बदलैत गाम – गामक परिदृश्य पर कविता

dilip jhaकविता

– दिलीप झा, मधुबनी

बदलैत गाम

गामक कोनो टोल सं नहि बहराइत अछि
ढेकी चलबाक आबाज
जांत चलबैत/लगनी गबैत
ननदि भाउज
आ भनसाक लेल पोखरि पानि भरैत
कंटिरबी सभ
कंटिरबी लोकनि अहल भोरे उठि
इसकूलक लेल तैयार भ’
दादीक संग
माय सं मंगैया जलखै
आ साइकिल पर चढ़ि
फूर्र सं उड़ि जाइया इसकूल

बदलैत गाम-२

आब ने कुचरय चार पर कौआ
नहि धरबय कियो खड़ी बौआ
डाकबाबू के कियो बाट ने जोहय
ए.टी.एम सं काज चलै छै
पियबा छथि परदेसे एखनो
बिहुंसि-बिहुंसि स्क्रीन टच पर गप चलैछै
धान कटै काल
घास छिलै काल
पात खररै काल सेहो अबै छै कॉल
मास दिन पर पर्स टांगि क’ मधुबनी सं घुमि अबै छै मिनी मॉल
फेसबूक सं नेओत अबै छै
ह्वाट्सअप सं बिझो
गाम आब ओ नै रहलै
जे देखने छली संझा पिसी
तार पढबै लय गेल छली ओ
पांच कोस परसौनी तीसी

बदलैत गाम -३

खुरपेरिया-एकपेरिया सभ नञि रहलै यौ भाई
एक गच्छा-दू गच्छा सभ काटि-खोटि क’बनलै नवका रोड
ओइ पर बेधड़क बाइक दौड़ाबै
नवजुआन होइत अपन गामक लोक
एके गाड़ी बहुअासिन बैसथि
बैसय नबकी हमर चमाइन
कलना-फुलहर संगे घुमथि
करथि सिमरिया स्नान
पुनौरा जानकी दर्शन
जाथि अहिल्या थान
चिर सेहन्ता पूर भेलनि
अपन नैहर मैंया हमर महिषि मे
मां तारा कें केलनि प्रणाम
अस्पताल मे लादि कहाली
नञि आबय आब खाट
अधरतिया मे एम्बुलेंस अबै छै
अपन पक्की बाट

बदलैत गाम -४

कोठियावाली मुखिया बनलै
मढ़ियावाली पंच
ढढ़ियावाली पंचायत समिति

नसीमा बेटी सम्हारि रहलए
जिला परिषदकक मंच
रेणु, मानू, सोना, रूपा
मास्टरनी भेली
नीतू गुड़िया बैंक मे गेली
नैना बेटी गहना गढ़य
बता रहलए हॉलमार्क आ
ढौआ, कौरी, टंच
बचल, खोचल सभ ‘जीविका’ बनलै
अपन पैर सं अपने चललै
सब सिया मिलि करतै
अपन गाम महान
दुलारी दीदी लिखिया क’के
घुमि रहलए
अमेरिका, जापान

बदलैक गाम -५

दिन-राति जे काज करै छल
हुनके पाबि गिरहत आउर मौज करै छल
अनके चास के जोति-कोरि क’
अन्त्योदय आओर अन्नपूर्णाक कृपा सं
बाम विधाता दहिन भेलाह अछि
कातिक भैया पाछु भेलाह आब
अगहन सभ दिन वास
जे फेटै छथि तास गाम बैसि
हुनकर दिन दोखाह
कट्ठा बिघा खेत अछैते
पूसे मास बेसाह
ढेनमा-ढुनमी, जर-जनानी किलकाविर्त करै छै
अपन श्रम पर नृत्य करै छै
बाप-पितामह पूष मास ठिठुरि क’ दिन कटलकै
तकरो संतति ओढ़ि रहल छै कम्मल
गामक थित-वित बदलि रहल छै सबटा अपने सम्बल