विचार
– आश नारायण ठाकुर, मधुबनी
तीन दिन पहिले, पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादक द्वारा उरी में सत्रह गो सैनिक शहीद भेलाक बाद भारत सरकार केर रणनीति बनल जे पाकिस्तान केँ विश्व समुदाय में अलग थलग कैल जाय । घटनाक किछुए समय उपरान्त रुस केर राष्ट्रपति पुतिन द्वारा पाकिस्तान संग आगामी युद्ध अभ्यास स्थगित कैल गेल । एहि घटना केँ भारतक उपलब्धि सँ जोड़िकय देखल जा रहल अछि ।
लेकिन आइ जहन नवाज शरीफ आ सुषमा स्वराज संयुक्त राष्ट्र केँ संबोधित करता ताहि समय अमेरिकाक दुगो हाउस ऒफ रिप्रेजेन्टेटिव केर सदस्य टेड पो आ डाका रोहराबाचार पाकिस्तान केर आतंकवादी राष्ट्र घोषित करबाक लेल बिल पेश केला अछि सदन मे । आब प्रश्न ई अछि जे ई बिल आगा बढत वा नहि? इ यक्ष प्रश्न अछि ।
आइ ई विश्व आतंकवाद केर गम्भीर समस्या सँ संघर्ष कय रहल अछि । ई आतंकवाद केर खाद पैन दै मे सर्वाधिक योगदान अमेरिका कय रहल अछि । शीत युद्ध समाप्त भेलाक बाद अमेरिका केर एकटा नव ब्यापार शुरु केलक आतंक केर फैक्ट्रीक । एकर शुरुआत भेल रुस अफगानिस्तान केर युद्ध सँ, जहन अमेरिका अफगानिस्तान में तालिबान आ ओसामा बिन लादेन केँ जन्म देलक । जकर अन्तिम परिणाम न्यूयार्क पर लादेन केर कहर देखैत भेल ।
ईरान आ इराक केर मध्य आठ वर्ष तक चलयवला युद्ध अमेरिकाक युद्ध सामग्री केर ब्यापार क्षेत्र बनल । इजरायल आ अरब कंट्री केर संघर्ष जगजाहिर अछि जाहि में अमेरिकाक हाथ फिलिस्तीन आ इजरायल दुनुक पीठ पर छल ।
वर्तमान में बगदादी द्वारा बनायल गेल संगठन इस्लामिक स्टेट संपूर्ण विश्व केँ आँखि देखा रहल अछि । सीरिया मे बसर अल असद सरकार केर विद्रोही गुट केँ अमेरिका आ तुर्की द्वारा भरपुर मदद कैल जा रहल अछि । बसर सरकार केर समस्या अछि जे ककरा सँ पहिले निपटी विद्रोही स या बगदादी स । अमेरिका दंभ भरि रहल अछि जे हम बगदादी केर आतंक केँ खात्मा करब परन्तु सवाल ई अछि जे बिना सीरिया सरकार आ सेना केर मदद के ई कतय धरि संभव अछि? जबाब अछि नै, कियैक त कुनू शक्ति एक संग दूटा प्रतिस्पर्धी केँ मदद नहि कय सकैत अछि । यैह स्थिति अमेरिका कय अछि । कहल जाएत अछि जे बगदादी केँ सम्पन्न बनाबय में सेहो एकरे हाथ छैक ।
उपर्युक्त तथ्य सँ ई साफ अछि जे अमेरिका केँ एहि आतंकवाद मे आर्थिक स्वार्थ छुपल अछि । आतंक बढतैक, युद्ध हेतैक, जाहि मे ओकर ब्यापार बढतैक, युद्ध सामग्री बिकेतैक। आर एना मे ओ विश्व केर स्वकथित सरपंच बनले रहत ।
आब चलैत छी अमेरिकी सदन मे पेश आजुक पाकिस्तान विरोधी बिल पर । जानकार सबकेँ कहब छनि जे ई बिल पेश भेला स एकटा काज जरुर भ सकैत अछि जे पाकिस्तान केँ भेटयवला अमेरिकाक आर्थिक मदद किछु दिन रुकि सकैत अछि । ई बिल एकटा चीज आरो साबित करत जे अमेरिका द्वारा आतंकवाद केँ समाप्त करबाक प्रति प्रतिबद्धता, अगर ई बिल आगा बढत त कहल जा सकैत अछि जे ओ आतंकवाद केँ सफाया करय लेल संकल्पित अछि । आर आगा नहि बढला स ओ आतंकवाद केर आर में अस्त्र-शस्त्र केर ब्यापार प्रति संकल्पित अछि ।
(विचारक सतघरा, मधुबनी मे शिक्षक सेहो छथि। मिथिलाक विचारक मे अन्तर्राष्ट्रीय मुद्दा प्रति सचेतनाक एकटा नमूना मात्र थीक ई आलेख।)