त्रिपाल मे रहनिहार! चलू प्रधानमंत्री निवास बालुवाटार!!

– खगेन्द्र संग्रौला

khagendra sangraula

(मूल लेख नेपाली सँ मैथिली मे अनुदित)

नेपालमे ८२ वर्ष बाद आयल भूकम्प महाविपत्तिक रुपमे देखा पड़ल अछि। राज्य अकर्मण्य, अनुत्तरदायी आर भ्रष्ट अछि। नागरिक केँ भूकम्प बाद न्यूनतम राहत आर ढाँढस देबयमे सेहो राज्य असमर्थ अछि। भग्नावशेषमे लाश सड़ि रहल छैक।

लोक सब चौरी (मैदान) मे जेम्हर-तेम्हर पड़ल अछि। त्रिपालक समस्या छैक। पानिक समस्या छैक। खानाक समस्या छैक। शौचालय आ औषधोपचारक समस्या छैक। देशैभरि लोकमानसमे कोलाहल छैक। राज्यक उपस्थिति प्रायः कतहु नहि देखाय दैत छैक। कालाबजारी सब सामान नुकाबैत कृत्रिम अभाव सृजन करैत ग्राहककेँ ठकय मे लागल अछि। राज्य मुकदर्शक बनल छैक। आब भूखमरी आर महामारीक विकराल खतरा छैक।

प्रतिपक्ष आरो बेसी लाचार
सरकार अनुत्तरदायी, भ्रष्ट आर अनैतिक भेल समय ओकरा खबरदारी करयवला आ जनसेवामे लगाबयवला दायित्व प्रतिपक्षक होइत छैक। प्रतिसपक्ष अपने कुम्भकर्ण निन्द्रामे अछि। अग्रसरता कतहु नहि देखाइत अछि। एना लगैत अछि जे ए माओवादी, बी माओवादी आ सी माओवादी सब कुम्भकर्ण निन्द्रामा अछि। नतिजास्वरुप राज्य आरो अकर्मण्य बनबाक खतरा अछि। नेपालक एखनधरिक इतिहासमे एहेन नालायक सरकार आर एतेक कमजोर प्रतिपक्ष कहियो नहि छल।

राज्य सँग साधनश्रोत, दक्षता आर उपकरणक कमी छैक, ई बात बुझल जा सकैत छैक। ई अभाव पूर्ति करय लेल मित्र-मुलुक (राष्ट्र) सबहक सहयोग भेट रहल छैक। सुनैत छी जे एयरपोर्टमे राहत सामग्री आबिकय ओहिना निरर्थक रूप सँ राखल अछि। विदेशसँ आयल विज्ञ आर दक्ष केँ भूमिका नहि भेटल अछि। जनताक लेल ई बिकराल संकट थीक।

सुशील कोइरालाक आदेश पर माँगकर्ता केँ धक्का-मुक्की कैल गेल
हम किछु नागरिक राज्यकेँ दायित्वबोध करेबाक वास्ते मंगल दिन प्रातकाल प्रधानमन्त्री निवास बालुवाटार गेल छलहुँ। एखन नेपाली सेनाक टुँडिखेल नागरिकक वास्ते खुजल छैक। सुरक्षाक दृष्टिकोणसँ संवेदनशील मानल जायवला सिंहदरबार आर प्रधानसेनापतिक कार्यालय परिसर समेत नागरिकक लेल खोलि देल गेल अवस्थामे कथित निषेधित क्षेत्रक नामपर हमरा सबकेँ सड़को पर ठाढ नहि होमय देल गेल। सहभागी सबकेँ धक्का-मुक्की कैल गेल।

अपमान कैल गेल। कतेको साथीभाइ केर ज्याकेट फाड़ि देल गेल। हमरा सबकेँ कथित निषेधित क्षेत्रसँ खेहारल गेल। ई सब बात प्रधानमन्त्री सुशील कोइरालेक आदेशमे भेल होयत। ई निरंकुशताक हद थीक। मुलुकमे काँग्रेस आर एमालेक सरकार अछि। जनता ऊपर एतेक पैघ विपत्ति पड़ल समय काँग्रेस आर एमालेक मन्त्रीसब, विधायकसब आर बौद्धिकसब कि देखिकय चुप अछि?

