राम नरेश शर्मा, सुच्चा मैथिल प्रतिनिधि। अगस्त २३, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!

स्पष्ट छैक जे भाषा, संस्कृति आर साहित्य केर संरक्षण लेल सिनेमाक संरक्षण बड जरूरी अछि । सिनेमा केर मजगूती देबाक लेल मूल जननी विधा रंगकर्म पर ध्यान देनाय अनिवार्य अछि। विदित हो जे मिथिलाक मूल धरातल पर विभिन्न गाम व शहरक परिवेशक अतिरिक्त पटना में आंगन, अरिपन ओ भंगिमा सहित अन्य नाट्य समूह, दिल्ली में मैलौरंग आ कलकत्ता में सेहो विभिन्न संस्था केर माध्यम सँ नाटक मंचन होयत अछि। मुदा मायानगरी मुंबई में एखन धरि मैथिलजन केर नीक जनसंख्या रहितो एहि विधा पर केकरहु ध्यान नहि गेल । ओना एहि संबंध में मुंबई केर उपनगर नालासोपारा में पिछला बेर नाटक मंचन लेल एकटा बैसार आयोजित राम नरेश शर्मा व संगी सब द्वारा कैल गेल छल, परञ्च अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन केर आयोजन मे आम व्यस्तताक चलतबे एहि दिशा मे कोनो सार्थक डेग नहि बढि सकल ।
पुनः अभिनेता आ नाट्यकर्मी संजीव मिश्र केर संग सहकार्य कय एहि नियार केँ आगू बढेबाक प्रयाश आरम्भ कैल गेल आर अंततोगत्वा दिनांक 21 अगस्त 2016 केर मुंबईक उपनगर गोरेगांव (प.) केर महेश्वर फिल्म इंटरनेशनलक स्टूडियो में समाजसेवी आ अभिनेता शुभचंद्र मिश्रक सभापतित्व मे एकटा बैसार कैल गेल जाहि में बहुत रास मैथिल समाजसेवी आ फिल्मकर्मी लोकनि अपन उपस्थिति दर्ज करेलनि। कमलकांत झा, शुभचंद्र मिश्र, कमलेश झा, अभिनेता राजीव सिंह, अभिनेता ललितेश झा, निर्देशक संतोष बादल, डायरेक्टर आ अभिनेता मनोज महेशेवर, पं. धर्मानंद झा, निर्देशक मनोज सिंह, अभिनेता आ नाट्यकर्मी संजीव मिश्र, अभिनेता आ गायक सुरेश आनंद, अभिनेता आ गायक विनोद ग्वार, अभिनेता घनश्याम झा, नाट्यकर्मी भास्कर झा, निर्देशक अभिराज झा, अभिनेता अनुप झा, अभिनेता वरूण मंडल, प्रफुल्ल मिश्र, पंकज ठाकुर, अभिनेता राजेश झा, अभिनेता फूल झा, अभिनेता विजयराज यादव, दीपक झा, अभिनेता गोविंद पाठक, अभिनेता प्रेमचंद्र महतो, नाट्यकर्मी संजय झा, लालबाबू शर्मा तथा रामनरेश शर्मा व अन्य गणमान्य व्यक्तित्व सबहक सहभागिता मे उपरोक्त बैसार संपन्न भेल । वरिष्ठ फिल्मकर्मी मुरलीधर कोनो व्यक्तिगत कारणवश नहि आबि सकलाह मुदा फोन पर अपन सहयोग आ समर्थन के आश्वासन देलाह । ओ अपन चीर-परिचित अन्दाज मे कहलैन जे पहिने जोड़ू तखनहि नारियल फोड़ू, एहि बेर बिना नारियल फोड़ने नहि मानल जायत।
बैसार में सबकेयौ नाटक समूह केर आवश्यकता पर जोर देलैन आ नाटक केर मंचन केना हो ताहि पर सेहो गंभीर चर्चा भेल । सबसं पैघ समस्या ई छल जे नाटक में जे खर्च होयत से कतय सँ आओत ? मीरारोड सं समाजसेवी आ अभिनेता अनुप झा सुझाव रखलाह जे ऐ आबै वला छैठ-पाबनि में नाटक मंचन लेल जे खर्च होयत ओ वहन करबाक लेल सम्बन्धित छैठ-पूजा-समिति सँ बात करताह । दहिसर सँ समाजसेवी कमलेश झा सुझाव दैत कहलनि जे हुनक संस्थाक लोक सँ एहि खर्च केँ जुटेबाक लेल बात कैल जायत। ओ सब एकटा शो केर खर्चा वहन करबाक टारगेट लैत बात आगाँ करबाक बात कहलैन । परन्तु एना छिटफुट संस्था सब सँ खर्च जुटेबाक लेल सहमति प्राप्त करयमे समय लागत आर फेर ई प्रस्ताव ठंढा नहि पड़ि जाय तेहेन आशंका बीच समाजसेवी कमलकांत झा कहलनि जे पहिने एतय जतेक उपस्थित सदस्य छी ओ कतेक कोष केर व्यवस्था कय सकैत छी से करू तकर बाद हम बतायब जे हम अपना स्तर सँ की कय सकब । हुनकर एहि उद्घोषणाक संग सर्वप्रथम निर्देशक संतोष बादल आ निर्देशक मनोज सिंह दूनू गोटे भार उठेलाह जे ओ सब यथाशक्ति अपना दिस सँ सहयोगक राशि देबाक संग-संग दस-दस टा व्यक्ति सँ सेहो सहयोग राशि उपलब्ध करेबाक वचन देलनि । ई सुनि सबहक हिम्मत बढलनि आ सबकेओ अपन-अपन राशि केर घोषणा केलाह । तकर बादो अनुमानित खर्चक 50% राशि कम पड़ैत छल । अंत में समाजसेवी कमलकांत झा अंतिम निर्णय दैत कहलाह जे बाँकी राशि हम देब, अहाँ सब नाटक प्रस्तुतिक आगामी कार्यक्रम शुरु करू। एहि तरहें सबकेओ कमलकांतजी केँ धन्यवाद दैत बैसार समाप्त केलाह । सिनेकर्मी आ नाट्यकर्मी सब केर नाटकक तैयारी करै लेल कहि देल गेलैन आ जे किछु समस्या हेतैक ताहि पर अगिला बैसार में निर्णय लेल जायत ।