एक खुल्ला पत्र राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्रीजी केर नाम

माननीय राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री महोदय !

सादर प्रणाम।

madan mohan jhaनिवेदन अछि जे गामघर मे बेशी झंझटि जमीन लs कs होइत छै।न्यायपालिका पर जमीन संबंधी मुकदमाक भार बहुत बेशी होइये।अपनेक संवेदनशील सरकार सँ एहि संबंध मे एकटा नियम बनयबाक निवेदन करs चाहब।

(1)अंचल स्तर पर अंचल अधिकारी,थाना प्रभारी आ’ संबंधित पंचायतक सरपंच आ’ पंचक टीम बनाकs विवादित स्थलक पंचायत मे मासिक कैंप चलाकs दू घंटा मे नीर-क्षीर न्याय देल जा सकैये। एक अंचल मे 20 स 25 टा पंचायत होइत छै। एक्कहुटा छोट-छीन भूमि विवाद कोर्ट नहिजैत आ’ जनताके त्वरित न्याय भेटि जैत। जे न्याय दू घंटा मे भेट सकैये ताहि मे पीढ़ी गुदस्त भए जाइछ। एखन अंचल अधिकारी आ’ कर्मचारी जनताक मजबूरीक लाभ लेबाक चक्कर मे कार्यालय मे बैसिकs सरकारक समयक सत्यानाश करैत छथि।कार्यालय मे काज करबाक लेल बाबू होइत अछि। फिल्ड स्टाफ नहि।

(2)आम जनता कें जमीन संबंधी सबसं बेशी कष्टकारक होइत अछि जमीक दाखिल-खारिज आ’ रसीद कटैब। अनिवार्य सेवाक अंतर्गत देल गेल तत्संबंधी 50% आवेदन के कर्मचारी द्वारा कोनो ने कोनो बहाना लगाकs निरस्त कय देल जाइत अछि। वैह दस्तावेज कोनो जनमाध्यम सं कर्मचारी लग जाइत अछि तs दाखिल-खारिज होयबाक संभावना बढ़ि जाइछ। बेसी मामला मे कहल जाइये जे एहि जमीनक वा तs पूर्वक जमाबंदी नहि अछि अथवा बहुत पुरान अछि। एकर नवका जमाबंदी कायम कराबय पड़त।ई स्थिति त्यंत उपहासजनक अछि। समाज मे विपन्न किसान लगान जमा नहि कय पबैत छलाह। बहुतोके सरकार छूट सेहो देने छलनि। एहन किसानके जौं अपन आवश्यकताक अनुसार जमीन बेचए पड़ैत छनि त क्रेताके लगान देबामे बहुत दोहन होइत अछि। सोचबाक बात अछि जे आखिर नव जमाबंदी कायम के करतै ? कर्मचारी आ’ अंचल अधिकारीक प्रतिवेदन पर डी.सी.एल.आर। तs कोन भयावह बात भेलै ? आखिर हिनका सभक बहालियो त ओही काज लेल भेल छनि। कैंप कs के जनताक परेशानी दूर करबाक चाही।

(3) किछु दिन पूर्व संध्या 5 बजे दरभंगा निबंधन कार्यालयके गेट पर एकटा बूढ़ दंपत्तिकेँ कनैत देखलियनि तs पुछलियनि, की भेल ? ओ जे बात कहलनि से सुनि हृदय द्रवित भए गेल। कहलनि, बाबू बेटा विकलांग अछि। हम भूमिहार छी। 5 धूर मे घर अछि सेहो अनकहि नाम सँ। तीन कट्ठा खेत छलै से बेचिकs जमीन मालिक सं रजिस्ट्री करौलहुँ। आइ दस्तावेज भेटल अछि तs ओहि मे खेसरा गलत लिखल छै। कातिव कहैत छथि जे भूल सुधारक लेल फेरो रजिस्ट्री करबs पड़त। हमरा दुनू परानीके तs आब किछु अछिये नहि। हम की करबै ? आ’ पुनः दुनू परानी कानय लगलाह। सरकारक एहन अजीबोगरीब नियम मे संशोधन होयबाक चाही।

श्रीमान् वर्त्तमान बिहार सरकार नशाबंदी सन जटिल निर्णय लs सकैये तs जन सरोकार सँ संबंधित सहज कानून बनाकs सेहो लागू करा सकैये। आशा अछि अपने जनसामान्य हित मे कैल गेल प्रार्थना पर विचार कय अनुगृहीत करब।

प्रार्थी

-डॉ.चंद्रमणि झा, लहेरियासराय, दरभंगा।