९ रेक्टरक हल्ला करनिहार लफंगासब
एहेन महाविपत्तिमे भूकम्पक अवस्था सम्भावित खतरा आर सुरक्षाक उपाय आदि विषय मे राज्य द्वारा नागरिककेँ निरन्तर जानकारी करेबाक चाही। लेकिन, एकटा छोटो टा काज नहि कैल गेल अछि।

टोल-पड़ोसक लफंगासब बीबीसी आर नासाक हवाला दैत ९ रेक्टर स्केलक भूकम्प अयबाक हल्ला करैत नागरिक सबमे आरो त्रास बढबैत ओकरा सबकेँ यातना दऽ रहल अछि। एहि सन्दर्भमे मिडियाक भूमिका सेहो दायित्वपूर्ण आर दक्षतापूर्ण नहि देखाइछ।

संकटक समय व्यापारीक लुटपाट
संकटसँ फाइदा उठबैत खराब नियतक व्यापारीसब सामान नुकेबाक, कृत्रिम अभाव सिर्जन करैत आर जनताकेँ ठकबाक काज कय रहल अछि। १५ रुपैयाक चाउचाउ ७५ रुपैया तक मे बेच रहल अछि। पानि नुका रहल अछि। सरकार व्यापारी सब दलाल जेहेन अछि। यैह कारण सरकार कालाबजारिया सबकेँ मनमानी करबाक छुट दऽ रहल छैक। ई वैह व्यापारी सब छी, जे राज्यक सब निकायमे प्रतिनिधित्वक दाबी करैत अछि। सरकारक चरित्र भ्रष्ट भेलाक बाद भ्रष्ट सब एना दाबी करत ताहि मे कुनु आश्चर्यक बात नहि अछि।

आइयो बालुवाटार घेरब

नेतासब कियैक त्रिपालमे नहि जा सकैत अछि?
हम चाबहिलमे रहैत छी। हमरो टोलमे किछु नेताजीसब रहैत अछि। ताहि मे सबसँ बड़का माननीय कमरेड सिपी मैनाली छथि। हुनको पार्टी सरकारमे अछि। हुनकर श्रीमती मन्त्री छथि। श्रीमान धोइध हिलबैत आर श्रीमती झण्डा हिलबैत नागरिकसबहक दुर्दशाक मनोरंजन देखबाक अलावे किछु नहि केलनि अछि।

एहेन विपत्तिक समयमे प्रधानमन्त्री, हुनका अन्दरक मन्त्री, विधायकसब आर दलक नेतासब टोलटोलमे जा कय, त्रिपालमे जा कय नागरिकसबकेँ साहस आर ढाँढस देबाक चाहैत छलनि। ओकरा सबहक डर आर चिन्ताकेँ घटाबय पड़ैत छलनि। लेकिन, दायित्वबोध करैत ई काज कतहु नहि कैल गेल अछि।

राष्ट्रिय सरकार बनाबय पड़त 
एहेन संकटक समयमे आइ धरि तक राजनीतिक दलसबहक अपन विचार आर आग्रहकेँ पाछू छोड़ि सर्वदलीय सरकार बना लेबाक छल। जाहि सँ जनताकेँ राहत आर उद्धारमे मुलुक एकताबद्ध होइत लागि जइतय। तेना भेल रहैत तऽ सब कियो मिलिकय उद्धार, राहत आर उपचारक काजकेँ प्रभावकारी बना सकैत छल। मुलुकमे चरमसीमामे पहुँचल भ्रष्टाचार किछु कम होइतय, मुदा शासक आ प्रतिपक्ष दुनुमे एतबो बुद्धि नहि देखय लेल भेटल अछि।