बिहार मानि लेने अछिः मिथिला आइ न काल्हि अलग हेब्बे करत

विचार

– राम बाबु सिंह, मधेपुर (कलुआही) – हाल दिल्ली सँ

ram babu singh groupमिथिला एक समृद्धशाली क्षेत्र, संगहि पावन तपोभूमि केर रूप मे चर्चित आर अदौकाल सँ पृथ्वीलोक व देवलोक दुनु ठाम अपन योगदान सँ चर्चा मे स्थापित देश रहल अछि।

जानकीक मिथिला विदेहराज जनकक गौरवशाली इतिहास थिक जकर साक्ष्य पौराणिक ग्रन्थ में उद्धृत अछि। जाहि मिथिलाक गुणगान समस्त लोक में होय छल से भारतक आजादी सँ लS कऽ वर्तमान धरि सरकारी उपेक्षाक केंद्र बना देल गेल अछि। अतीतक अद्भुत तंत्र केँ बचाबय हेतु, साँस्कृतिक धरोहर केँ सहेजक लेल संघर्ष करS पर पर विवश होमS पड़ि रहल अछि। मिथिलाक गौरवगाथाक इतिहास आ भूगोल देखि स्वयं केँ धन्य मानैत छी जे ओहि भूमि पर जन्म भेटल।

हमरा सबहक सांस्कृतिक विरासत आइ दुइ देश मे पसरल अछि। हम बात कय रहल छी नेपालक ११ गोट जिला जतय अपन मैथिल भाइ‍-बन्धु रहैत छथि। नेपाल आ भारतक मैथिल पहिचानक विभिन्न जाति-समुदाय में वैवाहिक संबंध आर एक-दोसरा सँ जुड़ल रोजगारक कारणे बेटी-रोटीक सम्बन्ध खूब प्रचलित अछि। नेपालक मैथिल केओ आन नहि बल्कि हमरे मिथिला समाजक लोक जे सीमावर्ती क्षेत्र सँ सटल नेपाली भूभाग में रहय छथि। ओहो सब मिथिला संस्कृति आ सभ्यताक प्रचार-प्रसार समस्त नेपाल में कएने छथि आ कय रहल छथि।

सौभाग्य देखू जे आइयो जानकी जीक प्रसिद्ध जनकपुर मन्दिर नेपाल मे अछि जखन कि सीताक जन्मस्थल पुनौराधाम सीतामढ़ी भारतक मिथिला में अछि। धनुषाधाम नेपाल में जतय राजा जनक सीता स्वयंवर हेतु धनुष यज्ञक प्रण कएने छलाह आ फूल लोढ़बाक स्थल फूलहर (गिरिजास्थान) मधुबनी भारतक मिथिला में अछि। एहेन आरो बहुते रास ऐतिहासिक महत्वक स्थान अदौकाल सँ नेपाल आ भारतक बीच सुमुधर सम्बन्धक तरफ इशारा कय रहल अछि। तेँ ई हमरा सबहक दायित्व अछि जे दुहो देशक मैथिलकेँ अपनहि सर-समाँग आ समाजक लोक बुझी चाहे ओ कोनो आने ठाम किएक नहि रहय।

राजनितिक उपेक्षा लेल मैथिल राजनेता केँ जतेक भर्त्सना कएल जाए ओ कमे बुझू। शुरुए सँ एतुका नेतागण आन प्रदेशक नेताक पिछलग्गू रहलाह आ एखनहु कोनो बेसी परिवर्तन नहि भेल अछि। हिनका सभ केँ अपने पेट पहाड़ छनि। भारतीय राजनीति केर षड्यंत्रक शिकार मिथिला साल दर साल अपन विरासत में भेटल यश-वैभव-समृद्धि सँ नीचा खसैत चलि गेल आ एखन त परिस्थिति अत्यंत दयनीय भ चुकल अछि।

