प्रत्यक्ष अनुभव पर आधारितः ठगक संजाल सँ सावधान
आय सँ लगभग २० वर्ष पूर्व विदेश सँ अहाँक नाम पत्र आबि जाएत छल जे एक मिलियन डालर लाटरी केर विजेता अहाँ बनि गेल छी। ई पत्र देखिते लोक पागल भऽ जाएत छल। ओहि पत्र मे निर्दिष्ट अन्य उपक्रम करबा मे एको मिनट देरी नहि करैत छल लोक।
यथार्थतः जहिया सँ इन्टरनेट पर ईमेल एकाउन्ट खोलबाक प्रचलन भेल आर अहाँ अपन नाम सँ कोनो ईमेल एकाउन्ट खोलबाक लेल अपन नाम, पता आदि शेयर कएलहुँ किंवा कोनो अन्तर्राष्ट्रीय डायरेक्ट्री या न्युज बुलेटिन आदि ग्रहण करबाक लेल सब्सक्राइब केलहुँ, जाहि कोनो विधिये अपन नाम-पता सार्वजनिक रूप सँ नेट पर लोड केलहुँ, तेकरा आधार बनाकय किछु ठगी कएनिहार महाधूर्त लोक सबहक समूह ओहि नाम-पता पर अहाँकेँ बनावटी बात सब सँ भरल पत्र लिखि लोभ मे फँसा लैत छल। एकाएक लाखों रुपया लाटरी मे पड़बाक बात आइये नहि सब दिन मनुष्य केँ लोभ मे फँसबैत रहल अछि आर आब ओहि ठग गिरोहक शिकार अहाँ अपने आप बनय लगलहुँ। ओ अहाँ सँ पासपोर्ट डिटेल लैत छल, एकाउन्ट डिटेल मंगैत छल आर एना बात करैत छल जेना मानू सही मे अहाँक सम्पत्ति ओकर पहरेदारी मे सुरक्षित अहाँ तक पहुँचबाक लेल आब-तब कय रहल छल। दोसर चरण मे अहाँ सँ आवश्यक खर्चा, कुरियर, मनी ट्रान्सफर चार्ज आदिक नाम पर छोट-मोट रकम ओकर एकाउन्ट मे पठेबाक अनुरोध करय आर फेर क्रमशः विभिन्न बहन्ने धीरे-धीरे अहाँ केँ अपन जाल मे फँसबैत ओ लाटरीक धन अहाँकेँ देबाक बदला अहींक कठिन परिश्रम सँ संचित धन आराम सँ लूटैत रहय।
एकरा साइबर क्राइम केर संज्ञा देल गेल आर विभिन्न देश मे एहि बात लेल एलर्ट जारी कैल गेल। किछु लोक ओहेन ठगक समूह केँ अपन पासपोर्ट सेहो पठा देलनि। किछु लोक ओहि धनक लोभ मे ओहि समूहक सदस्य सँ भेंट करबाक लेल विदेश यात्रा पर पहुँचि आपराधिक गतिविधिक शिकार सेहो बनि गेलाह। धीरे-धीरे लोकक भ्रम टूटय लागल आर अन्तर्राष्ट्रीय ठगीक ई धंधा कम भऽ गेल। एखनहु कतेक लोभायल लोक अपन सर्वस्व स्वाहा करैत आबि रहल अछि। चूँकि सब बात मे गोपनीयता रखबाक शर्त देल जाएछ, आर ओनाहू जखन टाका-पैसा एना एकाएक कमेबाक बात रहैत छैक तऽ नीक-नीक लोकक धैर्य जबाब दऽ दैत छैक, ताहि क्रम मे जखन लोकक बहुत किछु नोकसान भऽ जाएत छैक तखन जा कय अन्त मे आँखि खुजैत छैक।
वर्तमान समय भारत, नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान आदि गरीब मुलुक मे सेहो एहेन ठगीक बहुते रास मामिला सोझाँ आबय लागल अछि। एकर शिकार बेसी ओ लोक बनि रहल अछि जे अपन मोबाइल, ईमेल, पता आदिक गोपनीयता नहि राखि पबैत अछि। सामाजिक संजाल पर अपन सब स्टोरी आदि शेयर करैत अछि, ओकर भावना केँ भाँपिकय ठगक गिरोह ओकरा अपन अलग-अलग डिजाइन केर जाल मे फँसा रहल अछि।
भारत व नेपाल मे प्रत्यक्ष भुक्तभोगीक मुताबिक अहाँ केँ पहिने व्हाट्सअप या ईमेल द्वारा लाटरी जितबाक सूचना अबैत अछि। कोनो तरहक पुरस्कार अहाँक भाग्य मे पड़ल ई मैसेज अबिते अहाँ ओहि बातक पाछू पड़ि जाएत छी। बुझनिहार लोक एहेन-एहेन मैसेज केँ स्पैम – फालतू समाद मानिकय नकारि दैत छथि। परन्तु कतेको लोक एहेन रातोरात करोड़पति-लाखपति बनबाक सोह मे अपन सब किछु बिसैरकय ओहि गिरोहक चपेट मे चलि जाएत छथि। ओ गिरोह अपन बुनल जाल मे शिकारी केँ तेना कय केँ फँसबैत अछि जे पुरस्कार ग्रहण करय सँ पहिने अहींक धन लूटि अपना केँ लाखपति-करोड़पति बना लैत अछि आर अहाँ एम्हर ओहि मंगनीक धन प्राप्तिक लोभ मे अपन वर्तमान केँ बर्बाद करैत खाखपति बनि जाएत छी। एकर शिकार बेसीकाल सोझमतिया आ लोभी लोक होएत देखल गेल अछि।
