विचार
– प्रवीण नारायण चौधरी
सन्दर्भः मिथिला पर्सन अफ द ईयर
“कने जल्दी फोन करू” – किसलय कृष्ण जी मैसेज केलैन। फोन जल्दी करू माने कोनो बात गम्भीर अछि – अतः तुरन्त फोन कएल आ जनतब भेटल जे एक अति विशिष्ट संस्था आ एकर संस्थापक पुर्णियां सँ भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी एकटा विशेष आयोजन करबाक प्रस्ताव देलनि अछि जाहि मे मिथिलाक स्वत्व आ मैथिल पहिचान प्रति समर्पित विभिन्न विधा मे कार्यरत व्यक्तित्व सब केँ ‘पर्सन अफ द ईयर’ सम्मान सँ सम्मानित कैल जेबाक अछि। दिसम्बर सालक अन्तिम मास थिकैक। भैर सालक समीक्षा विभिन्न दृष्टिकोण सँ कैल जेबाक छैक। मिथिला केँ अपन राज्य त छैक नहि जे राजकीय आयोग अथवा समिति अथवा कोनो विशेष भारवहन कएनिहार समूह द्वारा ई समीक्षा करैत ‘पर्सन अफ द ईयर’ केर घोषणा कैल जेतैक, तऽ स्वाभाविके रूप मे ‘किसलय कृष्ण’ समान पूरे देश-विदेश मे मैथिली-मिथिला अभियान केर संचालन कएनिहार व्यक्तित्वपर आयोजक संस्था भार सौंपि ई महत्वपूर्ण काज पूरा करबाक लेल निर्णय करैत छथि जाहि मे संयोगवश हमरो नाम देल जाएत अछि जे हम सर्वोत्तम अभियानी छी। हमरा जखन कि अपना-आप पर भरोसा एतेक नहि अछि जे हमहीं सर्वोत्तम छी किंवा ‘पर्सन अफ द ईयर’ लेल एलिजिबल (योग्य) छी, तथापि किसलयजी ई जानकारी करौलनि आर फेर अशोक कुमार सहनी केर बधाई संदेश प्राप्त होएत अछि। पूछला पर ओ कहलैन जे ‘मिथिला मिरर’ पर समाचार देखल आ अप्पन मिथिला पर सेहो एकरा फोरवार्डिंग दैत आगू विस्तार देल अछि।
आइ भोरे-भोर नींद टूटैत अछि त अति प्रिय भाइ रमन चौधरी चेन्नई सँ एकटा स्क्रीन-शाट पठबैत जिज्ञासा करैत पूछैत छथि जे ‘मनुवादी बिलटू पासवान’ के छथि। फोटो देखला पर पता चलल जे मनुवादी बिलटू उपरोक्त पर्सन अफ द ईयर सम्बन्ध मे अपन चिर-परिचित अन्दाज मे सवाल ठाढ केलैन अछि। हुनकर मनसाय आरो किछु होएन, हम ई स्पष्ट बुझि रहल छी जे ‘पर्सन अफ द ईयर’ केर चुनाव प्रक्रियापर ओ निश्चित रूप सँ आंगूर उठौलनि अछि। पूर्वहु मे अटल मिथिला सम्मान, मिथिला विभूति सम्मान, मिथिला रत्न सम्मान, आदि अनेकानेक सम्मान केर बँटवारा निजी स्तर पर कतेको रास संस्था द्वारा कैल गेल अछि। मैथिली मे संचारकर्म, चित्रकला, गायन, अभिनय, आदि विभिन्न क्षेत्र मे सेहो अपना-अपना तरहें लोक सब सम्मानक बँटवारा करैत रहला अछि। वर्तमान समय मैथिली-मिथिला केर वर्चस्व सोसल मीडिया पर कम सँ कम उच्च मूल्यांकन प्राप्त करैत देखि विभिन्न संघ-संस्था एहेन आयोजन आरो बैढ-चैढकय करय लागल अछि। अतः सब संस्था अपन सीमित साधन सँ कोनो न कोनो उपलब्धिमूलक आयोजन करैत अछि वैह बहुत मानैत छी। मुदा ताहि आयोजन पर सवाल ठाढ करब, आलोचना करब, दूसब, अपन बात घोंसियायब… ई सब काज एहेन मैथिल द्वारा होएते रहल अछि जे स्वयं न करता न किनको करैत देखि प्रसन्नता पेता। एहेन वर्ग केँ हम निकम्मा-ढोंगी केर संज्ञा सँ एकटा गीत सेहो समर्पित कय चुकल छीः निकम्मा-ढोंगी रे गप के तूँ तीर नहि चला…!
एहेन कतेक रास फेक आइडी बनाकय नव उभैर रहल मिथिलावाद केर बारे भ्रम पसारबाक काज होएत रहैत अछि। हमरा सब केँ आन-आन वाद मे लागि अपन मूल माटि-हावा-पानि आ क्षितिज – ओज सब किछु हेरायल जेबाक कटु अनुभव भेट गेल अछि। लेकिन समुचित शिक्षा आ संस्कार सँ वंचित अधिसंख्य मनुष्य (मिथिलाक सुच्चा लोक) केँ सेहो एकर जानकारी करबैत अपन सनातन मैथिल पहिचान केर रक्षा लेल आगू बढबाक अछि। लेकिन जाति-पाति आ धर्मक नाम पर विभाजन करैत सत्ताक सुख मे आलिप्त एहेन कतेको लोक छद्मरूप मे महकारी-टिपौरी-गोलैसी देबय अबैत रहैत अछि। एकर असल पहिचान करबाक हो तऽ सीधे कोनो जनसभा मे आबिकय एतबे बात बाजय लेल चुनौती दियौक आ फेर देख लियौक जे कैसा रंगा तेरा…. ई नकली लोक सब अपने नांगड़ि सुटका केँ-केँ करैत कुकुरपरान परायत।
हँ! ई जरुर उचित होयत जे चुनल गेल प्रत्येक ‘पर्सन अफ द ईयर’ केर विषय मे ई जरुर देखल जाय जे २०१६ मे हुनका द्वारा कोन-कोन उपलब्धिमूलक काज कैल गेल अछि। कि ओ सचमुच पर्सन अफ द ईयर होय योग्य छथि? आयोजक संस्था केँ एक-एक व्यक्तिपर शोध करैत लिटरेचर राखय पड़तनि, नहि त सही मे सम्मानक सेहो असम्मान होयत। भीड़भाड़ मे हाथ घोंसियेनाय आ पाकेटमारी केनाय मिथिलाक कोनो हितसाधन नहि करत। अतः हमर निजी तौरपर अनुरोध अछि जे सम्मान देबाक निर्णय सँ पूर्व हरेक व्यक्तित्व पर एकटा आलेख जरुर आम जनमानस मे उपलब्ध करायल जाय। एकर अभाव मे हम स्वयं सम्मान ग्रहण करय सँ वंचित रहब, कारण हमरा सम्मानक कोनो लिलसा नहि अछि। एतय किसलय जी केँ टैग करैत आयोजक संस्था धरि अपन बात पहुँचाबय चाहि रहल छी। आम जनमानस केँ एकटा आश्वासन देबय चाहि रहल छी जे ‘सम्मानक असम्मान’ केर पहिल विरोध हमहीं करब, अपने सब केँ क्षुद्र आलोचना करबाक कोनो प्रयोजन नहि।
हरिः हरः!!