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कविचन्द्र विरचित मिथिलाभाषा रामायण – सम्पूर्ण पाठ

स्वाध्याय

– प्रवीण नारायण चौधरी

सम्पूर्ण मैथिलीभाषी लेल अत्यन्त गौरवबोध संग मैथिली मे रामायण पाठ करबाक सुन्दर स्रोत ‘कविश्वर चन्दा झा कृत् मिथिलाभाषा रामायण’ केर पूर्ण पाठ २१ जनवरी २०२५ केँ सम्पन्न भेल अछि । लगभग १ साल लागल । पाठक अर्थ भेल ओकरा पढ़ब, मनन करब आ तदनुसार आरो लोक पढ़ि सकथि ताहि लेल टाइप कय केँ फेसबुक संगहि ‘मैथिली जिन्दाबाद’ वेब पत्रिका पर सेहो प्रकाशित करब । संयोग सँ आब पंडित गोविन्द झा कृत् ‘मैथिली रामायण’ – मिथिलाभाषा रामायण केर हिन्दी अनुवाद सेहो भेटि गेल अछि । आगामी दिन मे एहि हिन्दी पाठ केँ मैथिली मे अनुवाद करैत मैथिली जिन्दाबाद पर प्रकाशित करबाक निर्णय कयल अछि । अपन मैथिली भाषाक साहित्यिक सामग्री मे चन्दा झा कृत् रामायणक बहुत उच्च स्थान त अछिये, स्वाध्याय लेल एहेन सुन्दर आ पवित्र सामग्री भेटनाय स्वयं श्री सीताराम भगवानक विशेष कृपा मात्र थिक । आउ, पहिने अध्याय अनुसार विषय सूची सेहो पंडित गोविन्द झा अनुसारेण एहि ठाम सूचीबद्ध करी ।

विषय-सूची

*बालकाण्ड

१. पहिल अध्याय – मंगलाचरण व प्रस्तावना, सुत-शौनक संवाद, नारद-ब्रह्मा संवाद, शिव-पार्वती संवाद, रामकथा, राम-रहस्य और रामगीताक माहात्म्य

२. दोसर अध्याय – ब्रह्मा द्वारा विष्णु सँ अवतार लेबाक अनुरोध

३. तेसर अध्याय – दशरथक पुत्रेष्टि यज्ञ और चारि पुत्रधनक प्राप्ति

४. चारिम अध्याय – विश्वामित्र द्वारा दशरथ सँ राम-लक्ष्मणक याचना, रामचन्द्र द्वारा ताटका, सुबाहू आर मारीच सँ युद्ध

५. पाँचम अध्याय – राम आर लक्ष्मणक मिथिला प्रस्थान, अहिल्योद्धार

६. छठम अध्याय – राम आर लक्ष्मण केर जनकपुर जायब, राम केर फुलबाड़ी जायब आ सीता केँ देखब, यज्ञ केर अन्त, राम-लक्ष्मणक सबामण्डप पर पहुँचब, धनुर्भंग, सीताक विवाह, परशुरामक क्रोधित होयब आर फेर झुकब

*अयोध्याकाण्ड

१. पहिल अध्याय – विष्णु संवाद लय कय नारक राम लग पहुँचब

२. दोसर अध्याय – राम केँ राजतिलक लेबाक प्रस्ताव आ तैयारी, सरस्वतीक चाइल सँ मन्थरा द्वारा कैकेयी केँ बहकायब

३. तेसर अध्याय – राम केँ वनवासक आज्ञा

४. चारिम अध्याय – लक्ष्मण आ सीताक वन जेबाक आग्रह

५. पाँचम अध्याय – वन वास्ते राम, लक्ष्मण आ सीताक प्रस्थान, निषादराज गुह सँ भेंट

६. छठम अध्याय – गंगा पार करब, भरद्वाज केर आश्रम मे जायब, चित्रकूट पहुँचब आ वाल्मीकि सँ भेटब

७. सातम अध्याय – सुमन्त्रक अयोध्या घुरब, दशरथक श्रवणकुमार केर कथा सुनायब आ प्राणत्याग करब

