आलेख
– राम बाबु सिंह, मधेपुर (कलुआही), मधुबनी
चीनी शारीरिक स्वास्थ्यक लेल कतेक खतरनाक अछि – विस्तार सँ वर्णन कएल गेल अछि पढ़ु आ सोचु।
मिथिलांचलक सर्वोत्तम “फ़ास्ट फ़ूड” दही चुरा चीनी सर्वप्रिय आहार मानल जायत अछि। भोरे भोर जँ जल्दी जएबाक अछि तखन अहि सँ निक कोनो आर सात्विक भोजन नहि भ सकए। अहि पर त हरिमोहन झा जी रुचिगर पोथी धरि लिख देने छथि जे पढ़ि मोन गदगद भ जायत अछि। मुदा उजरका चीनी के सम्बन्ध में किछ विशेष जानकारी भेटल जे प्रत्यक्ष रूप सँ मानव स्वास्थ्य सँ जुड़ल अछि से अपने सब केर समक्ष साझा कय रहल छी। आशा अछि पूरा पढ़ब आ अपन दिनचर्या में आत्मसात करबाक प्रयास करब।
वैज्ञानिक तकनीक के विकाशपूर्व चीनी केर भोजन में प्रयुक्त नहि कयल जएत छल। मिठगर फल वा मिठगर खाद्य पदार्थ केर भोजन में उचित मात्रा में प्रयोग कयल जएत छल, जाहि सँ पुरान लोकक जीवन दीर्घायु आ जीवन केर अंतिम क्षण धरि कार्यक्षमता ठोस बनल रहैत छल। एखनुका काल में लोक में भ्रान्ति बैसल अछि जे उजरका चीनी खएबाक मतलब सभ्य लोकक निशानी अछि आ गुड़, शिरा, बुरा आदि सस्ता शर्करायुक्त खाद्य पदार्थ गरीबक भोजन अछि। यएह कारण अछि कि अधिकतम ऊँच आ मध्य वर्गक लोक में मधुमेह रोगी बहुतायत पाइल जाएत अछि।
श्वेत चीनी शरीर के लेल कोनो पोषक तत्व नहि दैत अछि अपितु ओकरा पचाबक लेल शरीर केँ बेसी ऊर्जाक खर्च करय पड़ैत छैक आर ताहि हेतु शारीरिक उर्जाक उल्टा बेसी ह्रास होयत अछि जाहि सँ शरीर केँ आरो बेसी नुकसान होयत अछि। उजरका चीनी इन्सुलिन बनाबयवला ग्रन्थि केँ सेहो प्रभावित कय इन्सुलिन बनएबाक क्षमता खतम कय दैत अछि। फलस्वरूप चीनी सेवन केर निरंतरता सँ मधुमेह रोग सँ लोक स्वाभाविके रूप सँ ग्रसित भऽ जाएत अछि।
शरीर में उर्जाक लेल कार्बोहाइड्रेट में शर्कराक विशेष योगदान होय छै मुदा एकर अर्थ ई नहि जे रासायनिक प्रकरण केर बाद छांटल बनाएल गेल मतलब परिष्कृत चीनी मात्र उपयोग कएल जाए। उजरका चीनी एकटा नहुँ-नहुँ आ मिठगर जहर ( Slow as White Poison ) जेकाँ शरीर पर काज करैत अछि।
जे कियो गुड़ छोड़ि चीनी सेवन कय रहल अछि हुनकर स्वास्थ्य में सेहो निरंतर गिराबट अएल अछि एहन बहुते सर्वेक्षण रिपोर्ट सबहक आधार पर कहल जाएत अछि। ब्रिटेन केर प्रोफेसर ज्होन यूडकिन चीनी केँ श्वेत जहर कहैत छथि। सिद्ध कएलाह अछि कि शारीरिक सर्वांग शक्ति केर दृष्टिकोण सँ चीनी कोनो आवश्यक नहि अछि। मनुख जतेक दूध, फल, अनाज आर शाकभाजीक उपयोग में ग्रहण करैत छथि, शरीर केर लेल ओतबे बहुत छैक। किछ लोक चीनी केँ त्वरित शक्तिक साधन सेहो बुझैत अछि जे मात्र भ्रमजनित मान्यता अछि, वास्तविकता सँ कोनो लेना देना नै छै। चीनी में मात्र मिठास छैक आओर विटामिन के दृष्टि सँ एकदम कचड़ा जेकाँ बुझु।
