साक्षात्कार
जखन मिथिलाक वर्तमान आर्थिक परिदृश्यक चर्चा होएत अछि तऽ लोक एहि ठामक विपन्नता सँ चिन्तित बाढि आ सुखाड़क झमार आ लोकपलायनक अवस्था देखि एकदम हतोत्साहित भऽ जाएत छथि। यथार्थ अवस्था त यैह छैक जे घर-घर सँ लोक जँ रोजगार लेल बाहर नहि गेल तऽ ओकर दिन-दशा मे उल्लेखणीय सुधार नहि अबैत छैक। तैँ एकटा फैशन भऽ गेल छैक जे बाहर जो, कमा-खटा आ तखनहि घरक आर्थिक अवस्था मे सुधार एतौक। आउ, एहने एक उद्यमी सँ भेंट करी जे दिल्ली मे रहितो अपन मिथिलाक मर्म – स्वाद आ मूल्य केँ गृह उद्योग मे परिणति दैत सफल व्यवसाय कय रहला अछि। हिनकर नाम थिकन्हि अमरनाथ मिश्र – मधुबनी जिलाक भटसिमैर गामक रहनिहार अमरनाथ जी दिल्लीक बुरारी क्षेत्र मे रहि रहला अछि आर ओतय मिथिला गृह उद्योग केर नाम सँ विभिन्न खाद्य परिकार संग अन्य उत्पादनक बाजार-वितरण आ सीधे उपभोक्ता धरि सेहो बिक्री प्रबंधन-व्यवस्थापन कय रहला अछि। हिनका संग मैथिली जिन्दाबादक संपादक प्रवीण नारायण चौधरी द्वारा लेल गेल साक्षात्कार एतय राखल जा रहल अछि।
प्रवीणः मिथिला गृह उद्योगक अनुभव केहेन रहल?
अमरनाथः नमस्कार, अभिनंदन अछि अपनेक, “मर्यादा” ट्रस्ट द्वारा संचालित संस्था “मिथिला गृह उद्योग” केँ प्रति एखन तककें हमर व्यक्तिगत अनुभव बहुत उत्साहवर्धक आओर आशाक अनुरूप अछि।
प्रवीणः कि सचमुच मिथिलाक लोक मे अपन वस्तु प्रति कोनो ममत्व देखलहुँ? आ कि घरक मुर्गी दालि बराबर? स्पष्ट विचार राखब।
अमरनाथः मिथिला समाजक प्रबुद्ध वर्ग द्वारा हमरा प्रोत्साहन भेटैत आबि रहल अछि। मिथिलाक प्रवासी समाज जिनका परिवारमे एहि व्यंजन सभकें अपनेसँ बनेबाक फूर्सत नञ छन्हि हुनका सभकें एहि व्यंजन सभक प्रति ममत्व आओर आकर्षण देखबामे अबैत अछि। ठीक उनटा जिनका परिवारमे अपना हाथसँ अथवा सनेसक रूपमे ई वस्तु प्राप्त होइत छन्हि हुनका सभक हेतु “घरक मुर्गी दालि बरोबर” लगैत छन्हि।
प्रवीणः मिथिलाक परिकार सब दूर परदेश मे तैयार करय मे कतेक समस्याक सामना करय पड़ैत अछि?
अमरनाथः कोनो काजक शुरुआती दौर कठिन होइते छइ ताहुमे मिथिलाक व्यंजन सेहो परदेशमे समस्या स्वभाविके होमक चाही। तथापि दिल्ली देशकेँ राजधानी छी आओर एहिठामक बाजार एशिया महाद्वीपक श्रेष्ठ बाज़ारमे जानल जाइत अछि, तेँ हमरा सनक लोक सभकें कठिनाह नञ लगतनि। हलांकि आबतँ मिथिलाक किछु गाममे संस्थाक स्वयं सहायता समूह (Self Help Group – SHG) द्वारा व्यंजनक निर्माण कार्य शुरू कयल गेल अछि आओर एहिठाम उपलब्ध अछि।
प्रवीणः मिथिलाक उत्पादक मूल्य कोना निर्धारित करैत छी? कि एकरा बाजार मे बिकाय लेल मार्केटिंग आ डिस्ट्रीब्युशन आदिक सेहो इन्तजाम करय पड़ल आ कि सीधे फोन पर अर्डर लैत उपभोक्ता केँ डायरेक्ट डेलिवरी?
अमरनाथः मिथिला गृह उद्योगकें उत्पादक मूल्य बाजारक “ट्रेड चैनल” पर आधारित अछि। एहि संस्थाक प्रोडक्टकेँ दिल्लीक बाजार हेतु “सेल्स & मार्केटिंग” हेतु सुयोग्य टीम अछि जाहि माध्यमसँ डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टमकेँ चलाओल जाइत अछि। मिथिला गृह उद्योगक किछु डायरेक्ट जुड़ल उपभोक्ता छथि जिनका डोर स्टेप आओर कोरियर सेवाक माध्यमसँ वस्तु उपलब्ध कराओल जाइत छन्हि।
प्रवीणः एखन धरि कतेक प्रकारक परिकार बनबैत छी? ओकर शेल्फ लाइफ कोना मेन्टेन होएत अछि? बाजार सँ केहेन आशा करैत छी? वर्ष २०१७ सँ किछु खास अपेक्षा?
अमरनाथः मिथिला गृह उद्योग लगभग पंद्रह तरहक व्यंजन उपलब्ध अछि, क्रमशः आम, अमड़ा, धात्री, हरियर आ लाल मिरचाईकें अँचार जकर शेल्फ लाइफ तीन साल, अदौड़ी, तीसियौड़ी, कुम्हरौड़ी, मुरौड़ी, चरौड़ी, दनौड़ी, तिलौड़ी जकर सेल्फ लाइफ एक साल; साउत, मड़ुआ चिक्कस जकर सेल्फ लाइफ तीन महीना आओर जनेऊ एक साल उपलब्ध अछि। समय-समय पर रौदमे देमअ परैत छैक जाहिसँ फंगस आदिसँ बचाव आ सेफ रहैत छैक।
नववर्ष २०१७ मे बाजारसँ बहुत बेसी अपेक्षा अछि, एहि उद्योगकेँ प्रचारित प्रसारित करबाक हेतु मीडिया आ खासकँ मैथिली मीडियासँ बहुत बेसी अपेक्षा अछि आओर भरोसा अछि एहि क्षेत्रसँ जुरल लोक “मिथिला गृह उद्योगकेँ” अपना कलमसँ प्रोत्साहित करताह आओर सफल बनेताह। हार्दिक आभार हरिः हरः!! जय श्री हरि:!!