८. आठम अध्याय – भरत केर राज्य-अस्वीकृति, राम केँ घुमेबाक प्रयास

९. नवम अध्याय – राम केर भरत सँ भेंट, राम केर चित्रकूट सँ दंडक वन दिश जायब आ अत्रि सँ भेंट

 

*अरण्यकाण्ड

 

१. पहिल अध्याय – विराध केर मुक्ति

२. दोसर अध्याय – शरभंग ऋषिक मुक्ति, सुतीक्ष्ण मुनिक आश्रम जायब

३. तेसर अध्याय – राम केर अगस्त्यक आश्रम मे जायब

४. चारिम अध्याय – राम केर जटायु सँ भेंट, लक्ष्मण केँ ज्ञानोपदेश

५. पाँचम अध्याय – काममोहित शूर्पणखाक राम-लक्ष्मण लग पहुँचब, लक्ष्मण द्वारा नाक-कान काटब, श्री राम द्वारा खर-दूषण केर वध, शूर्पणखाक लंका-गमन आ रावण केँ सीता हरण लेल उकसायब

६. छठम अध्याय – रावणक मारीच लग जायब आ मारीच केँ माया-मृग-रूप धारण करब

७. सातम अध्याय – रावण द्वारा सीताक हरण, रावणक जटायु सँ युद्ध

८. आठम अध्याय – जटायुक मृत्यु

९. नवम अध्याय – कबन्ध-वध

१०. दसम अध्याय – शबरी सँ भेंट आ ओकर मोक्ष-प्राप्ति

 

*किष्किन्धाकाण्ड

 

१. पहिल अध्याय – राम केर पम्पासर जायब

२. दोसर अध्याय – बालि आ सुग्रीव युद्ध तथा बालि वध

३. तेसर अध्याय – ताराक विलाप, राम द्वारा उपदेश, सुग्रीवक राजा बनब

४. चारिम अध्याय – सुग्रीव द्वारा सीताक खोज मे दूत पठायब

५. पाँचम अध्याय – राम केर किष्किन्धा मे चातुर्मास्य, विरह-वर्णन, सुग्रीव पर लक्ष्मणक कुपित होयब

६. छठम अध्याय – सुग्रीवक अपन सेनाक परिचय राम केँ देब आ सेनाक प्रस्थान, स्वयंप्रभा केँ रामक दर्शन, मोक्ष

७. सातम अध्याय – घबरायल अंगद केँ हनुमानक उपदेश, सम्पाति सँ भेंट आ लंकाक पता लागब

८. आठम अध्याय – सम्पातिक आत्मकथा आर आध्यात्मिक उपदेश

९. नवम अध्याय – हनुमानजी केँ लंका लेल विदा करब

 

*सुन्दरकाण्ड

 

१. पहिल अध्याय – हनुमान-लंका-गमन, सुरसा, सिंहिका, लंकिनी सँ सामना

२. दोसर अध्याय – सीताक खोज लेल निकलल हनुमान केर रावणक महल मे घूमफिर, अशोक वाटिका मे रावण द्वारा सीता केँ भय देखायब, सीताक विलाप

३. तेसर अध्याय – हनुमान-सीता-संवाद, हनुमान द्वारा वाटिकाक फल खायब, गाछ तोड़ब; मेघनाद द्वारा बन्धन

४. चारिम अध्याय – रावणक दरबार मे हनुमानजी सँ संवाद, हनुमानजीक पूँछ मे आगि लगायल गेनाय आर लंका दहन, हनुमानक सीता सँ विदा लेनाय, मधुबन उजाड़नाय आ राम लग घुमनाय

 

*लंकाकाण्ड

 

१. पहिल अध्याय – राम केर सेनाक तैयारी आ लंका-प्रस्थान

२. दोसर अध्याय – रावणक विचार-विमर्श, विभीषणक चेतावनी

३. तेसर अध्याय – विभीणक राम केर शरण मे आयब आर अभिषेक प्राप्त करब, रावणक गुप्तचर रामजीक छावनी मे आयब, समुद्रक मान-मर्दन आ सेतु बनेबाक तैयारी

