मे।
३. पुलिस द्वारा २५ मई केँ आरोपीक दारू पियल अवस्था मे भेटबाक आ पूछताछ करबाक बात गिरफ्तारीक सम्बन्ध मे सेहो पुलिस डायरी मे कतहु कोनो उल्लेख नहि कएल गेल अछि।
४. २६ तारीख आरोपी लालू झा केँ हाजत मे राखल गेल अछि, मुदा तेकर कोनो चर्चा पुलिस डायरी मे नहि देखाएछ। तहिना २७ तारीख केँ पवन झा केँ सेहो हाजत मे लेल जाएछ मुदा तेकरो कतहु कोनो चर्चा डायरी मे नहि उल्लेख अछि। एहि तरहें अनुसन्धान लेल कुल १२ गोटाक बजाओल जेबाक बात पुछताछ मे पता लागल, लेकिन अदालत सँ प्राप्त डायरीक प्रतिलिपि मे ई सब कतहु किछु उल्लेख नहि भेटैछ। अन्तो-अन्त धरि ५ गोटा केँ अन्दर राखल गेल छल, लेकिन ईहो बात सब डायरी मे नहि उल्लेख कएल गेल अछि।
५. २७ तारीख केँ अनुमंडल पुलिस पदाधिकारीक मौखिक आदेशक आलोक मे अनुसंधान अधिकारी सब-इंस्पेक्टर रामनाथ प्रसाद सँ एसएचओ राजीव कुमार केँ देल जाएछ। आर एतय सँ विभिन्न तरहक पारिवारिक प्रताड़णाक कथा-गाथा आरम्भ भऽ जाएछ।
६. डायरीक अनुसार एक लड़कीक लाश तिलयुगा नदी मे रौआहीक रस्ता पर बनल पूल केर नीचाँ देखल जेबाक बात लगभग ७ः३० बजे साँझक देल गेल अछि, मुदा ताहि सँ पहिने परिवारक दुइ सदस्य केँ थाना मे बजाकय मारि-पीट पर्यन्त करैत हत्या करबाक आ लाश केँ सलटेबाक बात कबूलय लेल कहल जाएछ। विदित हो जे एहि २७ तारीख केँ परिवारक सदस्य द्वारा आत्मदाह करबाक घोषणा सेहो कएल गेल छल, कारण परिवारक दृष्टि मे अपराधी अन्दर रहितो कोनो अता-पता नहि चलबाक बात सँ पुलिसक मिलीभगत स्पष्ट भऽ गेल छल। एहि तरहें परिवारक सदस्य पर झूठ आरोप आ तेकर स्वीकार करबाक दबाव केँ देखैत परिवारक सदस्य द्वारा हो-हंगामा सेहो कएल गेल। बाद मे ओकरा सबकेँ छोड़ि देल गेल। परिवारक सदस्य ई कहैत जे आपलोगों से न्याय की कोई उम्मीद अब नहीं बच गई है, हम ऊपर निकाय से न्याय की गुहार करेंगे, ओ सब घर लौटि गेल छलाह।
७. एम्हर पुलिसक डायरी मे लाश भेटबाक बात लोक द्वारा सूचित कएल जेबाक बात कहल गेल अछि, परिवार केँ शंका अछि जे थाना मे बन्द अपराधी ई बात पहिने कहि देने होयत आर केवल नाटकीय ढंग सँ लाश भेटबाक बात डायरी मे उल्लेख कएल गेल अछि। संगहि डायरीक दावा अनुरूप परिवारक कोनो सदस्य केँ लाश फेकल स्थान सँ अनबाक समय नहि कहल गेल। बाद मे बेर-बेर फोन कय केँ नैन्सीक चाचा (मास्टरसाहेब) केँ आबिकय लाश चिन्हबाक बात कहल गेल। मुदा ओ अज्ञात भय सँ पुलिस प्रशासनक कोनो नव चाइल होयत ताहि डर सँ ओतय नहि गेलाह। बाद मे समाजक किछु लोकक संग ओतय पहुँचि लाश शिनाख्त भेल। जखन कि डायरी मे लाश भेटलहबा स्थानहि पर परिजन संग जाकय लाश चिन्हबाक बात उल्लेख कएल गेल अछि।
८. आरोपी व्यक्तिक गिरफ्तारीक संबंध मे सेहो गलत ढंग सँ कपोलकल्पित भाषाक प्रयोग करैत ३० मई केँ गिरफ्तार करबाक बात कहल गेल अछि, जखन कि पवन-लालू ताहि सँ पूर्वहि सँ थानाक गिरफ्त मे रहल। भले ओ गिरफ्तारी औपचारिक नहि होएक।
