मनीष कर्ण, जनकपुरधाम। अप्रैल ८, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!
जनकपुर, मिथिलाक प्राचीन राजधानी थीक। एतय नित्य दिन स्वदेशी आ विदेशी पर्यटक सभ आबति रहै अछि आर जनकपुरक पौराणिक, ऐतिहासिक महत्त्वक विभिन्न स्थल सभक भ्रमण करैत रहैत अछि। एतय आरो बेसी पर्यटक सभ केँ आकर्षित करबा मे सफल भेल अछि ‘महा गंगा आरती’। जी! हँ! महा गंगा आरती जनकपुरधामक पवित्र सरोवर गंगासागर केर पश्चिम घाट पर प्रत्येक संध्या आयोजित भs रहल अछि जे एहि स्थलक सुन्दरता केँ आरो बेसी दर्शनीय आ रमणगर बनौलक अछि।
‘सेभ द हिस्टोरिकल जनकपुर’ अभियान केर अगुवाई मे करीब एक वर्ष पहिले “स्वच्छ जनकपुर, सुन्दर जनकपुर” केर नाराक संग शुरु भेल महा गंगा आरती किछुए दिनमे प्रसिद्धि पाबि चुकल अछि। भारतक वराणसी केर पुजारी व गंगा आरती मे महारत हासिल कएल आराधक प्रशिक्षक द्वारा स्थानीय युवा साधक केँ गंगा आरती कोना कैल जाय ताहि लेल काशिये समान एतय राम-जानकी मन्दिरक आगाँक पोखरि मे आरती करबाक प्रेरणा एवं प्रशिक्षण देल गेल अछि। गंगा आरती काशीक अतिरिक्त हरिद्वार आ ॠषिकेश, पटना आदि मे सेहो गंगा नदीक तट पर अवस्थित विभिन्न घाट पर आयोजित होएत छैक। तहिना जनकपुर मे एकर आयोजन पर्यटकक संग-संग स्थानीय वासिन्दा केँ सेहो खूब आकर्षित कय रहल अछि।
गंगा आरती हरेक दिन साँझ करीब ४५ मिनट धरि आयोजित कैल जाएछ। महागंगा आरती शुरु भेलाक बाद जनकपुर मे सरसफाइ आ स्वच्छता अभियान सँ गंगा सागर टा नहि बल्कि जनकपुरक प्रसिद्ध जानकी मंदिर, राम मंदिर, जनक मंदिर, धनुष सागर, अंगराज सर सहित बहुतो रास धार्मिक महत्व केर स्थल सभक सरसफाइ कएल गेल अछि। एहि अभियान मे सक्रिय भूमिका निर्वाह कएनिहार प्रमुख अभियन्ता राम आशीष यादवक कहब छन्हि जे पर्यटक सभक आकर्षणक केन्द्र आजुक जनकपुरक पहिचान बनि गेल अछि।
जनकपुर गंगासागर मे हरेक साँझ विधिपूर्वक होमयवला गंगा आरती मे तीन गोटे पंण्डित लोकनि धार्मिक रीति अनुसार गंगासागर मे आरती करैत छथि, जाहि मे आगन्तुक श्रद्धालू-भक्त लोकनिक संग-संग स्थानीय निवासी सब सेहो बढि-चढिकय सहभागी बनैत छथि। गंगा आरती शुरु भेल करीब दु वर्ष होवय जा रहल अछि। आइ धरि एहि मे कोनो समस्या नहि अभरल अछि। ई अपन उद्देश्य पूर्ण रूप मे हासिल करबाक बात संयोजक यादव कहैत छथि।
गंगा आरती मे जनकपुरक चीरपरिचित गायक एंव संगीतकार सुनील मल्लिकक गंगा आरती केर लेल समर्पित भजन संग्रह “हमर जनकपुर” भजन सँ सम्पूर्ण वातावरण भक्तिमय बनल रहैत अछि। साँझ मे गंगासागरक दृश्य कोनो अलौकिक संसार सँ कम नहि देखाएत अछि। हाल धरि स्थानीय सभक सहयोग सँ चलैत आबि रहल ई आयोजन केँ राज्य केर तरफ सँ एखन धरि कोनो सहयोग नै भेटला सँ नेपाल सरकार प्रति स्थानीय जनमानस मे उदासीनताक संग बड पैघ शिकायत सेहो स्पष्ट देखाएत अछि। निकट भविष्य मे एकरा सरकार द्वारा अंगीकृत कैल जायत ई अपेक्षा राखल गेल अछि।