४. चारिम अध्याय – रामेश्वर शिव केर स्थापना, पुल केर निर्माण, गुप्तचर शुक केर मुँह सँ रामक सेनाक वर्णन

५. पाँचम अध्याय – रावण द्वारा शुक केर अपमान, शुक केर कथा, माल्यवान केर निष्कासन, राम केर बाण सँ रावणक मुकुट खसब, मन्दोदरी द्वारा रावण केँ बुझायब, अंगद केँ दूत बनाकय रावण लग पठायब आ बातचीत करब, अंगद केर लौटब, प्रभंजन वध, राम-रावण केर घमासान युद्ध

६. छठम अध्याय – रावण केर राम सँ युद्ध करब, लक्ष्मण केँ शक्तिबाण लागब, संजीवनी लयबाक प्रयास, कालनेमिक कथा

७. सातम अध्याय – रूपमालीक कथा, हनुमान द्वारा कालनेमि वध, युद्ध सँ घबराकय रावण द्वारा कुम्भकर्ण केँ जगायल जायब

८. आठम अध्याय – कुम्भकर्णक वध, युद्ध मे मेघनादक आयब आ तान्त्रिक साधना करब

९. नवम अध्याय – मेघनादक तान्त्रिक साधना मे बाधा एवं वध, सुलोचनाक विलाप आ सती होयब

१०. दसम अध्याय – रावणक शुक्राचार्य सँ मंत्र लय साधना करब, राम द्वारा विघ्न

११. एगारहम अध्याय – राम-रावण युद्ध आ रावण-वध

१२. बारहम अध्याय – विजय के बाद राम द्वारा विभीषण आदिक प्रति कृतज्ञता ज्ञापन, सीता केँ समाद देनाय, हुनकर लौटब तथा अग्नि परीक्षा

१३. तेरहम अध्याय – सब देवता लोकनिक राम केर स्तुति करब, अग्निदेव द्वारा वास्तविक सीताक लौटायब, राम केर सदल-बल अयोध्या लेल प्रस्थान

१४. चौदहम अध्याय – पुष्पक रथ सँ राम केर सदल-बल अयोध्या पहुँचब

१५. पन्द्रहम अध्याय – राम-राज्याभिषेक, देवगन्धर्व आदि द्वारा स्तुति

१६. सोलहम अध्याय – राज्याभिषेक केर उपलक्ष मे इनाम बाँटब, विभीषण आदि केँ विदा करब, रामायणक माहात्म्य

 

*उत्तरकाण्ड

 

१. पहिल अध्याय – रावणक जन्म केर कथा

२. दोसर अध्याय – रावण आदिक तपस्या, वर पायब तथा विवाहादिक कथा

३. तेसर अध्याय – वाली आ सुग्रीवक जन्मक कथा, सनत्कुमार द्वारा रावण केँ उपदेश

४. चारिम अध्याय – रावण केर श्वेतद्वीप जायब आ पराजित भ’ रामक हाथे मरबाक कामना करब, शम्बूक केर वध, लोकापवाद केर पसरब आ सीता केँ वनवास, सीताक वाल्मीकिक आश्रम मे जायब

५. पाँचम अध्याय – सीताक विरम मे राम केर आध्यात्मिक चिन्तन, शत्रुघ्न द्वारा लवणासुर केर वध आ मथुरा मे राजधानी बनायब, कुश आ लव केर जन्म एवं शिक्षा-दीक्षा, राम केर अश्वमेध यज्ञ करब, गुरुक संग कुश-लव आगमन

६. छठम अध्याय – कुश आ लव केर गीत केँ रामक कान मे पड़ब, राम द्वारा हुनका दुनू पहचान करब, सीताक धरती मे प्रवेश, उदास राम केर आध्यात्म-चिन्तन मे लीन होयब तथा माता सब केँ उपदेश देनाय

७. सातम अध्याय – रामक भ्राता व सन्तान सब केँ राज्याभिषेक, कालपुरुषक आगम आ लक्ष्मणक स्वर्ग जायब

८. आठम अध्याय – राज केर सब बन्धु-बान्धव, प्रजाजन-सहित स्वर्ग प्रस्थान, रामायणक माहात्म्य

 

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