सम-सामयिक विचार आलेख
– राम बाबु सिंह, मधेपुर, मधुबनी।
फगुआ आयल आ सगरो रंग – गुलाल – मौज – मस्ती – हुड़दंग सँ सतरंगी छटा पसारिकय पुनः चलि गेल। जिंदगी केर भागम-भाग वला दिनचर्या मे चित्त शांत रखबा में पाबनि तिहार एकटा पैघ औषधि जेकाँ काज करैत अछि। एकदिनक मौज मस्ती में मनुखक रोजक हर-हर-खट-खट सऽ आफियत भेटैत अछि जाहि सँ जीवन ने नव ऊर्जा सेहो प्राप्त होएछ।
आजुक पोस्ट लिखबाक उद्देश्य विशेष अछि आर देश केर प्रत्येक व्यक्तिक स्वास्थ्य सँ सेहो जुड़ल अछि। चर्चा कय रहल छि डेयरी मिल्क में दूध केर उत्पादन आ विश्वसनीयता केँ संदेहास्पद कहल जेबाक प्रकरणक, ई बड पैघ चिंताक विषय अछि। हमरा सबकेँ गम्भीरता सँ अहि विषय पर चिंतन करब नितान्त आवश्यक अछि।
पहिने त जाँच केलाक बाद दूध में हानिकारक वस्तु केर मिश्रण यानि दूषित दूधक चर्चा स्वयंसेवी संगठन सरकार केँ दैत छल परञ्च सरकार आँखि मुनने रहैत छलाह। मुदा वर्तमान सरकार स्वयं द्वारा गठित जाँच एजेन्सीक रिपोर्ट सेहो दूषत दूधक प्रयोग केँ सत्यापित केलक अछि। सरकारी सर्वे लगभग 33 राज्य में 17000 स बेसी दूधक सैम्पल केर जाँच पश्चात् जानकारी देल गेल जे दूध स्वस्थ केर नाम पर सफेद झूठ अछि। दूध आजुक दिनचर्या में परमावश्यक पेय मानल जायत अछि। बिनु दूध जेना जिनगी बेकार बुझाइत अछि। मुदा जखन जाँच केर सच्चाई देखब तखन दिलक धड़कन बैसि जाएत। एखन तऽ देशद्रोह पर चर्चा सऽ बेसी जरूरत छैक दुधद्रोह पर चर्चा करब, किएक तँ एतेक पैघ दूध घपला देखिकय सरकार सेहो स्तब्ध अछि।
अपने सबकेँ आश्चर्य हएत जे दूध केँ अमृत मानि घट-घट पिबैत छी से असल में दूध छैहे नञ, मात्र एकटा उजरका तरल पदार्थ अछि जे फुल गिलास दूध केर नाम शरीर केँ लेल जहर केर काज करत। ई कोनो हम नै कहि रहल छी सराकर केर सर्वे पुष्टि कय रहल अछि।
देशद्रोहीक चर्चाक संगहि सराकर लेल सबसऽ पैघ चुनौती दूधद्रोहि अछि किएक तऽ सर्वे केर रिपोर्ट में देश भरि में 68 प्रतिशत दूध नकली पाओल गेल अछि जेकर सेवन मिठगर जहर जेकाँ शरीर केँ शनैः शनैः रोगी बना दैत अछि। हमरा सब जेकाँ महानगर में रहनिहार वास्ते कठोर सच अछि जे दूध त सब कियो पिबय चाहैत छी, मुदा गाय महिस कियो पोसय नहि चाहैत छी आ ई सम्भव सेहो नै छैक जे दूध के बिना जीवन पार लगा लेब।
डेयरी प्लांट केर नाम पर सरकार सहयोग राशि सेहो दैत छैक, तत्पश्चात् समुचित ताजा उत्पादन नै कय पबैत अछि दुग्ध आयोजना मे। परिणाम हमरा सब केँ नकली दूध जेकरा जहर कहि सकय छि रोज पिबय पड़ि रहल अछि। नकली दूधक सेवनक परिणाम अछि जे वर्तमान युग में कतेको रास असाध्य रोग केर शिकार छोट छोट बच्चा सेहो देखल जा रहल अछि। सूगर, हृदयरोग, पाचन तन्त्र में गड़बड़ी, कब्ज, एलर्जी स्किन समस्या, टीबी आर कैंसर धरि पीड़ित कोनो उमर में भऽ सकए। अतः ई एकटा विकराल समस्या थीक आर विशेष रूप में सबकेँ जागरूक भऽ एहि पर चिंतन करबाक आवश्यकता अछि।
संगहि ईहो देखल जाउ जे ई कृत्रिम दूध जे हम सब पिबैत छी से बनै कोना छै ?
देश में दूधद्रोहिक एकटा विशाल नेटवर्क फ़ौज जेकाँ छै जे जानि बूझि कय दूध केँ जहर बना अपन व्यवसायी फायदा ल रहल अछि। मिश्रण में डिटर्जेंट, कपड़ा धोबयवला सोडा, उजरका पेंट, यूरिया, रिफाइंड तेल, पोस्टर कारिकबा बाला, प्लास्टिक, पेपर ई सबके कम आँच पर उबालि कय 3 स 4 रूपया में दूध तैयार करैत अछि। यैह कारण छैक जे जहरवला दूधक व्यापार दिनानुदिन तेजी सँ बढ़ि रहल अछि। जखन कि यूरिया, डिटर्जेंट सोडा, केँ तऽ रहय दियौक, जँ दूध में पानियो केर मिश्रण सेहत लेल खतरनाक भ सकैछ, ई सर्वविदिते अछि।
सादा दूध केँ नै पिबयवला फ्लेवरवला दूध बेसी पसीन करैत अछि। जे शरीर केर लेल आओरो बेसी हानिकारक होयत अछि। किएक तऽ स्वाद आ संगहि बहुत दिन धरि सुरक्षित राखबाक लेल सोडियम आ चीनी मिश्रण कएल जाएत अछि जे विशेषकय ह्रदय रोगी आर सूगर रोगीक लेल हानिकारक अछि। मुदा मिलावटी दूध केर मतलब साफ़ शब्द में बुझु जहर। सबसँ पहिने मिलाबट बाला दूध केँ पिबय सँ बचू, फेर दूध मे जेना बादाम मिल्क, सोया मिल्क, राइस मिल्क आ कोकोनट मिल्क सेहत केर वास्ते सन्तुलित आ नीक रहत। हमरा जानकारी भेटल आ जरुरी बुझलहुँ अपने सब सँ साझा केनाय। सावधान रहू, स्वस्थ रहू, मस्त रहू, चुस्त दुरुस्त रहू। भगवती अपने सब केँ पूर्ण स्वस्थ राखथि।