काल्हिक एकटा घटना सुनू! स्टेट बैंक अफ इंडिया केर जोगबनी शाखा मे एकटा सोझमतिया नेपाली नागरिक धरान वार्ड नंबर १५ सँ करीब ३ लाख भारतीय रुपयाक संग पहुँचल। ओकर नाम समथिंग कार्की छल, पिता ठेका-पट्टाक व्यवसायी आ अपने २२-२३ वर्षक युवा छल। भारतीय सेना मे कार्यरत एक पूर्व सैनिक केर संग ओ धरान आबि ओहि सैनिक केर खाता मार्फत काल्हि ३ लाख एहने ठगी कएनिहार ग्रुपक एक ‘राहुल कुमार’ नामक व्यक्ति केर खाता मे जमा करेबाक लेल आयल छल। एहि बीच मे एहेन-एहेन कतेको व्यक्ति अन्जान व्यक्तिक खाता मे ५ हजार सँ १ लाख धरि जमा करेबाक विभिन्न घटना घटित भऽ गेल अछि ई जानकारी स्टेट बैंक केर प्युन कमल बतौलक। ई दुनू नेपाली नागरिक भारतीय सीमाक्षेत्र जोगबनीक स्टेट बैंक सँ पूर्व मे करीब साढे चारि लाख टाका एखन धरि ट्रान्सफर कय चुकल छल, एहि लोभ मे जे उक्त व्यक्ति केर बेनामी चाचा अमेरिका सँ ओकरा नामक गिफ्ट भाउचर आर बहुते रास कीमती सामान भारतक कुरियर मार्फत पठा चुकल अछि। ओहि सामान केर डेलिवरी वास्ते कस्टम खर्चा लागत। से खर्चा पहिने २५ हजार सँ शुरु भेल आर धीरे-धीरे ओ साढे चारि लाख एकरा सब सँ लूटि लेलाक बादो आब बाकी एकमुस्ट ६ लाख केर माँग कएलक, मुदा कहला-सुनला पर ३ लाख मे राजी भऽ गेल। वैह ३ लाख ई सब ओहि खाताधारी केँ पठेबाक लेल आयल छल।
नेपाल सँ बेसी लोक जखन स्टेट बैंक मे काजक लेल अबैत अछि तऽ ओतय उपस्थित सेक्युरिटी गार्ड वा प्युन कमल सँ कनेक फारम भरि देबाक लेल अनुरोध करैत अछि। एहि वास्ते ओ सोझमतिया लोक सब थोड़-बहुत पाइ सेहो सहयोगक बदला मे देल करैत अछि। एकटा नीक तादात्म्य एहि स्तरक ग्राहक आ सेवादायक बीच सेहो एतय बनल देखाएत अछि। कमल केँ काल्हि धरानक उपरोक्त दुइ व्यक्ति सहयोग लेल अनुरोध केलक। कमल जखन एकर सबहक सब बात बुझलकैक, जे पहिने सैनिक केर खाता मे पाइ जमा करब आ फेर ओहि खाता सँ राहुल कुमार नामक व्यक्तिक खाता मे पाइ पठायब, जेकर बदला अमेरिकन अंकल द्वारा पठायल पेन्डिंग सामान केर डेलिवरी कैल जायत… कमल केर कान ठाढ भऽ गेलैक। ओ ओकरा सबकेँ मानवता आ दया सँ भरल वचन कहैत एहि गोरखधंधा सँ दूर होयबाक लेल अनुरोध केलक। ओ तुरन्त एकटा बैंककर्मी अधिकारी सँ ओहि खाता केर स्टेटस चेक करबाक लेल कहलक। ओहि राहुल कुमार केर खाता मे एहेन-एहेन कतेक मुर्गा प्रति दिन फँसैत प्रत्यक्ष देखायल। जहाँ ४० हजार केर बैलेन्स कटय आ कि ओ व्यक्ति पाइ निकासी कय लैत छल। यानि एकाउन्ट क्लियरली फ्राउड अछि। ई ठगक गिरोहक खाता थीक, ओ अधिकारी पुष्टि कएलनि।
मुदा साढे चारि लाख गँवा चुकल ओ दुइ नेपाली नागरिक जिद्द पर छल जे आखिरी पेमेन्ट मंगने अछि, अपन फोन नंबर आ व्यक्तिक पहिचान सेहो देने अछि। तुरन्त बैंक अधिकारी ओहि व्यक्तिक नंबर पर फोन करैत ओकरा सँ पाइ मंगेबाक कारण पुछिते ओ फोन काटि देलक। सब बात स्पष्ट भऽ गेल जे ओ दुनु व्यक्ति एहने ठगक शिकार भऽ चुकल अछि। ओकरा बहुत बुझबैत-सुझबैत बैंक अधिकारी आर हमहुँ वापस नेपाल पठेलहुँ। कहल गेलैक जे साढे-चारि लाख बूरि गेल बुझे, कम सँ कम आजुक ३ लाख जे लूटबितें से बचि गेलौक। एना लोभ मे नहि पड़े! मुदा सच्चाई देखलहुँ जे ओ व्यक्तिक इच्छा सँ ३ लाख पठा देबाक चाही, जाहि सँ ओकरा करोड़ोंक सामान अंकल द्वारा पठेलहा भेट जायत। एहेन मनोदशा देखि बुझा गेल जे ठगी कएनिहार कोन तरहें अपन शिकार केँ मनोवैज्ञानिक तौर पर कन्विन्स करैत अछि। मैथिली जिन्दाबाद अपन पाठकवर्ग केँ सचेत करबाक लेल ई पूरा वृत्तान्त रखलक अछि। आशा करैत छी जे अहाँ सब एहेन ठगीक शिकार नहि होयब। लोभ पापक कारण होएत छैक। सावधान!!