मिथिला राज्यक परिकल्पना भारतक आजादी सँ शुरू भऽ गेल छल मुदा राजनैतिक महत्वाकांक्षी षड्यंत्र केर कुचक्र में सदैव ओझराबैत रहल। पहिने भाषाक विरुद्ध षड्यंत्र कएलक मुदा अटल जीक सरकार 22 दिसम्बर 2003 केँ संविधानक आठम अनुसूची मे मान्यता प्रदान कय राज्य निर्माण मे भाषाक अड़चन केँ समाप्त कय देलनि। लेकिन तेरह साल सँ बेसी समय बीत गेलाक बादो षड्यंत्रकारी लोकनिक षड्यंत्र अविरत जारी रहल अछि। कखनो अंगिका समान मैथिलीक एक विशेष बोली केँ भाषाक दर्जा दियेबाक रग्गड़ ठाढ करैछ त कखनो बज्जिका केँ भाषाक रूप मे सोझाँ राखि असली मुद्दा मिथिला राज्य सँ भटकेबाक दुष्चक्र कय एहि क्षेत्र केर उपेक्षा करैत रहलाह अछि। एकर सबसँ प्रमुख कारण मैथिल राजनीतिज्ञ छथि जे अपन गोटी सुतारय में विदेहराज जनकक प्रतिष्ठा केँ कनिको ध्यान नहि राखि रहल छथि आ अपन मातृभूमि केँ दोकान बूझि नफा नोकसान में लागि मिथिला क्षेत्रक वासिन्दा केँ जाति व धर्मक नाम पर तोड़िकय निज स्वार्थ सिद्ध करैत छथि, धरि ओहि निमुखा वोट देनिहार जनताक चिरकालीन हित लेल कोनो टा कार्य नहि कय पबैत छथि। जखन कि बिहार में आधा सँ बेसी जिला मिथिलाक्षेत्र में पड़ैत अछि, तेकर बादो राज्यक बजट आ विकास योजना मे औचित्य मुताबिक कोनो कार्य होएत नहि देखाएत अछि। यैह उपेक्षाक विरुद्ध आब आम जनजागरण होमय लागल अछि आर वर्तमान में हवाक दिशा बदलि रहल अछि।

हमरा सबहक स्थिति में लगातार गिराबट के किछु प्रमुख कारण पर प्रो. कृपानन्द झाक रिपोर्ट कहैत अछि जे आर्थिक रूपे जतय हमरा सब 1965 में समस्त भारतक प्रति व्यक्ति आमदनी 1 रुपैया छल ततय मिथिलाक लोक केर 71 पैसा मात्र प्रति व्यक्ति आमदनी छल, आब सेहो घटि कय 2011 मे आबि 19 पैसा रहि गेल अछि। ई कोनो सुनल सुनएल गप्प नहि थिक। एकगोट सर्वेक्षणक रिपोर्ट केर अनुसार डाटा अछि जकर सर्वे कर्ता छलाह सुब्रह्मण्यम स्वामी आ हिनकर चेला लोकनि। आशय ई अछि जे पछिला 50 साल में मिथिलाक आर्थिक स्थिति खराब होयत गेल आ सरकार आँखि मुनि पड़ल रहल। वर्तमान आर्थिक रिपोर्ट अहु सँ खराबे हएत तकर आकलन परिस्थिति देखि बुझि सकैत छी।

मिथिला क्षेत्र सँ टैक्स केर नाम सँ कएल गेल उगाही सँ कम खर्चा मिथिला में करैत अछि आ बाँचल पाय केर उपयोग दक्षिण बिहार में करैत अछि। उद्योग धंधा त उजाड़ भेल पड़ल अछि कारण समुचित संसाधनक घोर अभाव एहि क्षेत्रक विकासक मूल बाधक अछि। उद्योग धंधा लेल बिजली पहिल आ प्रमुख आवश्यकता थीक। थर्मल पावर प्लांट जे बरौनी मे अछि, कांटी आ रीवा में छल ओ कोयला आधारित बिजली उत्पाद करैत छल। नीतीश कुमार केर सरकार द्वारा पिछला कतेको साल केर बक्यौता पैसा कोल इंडिया केँ भुगतान नहि केलक, कहलाह जे लालू प्रसादक नेतृत्वक सरकार भुगतान नहि कएलनि तेँ हमरो सरकार ई बक्यौता पूरा नहि कय सकैत अछि। आइ ई उत्पाद केन्द्र सबकेँ छोड़ि बक्सर आ बाढ़ में बिजली उत्पाद केन्द्र केर स्थापना कैल गेल अछि।