चीनी के सेवन सँ रक्त में कोलेस्टोरेल सेहो बढ़ि जाएत अछि जाहि सँ रक्तवाहिनी केर देवाल मोटगर भ जाएत अछि। अहि कारण सँ रक्तदबाब आ हृदय रोगक समस्या सेहो शुरू भ जएत अछि। एकटा जापानी डॉ 20 देश में खोजिकय जानकारी देलक कि दक्षिण अफ्रीका में हब्शी लोक में संगहि मसाई आ सुम्बरू जाति केर लोक में हृदय रोगक नामो निशान नहि अछि कारण ई सब चीनी अपन खाद्य पदार्थ में बिलकुल प्रयोग नहि करैत छथि। अत्यधिक चीनी केर सेवन सँ हाइपोग्लाइसेमिया नामक रोग होयत अछि जाहि सँ शरीर में दौर्बल्य, झूठ सनक भूख लगैत अछि, रोगी कखनो काँपि कय बेहोश सेहो भ जाएत अछि।
चीनी केँ पचबैत काल एकटा एसिड उतपन्न होयत अछि जाहि सँ पेट आर छोटी अँतड़ी में जलन जेकाँ होयत अछि। कुटल गेल पदार्थ 20% बेसी एसिडिटी करैत अछि। चीनी खाए बाला बच्चा के दाँत में एसिड आर बेक्टेरिया उतपन्न भ दाँत केँ पर्यन्त नुकसान पहुँचाबैत अछि। चमड़ी रोग सेहो चीनी केर कारण होयत अछि।
अमेरिका केर डॉ हेनिंग़ट शोध कएलाह कि चॉकलेट में निहित टायरामीन नामक पदार्थ सिरदर्द पैदा करैत अछि। चीनी आ चॉकलेट अध्कपारिक दर्द केर कारण सेहो अछि। अतः बच्चा सभ केँ पिपरमेंट गोली, चॉकलेट आदि मिठगर पदार्थ सँ दूरे राखक सलाह दैत अछि। अमेरिका में 98% बच्चा दाँत केर रोगी अछि जेकर भागीदार चीनी आ चीनी सँ बनल पदार्थ अछि। चीनी केर साफ़ सफाई करबा लेल वा चमकाबक लेल चुना, कार्बन डाईऑक्साइड, कैल्शियम, फ़ॉस्फ़ेट, फॉस्फोरिक एसिड, अल्ट्रामरिन ब्लू आ जानवरक हड्डी केर चूर्ण सेहो उपयोग कएल जएत अछि। चीनी केँ अतेक गरम करैत अछि कि समाहित प्रोटीन नाश भऽ जायत अछि, अमृत बिला जाइछ आर विष समान बनि जायत अछि।
उजरका चीनी ललका मिरचाइ सँ बेसी खतरनाक होयत अछि। वएह सँ वीर्य पानि जेकाँ पातर भ स्वप्न दोष, रक्त दबाब, प्रमेह आर मूत्रविकार केँ सेहो जनम दैत अछि। वीर्यदोष ग्रसित पुरुष आओर प्रदररोग ग्रसित स्त्रीगण चीनीक त्यागि देलाह सँ अद्भुद लाभ उठा सकैत अछि। डॉ सुरेन्द्र प्रसाद केर मानल जाय तँ “भोजन में चीनी केर बिना दाँतक रोग कहियौ स्वस्थ नहि भ सकैछ”।