एम्हर आरोपी परिवार संग पूर्वहि सँ दुश्मनी खेप रहल पीडित परिवार थानाक व्यवहार सँ पीडित भऽ सोशल मीडिया मार्फत एहि घटना केँ एतेक दूर धरि पहुँचा देलखिन ई बात त थानेदार या मधुबनी जिला पुलिस प्रशासन या गाम-समाज आ स्वयं हत्याराक कल्पना सँ ऊपर केर बात छल, अतः धीरे-धीरे ऊपरे सँ एहि केस मे थानाध्यक्ष राजीव कुमार पर दबाव आयब शुरु भेल। परन्तु ताबत समय धरि पटकथा लिखा चुकल पुलिस डायरी, गिरफ्तार आरोपी आदि केँ अदालत मे प्रस्तुत कएल जा चुकल छल। बाद मे थाना स्वयं अदालत केँ दफा ३०२ सेहो जोड़बाक बातक जिक्र डायरी मे भेटैत अछि। मीडिया पर थानाध्यक्ष राजीव कुमार द्वारा देल गेल बयान सेहो किछु एहि तरहक बात करैत अछि जे पूर्व मे भेल किछु आपसी दुश्मनी-कलह केर मामिला ई भऽ सकैत अछि, आरोपी दुनू केँ जेल चलान कएल जा रहल अछि, आदि।
जखन ऊपरी दबाव केँ कम करबाक लेल ‘एसआइटी’ केर गठन होएत अछि त फेर ओकर चीफ बनाओल जाएत छथि ‘निधि रानी’। झंझारपुर अनुमंडल केर एएसपी निधि रानी केर नाम स्वयं एक भ्रष्ट पुलिस अधिकारीक तौर पर स्थानीय संचारकर्मी लोकनि कतेको गाथा सुनबैत छथि। झंझारपुर मे खेपक-खेप दारू पुलिस संरक्षण मे एबाक बात आर सुनियोजित ढंग सँ वितरण-बिक्रीक कथा-गाथा मे सेहो निधि रानीक बात सुनय लेल भेटैत अछि। विभिन्न संचार स्रोत सँ संकलित समाचार मे सेहो एहि बातक जिकिर भेटैत अछि जे साधारणो केस केँ असाधारण बनाकय दुनू पक्ष सँ घूस कमेबाक लूरि झंझारपुर अनुमंडलक पुलिस सँ दुनिया सीख सकैत अछि। साधारणतया बिहार पुलिस केर छवि मे भ्रष्टाचारिताक कथा-गाथा सामान्य छैक, लेकिन झंझारपुर ताहि मे अति विशिष्ट अछि। तखन, नैन्सी हत्याकाण्ड मे जे एसआइटी केर गठन कएल गेल तेकर अध्यक्षा निधि रानीक महिमा जगविदिते अछि। काल्हि नैन्सीक पिता बेर-बेर कलैपकय गोहारि लगा रहल छलाह जे हमर परिवार केँ बचाबय जाउ – सब सँ नीक सीबीआई जाँच करा लेल जाउ। दोषी केँ बचाबय लेल एना परिवारक लोक केँ फँसेबाक जे काज कएल जा रहल अछि एहि सँ हम सब आक्रान्त छी। एहेन स्थिति मे नैन्सी संग न्याय केर त बात दूर, एहि केस मे कोन एहेन महाशक्ति काज कय रहल अछि जे भरल-पुरल एक परिवार केँ पूर्णरूपेण नाश करय पर तूलल अछि, एहि प्रश्नक जबाब तकनाय आवश्यक भऽ गेल अछि।
एकटा महत्वपूर्ण बात आरो बता दी – स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम पहिले दिन सँ परिवारक विभिन्न सर-सम्बन्धी सब सँ किछु विशेष दृष्टिकोण सँ पुछताछ मे व्यस्त अछि। एहि पुछताछ मे नैन्सी केर एक मामाक नाम हुनकर बुआ संग विवाह करबाक इच्छुक प्रेमीक रूप मे देखाओल गेल अछि, दोसर शंका नैन्सीक वैह दुइ चाचा पर देखायल जा रहल अछि जे ओहि दिन घरहि पर रहलाह आर एम्हुरका व्यवस्था मे लागल रहलाह। मधुबनीक एसपी साहेब एहि घटना पर पूरा नजरि राखि रहला अछि। दरभंगा प्रक्षेत्रक डीआइजी साहेब सेहो पूरा ध्यान राखि रहला अछि। तखन न्याय भेटबाक उम्मीद त बनले अछि। खाली परिवारक लोक केँ पीड़ा पर आरो पीड़ा देनाय, अमानवीयताक संग पुछताछ लेल गैर-कानूनी ढंग सँ डिटेन केनाय सेहो बड पैघ सवाल ठाढ करैत अछि। आखिर कोना भेटत न्याय – ई सवाल यथावत् अछि। एसआइटी केँ ईश्वरीय शक्ति सँ सेहो भेंट संभवतः नैन्सीक आत्मा द्वारा दरसायल जा चुकल अछि। तथापि, मनुष्य आर ताहू मे पुलिसकर्मी जेकरा हाथ बन्दूक रहैत छैक, ओ कि भूत-प्रेत-आत्मा आदिक बात बुझय गेल। लेकिन आम समाज मे ई चर्चाक विषय अछि जे आखिर कि बात रहैक जे एसआइटी केँ अपन मिशनक पहिले दिन भोरहरबा करीब ३ बजे गाड़ी पलटी खा कय संकेत भेटलैक!
हरिः हरः!!