कनेक सोचु कि जखन एकटा प्लांट अछिए तखन मिथिला छोड़ि बिहार में लगेबाक कुन प्रयोजन? एकटा आर समाचार आयल जे बरौनी थर्मल पावर केँ बाढ़ में विलय कैल जायत, यानि बरौनी केँ बन्द कैल जायत। बिजलीक उत्पाद जे लगभग 1600 मेगावाट छल से घटिकS 240 मेगावाट रहि गेल। एहेन अवस्था में कुन उद्योग धंधा स्थापित हएत जतय बिजलीक अनिश्चितता रहत?

मिथिलाक आर्थिक खाँचा पर अहि सभ प्रकारे प्रहार भ रहल अछि। बिहार सरकार अपन सभटा उद्योग धंधा दक्षिण बिहार में स्थापित कय रहल अछि। कारण बिहार केँ ई आभास भऽ गेल छैक जे मिथिला राज्य आइ न काल्हि छोड़हि पड़त। तेँ मिथिला क्षेत्र में कोनो तरहक विकासक कार्य नहि कय रहल अछि। अंततोगत्वा दू टा सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी देल गेल छल, एकटा बेतिया आ दोसर चंपारण में से जा धरि उठाकय गया नहि ल गेलाह ता धरि ओकर एकेडमिक सत्र चलS नहि देलकै। आ वर्तमान में जे एकगोट दरिभंगा केर IIIT छल सेहो उठाकय बिहटा स्थान्तरित कS देलक आ हम सभ निरीह जेकाँ छोट छिन धरना कएलहुँ मुदा ओकरा रोकि नहि सकलहुँ। कहबाक तातपर्य अछि जे मिथिला सँ एक-एक चीज ल जा रहल अछि, आ एतय सँ लोकपलायन भ रहल अछि।

दोसर चौंकाबय बाला रिपोर्ट अछि शैक्षणिक संस्था के लSक मिथिला जे शिक्षाक केन्द्र छल बिहार सरकार सबटा तहस नहस करय पर तुलल अछि । एखन मिथिला में 1 करोड़ 3 लाख छात्र पर एकगोट विश्वविद्यालय छैक जखन कि भारतक आन राज्य में 21 लाख पर छैक। सर्वे रिपोर्ट 2011 केर थीक आ एखन पहिनेक वनिस्पत संख्या आरो बढ़िए गेल हएत। हमरा सबहक शिक्षाक स्तर जे मूल आधार छल से चौपट कएल गेल, आब हम सभ मजदूर बनि मात्र दोसरक गुलामी कय जीवय लेल मजबूर भेल छी। ई थिक मिथिलाक विडम्बना बिहार सरकारक अनदेखी केर रिपोर्ट जे सत्ते अंग्रेज जेकाँ भागय बेर लूट खसोट करय में लागि गेल अछि। आब बेसी दिन बरदास्त कएनाइ मिथिला क्षेत्रक हित में नहि अछि।

मिथिलाक सपूत जागि गेल अछि। मिरानिसे केर नेतृत्व में सदस्य्ता अभियान तेजी सँ आगू बढ़ि रहल अछि। राष्ट्रीय महासचिव सँग अध्यक्ष आर सेनानी लोकनि अपन सम्पूर्ण शक्ति जनजागरण लेल झोंकि देने छथि। गामे गाम लोक केँ मिथिला राज्य स्थापनाक महत्व आ अभियान केर रुपरेखा पर चर्चा करैत लोकक अपार समर्थन भेट रहल छनि। 8-9 नवम्बर दरिभंगा महाधिवेशन में बिहार सरकार केर जनविरोधी कृति हेतु हुँकार रैलीक जबरदस्त उत्साह देखल जा रहल अछि। जानकी जेना साक्षात एहि आन्दोलन केँ स्वयं नेतृत्व दय रहल छथिन, से जन सम्पर्क अभियान में समर्पित कार्यकर्ताक उत्साहित संख्याबल केँ देखि बुझना जाएत अछि। जय मिरानिसे जय मिथिला जय जानकी।