बिहार सँ पलायनः वरदान या अभिशाप

विचार आलेख

– राम बाबु सिंह, मधेपुर (कलुआही), मधुबनी

migration issueप्रगतिशील समाज बनेबाक लेल पलायन जरूर करक चाहि किएक त खेतिहर किसान व मजदूरक स्थिति कहियौ अतेक निक नहि रहल कि मात्र खेतिवारी सँ पारिवारिक दायित्व के संग सामाजिक दायित्व के निर्वाहन मर्यादित जेकाँ कयल जा सकय। मुदा नहि कोनो काज सँ निक कि परिवारक सब कियो एकहि में ओझराएल रहू। किसान आ संगहि मजदुर दुनूक स्थिति राम भरोसे कहक चाहि मतलब ओतेक निक नहि छल। किसान कहियो नहि चाहैथि कि मजदूर गाम सँ दूर कमाय खटाय लेल जाए। समस्याक अम्बार रहैत छल। फसल निर्भरता प्रकृति के दया संग जुड़ल छल आर ई एखनहुँ धरि अछि। कोनो सरकारी सिंचाई व्यवस्थाक ठोस संसाधन नहि। किसान जेकाँ मेहनतिया कियो नै जे जरल वैसाखक रौद हुए चाहे भादवक वरखा सदिखन अपन काज में लीन रहैत अछि मुदा फसल अनुकूल वा नीके होयत तकर सुनिश्चित करय बाला कियो नहि मतलब सब किछ भाग्य पर निर्भर करैत अछि। सरकारी सहायता के नाम पर त मरलाक उपरान्त श्रद्धांजली जेकाँ सहानुभूति किछू भेट जायत अछि।

migration summaryअपन रोजी रोटीक आश , सुन्दर भविष्य के कामना  हेतु लोक गाम घर सँ दूर जाए लागल। शुरुआत में लोक हमरा गाम सँ दरिभंगा पटना धरि जएत छलाह फेर मोरंग नेपाल जतय हमर बाबूजी सेहो जुट मिल्स जोगबनी में अपन पूरा उमर बिता देलखिन्ह। फेर कलकत्ता, दिल्ली, पंजाब आदि.. आदि…। आब एकरा अहाँ किछ कहि सकय छिऐ। ई अपनेक विवेक पर निर्भर करैत अछि कि एहन पलायन के वरदान कहब वा अभिशाप। हमरा लेल वरदान स्वरूप अछि किएक त बाबूजीक जोगबनी पलायन सँ हमर घरक स्थिति सहजता सँ निक आ आर्थिक रूपेण सुदृढ़ भेल जाहि सँ सभक शिक्षा घर द्वारक आवश्यकता सब पूरा भेल। तें रोजी रोटीक लेल घर जा धरि नहि छोड़बै ता धरि सुखी आ सम्मानजनक जीवन जिनाइ दुरूह बात कहि सकय छि। बिनु माया के किछू नै भेटत आ गाम घर में किछू नै क रहल छि तखन बाहर नहि जएब त कोना पूरा हएत अपन जिनगीक सपना ?

migration issue1आई स्वयं जँ पलायन नहि कयने रहितहुँ तखन हमर स्थिति भगवाने भरोसे रहैत। गाम में एखनहुँ संगी लोकनि जे पड़ल रहलाह एखन धरि ओहिना पड़ल छथि। दिन भरि दलाने दलाने तास खेलैत अपन समय के बरबाद कय रहल छथि। तेँ पलायन के अर्थ विकास अछि, निक जीवन यापन करबाक साधन अछि, देश परदेश सँ साक्षात्कार होबाक अवसर अछि, स्वयं के विशाल बाजार में खोलक आ सिद्ध करबाक अवसर प्रदान करैत अछि। पलायन आर्थिक रूप सँ सबल बनेबा में अहम भुमिका प्रदान करैत अछि।

मुदा किछू विशेष वर्गक पलायन जे भ रहल अछि एकर प्रमुख कारण हम सब स्वयं छी। जेना हमर मिथिलाक पहचान छल माटिक खिलौना आ बहुते रास वर्तन जाहि सँ हमरा सब कुम्हार पर निर्भर रहैत छलहुँ आ ई कुम्हारक रोजी रोटीक प्रमुख साधन छल मुदा आजुक परिस्थिति में कनिको ध्यान नहि छनि की हुनकर जीविका कोना चलैत हेतै ? साल में एक बेर दिया बातिक त्यौहार अबैत अछि। सगरो दिशा एकर खूब चर्चा होयत अछि। माटिक दिया संगहि वर्तन सब कुम्हार सँ हम सब मंगबैत छलहुँ। मुदा आई हम सब बिसरि गेलहुँ अपन सांस्कृतिक धरोहर के , मिथिलाक माटिक दिया केर। लोक चाइनीज बाजार सँ सस्ता आ रंग विरंगी देखिकय उठाक ल अबैत छथि । एहन स्थिति में हिनकर अस्तित्व खतरा में पड़ि गेल अछि आब जखन पाय कौडिक दिक्कत हेतै तखन कि पलायन के अलाबा आर की कय सकए। पलायन के एतय कि कहबै वरदान वा अभिशाप।

पलायन मात्र अपन बिहारक समस्या नहि अछि। ई सब ठामक समस्या अछि कतौ कम त कतौ बेसी मुदा पलायन सगरो राज्य में भ रहल अछि आ यएह एकटा विकासक साधन छैक। मुदा चुनाव के समय में पलायन एकटा पैघ मुद्दा बनि जायत अछि जेना कोनो हैजा आ जिनको वाइरस अपन प्रचण्ड रूप में आबि गेल हुए। नेतागण अनर्गल प्रचार करय लगैत अछि कि जेना हिनके लग समाधान छनि। गुजरात पंजाब राजस्थान आदि केर लोक जखन पलायन के पश्चात् कामयाब भ गेल तखन हिनकर महिमामण्डित कयल जएत अछि मुदा बिहार आर यूपी के लोक पलायन बाद सफलताक शिखर पर रहितो तिरस्कार आ बीमार जेकाँ परिभाषित कएल जएत अछि। प्रोत्साहित जँ करबाक साहस नहि हुए तखन किनको हस्तोत्साहित करबाक अधिकार सेहो नै छनि। आन राज्यक पलायन उत्थान अछि मुदा बिहार के पलायन पतन किएक ? इहो कोनो षड्यंत्र भ सकये की बिहारी सब कूपमण्डूक रहय आर निक अवसर सँ वंचित रहय।

महाराष्ट्र गुजरात में अन्धाधुन्ध कल कारखाना छैक  तें कि पटेल समाज के लोक अमरीका सँ अपन होटल बंद कय गुजरात में आबि गेलै की ? सबाल एकटा आओर कि अतेक रास उद्योग धंधा के राहितो किसान केर आत्महत्या किएक नहि रुकि रहल छैक ? चलु मानि गेलहुँ बिहार बीमारू प्रदेश अछि मुदा बिहार में एखन धरि किसान आत्महत्या के खबर किएक नहि सुनल गेल ? कारण हमरा सब अपन मेहनत मजदूरी ईमानदारी आर जिम्मेदारी निक जेकाँ बुझैत छी। काम धाम कय गुजर बसर कयनाइ इज्जत आ मर्यादा बाला काज ठीक वनिस्पत बेरोजगारी सँ आत्महत्या। पलायन रुकि गेला सँ गरीबी मजदूरी समाप्त नै हएत आ नै जिनगी के सबाल ? बिहार में सेहो निक सिस्टम होबक चाही।