नग्नताक प्रयोग मे चूकः मैथिली फिल्मक बाजार नहि बनय दैछ?

Is nudity the compulsion for films?

Does sex sell more or attract the crowd to silver screen?

rangoliई दुनू विन्दु पर मैथिली फिल्म केर अवस्था कि अछि?

हम विशेषज्ञ नहि छी। हमरा जिज्ञासा एहि लेल बनि रहल अछि जे ‘मैथिली-मिथिला’ केर वर्तमान क्रान्ति युग मे मैथिली फिल्म केर फेल्यर कि सब छैक – से जानय लेल उत्सुक छी।

हालीवूड फिल्म विश्लेषक जार्ज रश केर एकटा लेख पढलहुँ ‘द नैकेड ट्रुथ अन न्युडिटी इन फिल्म’ आर फेर हिन्दी, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, भोजपुरी, बंगाली, आदि विभिन्न भाषाक फिल्मक इवोल्युशन (क्रमागत उन्नति) गाथा सब पर दृष्टि दैत छी त एना बुझाएत अछि जे फिल्म केँ क्राउड मे सक्सेस करेबाक लेल ई मसाला बहुत पैघ फैक्टर होएत छैक।

बहस चाहैत छी एहि विषय पर….. विज्ञ लोकनि विचार राखू!

नोटः एकटा गप त पहिले कहि दी जे न्युडिटी के सेहो एकटा सीमा हेबाक चाही। भोजपुरी भाषा बाजार निर्माण मे बड पैघ सफलता भले एहि नग्नताक प्रदर्शन सँ पेलक, लेकिन आइ ई सम्भ्रान्त वर्गक कम आ उच्छृंखल वर्गक भाषा बेसी बुझाएत अछि। एकटा नमूना फोटो राखि रहल छी। एहेन नग्नताक कथमपि व्यवहार मैथिली मे संभव नहि बुझा रहल अछि।

हरिः हरः!!