मिथिलाक माटि सँ बालीवुड सिने सह हास्य अभिनेता ‘गोविन्द पाठक’

साक्षात्कारः कलासंपन्न बालीवुड कलाकार तथा लाफ्टर शो हिरो ‘गोविन्द पाठक’ सँ

govind pathak

हालहि मुम्बई मे संपन्न अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलनक ऐतिहासिक मंच पर प्रस्तुत कलासंपन्न मैथिल कलाकार – अभिनेता गोविन्द पाठक केर हास्य सँ उपस्थित दसों हजार मैथिल जनमानस सँ आनन्दविभोर भऽ गेल छलाह। श्री पाठक केर कलाकारी केर चर्चा चौतर्फा चलि रहल अछि। एहि बीच हिनका संग व्हाट्सअप पर भेंट भेल। अत्यन्त स्पष्ट बोली आर मीठ मैथिली केँ सजाकय बाजनिहार पाठक जी प्रथम अभिवादन ‘जय भगबती’ कहि केँ करैत छथि। आगाँ परिचय-पाती भेलाक बाद वृहत् बातचीत सेहो भेल। गोविन्दजी संग परिचय आ वार्ताक अंश हम एतहु मैथिली जिन्दाबाद केर पाठक लेल राखि रहल छी। गर्व करैत छी जे हमरा लोकनिक मिथिलाक माटि-पानि मे संस्कार कतेक नीक सँ फलित-फूलित होएत अछि। एकर एकटा मिसाल छथि गोविन्द पाठक।

हमः गोविन्दजी! अहाँक विषय मे मित्र सब सँ सुनने रही। अपने एकटा हास्य कलाकार केर रूप मे बड नीक प्रस्तुति सब देने रही अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन – मुम्बई मे। कि हम वैह गोविन्दजी सँ बात कय रहल छी न?

गोविन्द पाठकः हँ-हँ! हम गोविन्द पाठक। सहिये कहि रहल छी।

हमः गोविन्दजी! मुम्बई मे कलाकारिताक संग आर कि करैत छी?

गोविन्द पाठकः हम मुख्य रूप सँ सिनेमा मे काज करैत छी। बालिवुड मे अपन एकटा स्थान बना सकल छी। यैह हमर मुख्य परिचय भेल।

हमः बहुत नीक लागल! कोन-कोन भाषाक सिनेमा मे काज कएलहुँ एखन धरि?

govind pathak1गोविन्द पाठकः तीन भाषा मे – मैथिली, भोजपुरी, हिन्दी।

हमः अपन किछु सिनेमा आ भूमिका पर प्रकाश देल जाउ।

गोविन्द पाठकः मैथिली मे छूटत नहि प्रेमक रंग, एहि मे खलनायक केर भूमिका मे काज केलहुँ। तहिना मैथिलीक दोसर फिल्म जे आब रिलीज होमयवला अछि, मिथिला मखान प्राइवेट लिमिटेड, एहि मे अभिनेताक मामाक भूमिका मे शुरु सँ अन्तक क्लाइमेक्स दृश्य धरि उपस्थित छी। आशा करैत छी जे हमर अभिनय मिथिलाक दर्शक केँ नीक लगतैन।

हमः कतेक वर्ष सँ बालिवुड मे अभिनय क्षेत्र मे काज कय रहल छी गोविन्दजी?

govind pathak2गोविन्द पाठकः लगभग ८ साल सँ बालिवुड मे काज कय रहल छी।

हमः ओना अभिनय क्षेत्र मे अहाँक प्रवेश कहिया आ कोना भेल? अभिनय क्षेत्रक यात्रा पर पाठक लेल किछु बताउ।

गोविन्द पाठकः मूल रूप सँ हम समस्तीपुर जिलाक करियन गाम सँ छी। मुदा जन्म आ लालन-पालन जमशेदपुर मे भेल। एतहि रेलवे हाई स्कूल मे अध्ययन करैत समय अभिनय क्षेत्र मे प्रवेश करबाक अवसर भेटल। बाद मे बहुप्रतिभामुखी लल्लन प्रसाद ठाकुर द्वारा स्थापित मिथिलाक्षर नाट्य संस्था सँ जुड़लहुँ आर ओत्तहि मैथिली रंगकर्म मे १९८६ सँ २००७ धरिक कइएक प्रस्तुति मे सहभागी बनलहुँ। सौभाग्यशाली मानैत छी अपना केँ जे एहेन महत्वपूर्ण स्रष्टा आ संस्था सबहक सान्निध्य मे अपना केँ कलासंपन्न बनेबाक अवसर भेटल।

हमः अपन आरो उपलब्धि सब पर किछु प्रकाश देल जाउ।

गोविन्द पाठकः हमर अभिनयक बड पैघ इतिहास अछि। लेकिन स्क्रीन पर सबसँ पहिने एकटा मैथिली धारावाहिक जे डीडी बिहार पर प्रदर्शित भेल, एहि ‘नैन न तिरपित भेल’ सँ हमर जीवनक सपना स्क्रीन पर देखाय से सच भेल अछि। एकर प्रदर्शन २००६ मे भेल छल। एहि मे हम एकटा घरेलू नौकर ‘लखना’ केर भूमिका मे देखायल छलहुँ। तेकर बाद हम ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेन्ज’ केर सीजन ४ मे प्रतिभागी बनिकय अपन प्रतिभा सँ बड पैघ दर्शकवर्ग मे पहुँचलहुँ। तहिना महुआ चैनेल पर प्रदर्शित हँसीके अखाड़ा – भोजपुरी लाफ्टर शो मे एकटा गैर भोजपुरी भाषाक रहलाक बादो फर्स्ट रनर अप केर खिताब जीतलहुँ। आब तऽ कोनो एहेन चैनेल बाकी नहि अछि जाहि पर हमर प्रतिभाक प्रदर्शन नहि भऽ चुकल अछि, आर कलाक सम्मान सँ हम सम्मानित नहि भेल होइ एहेन कोनो मंच नहि अछि।

हमः मैथिली रंगकर्म मे सफलताक अध्याय फेर हिन्दी सिनेमा मे कतय तक लऽ गेल?

गोविन्द पाठकः भाषा कोनो हो, रंगकर्म एहेन विधा अछि जे बस अभिनयक गुर सिखबैत अछि। अभिनय कएनिहार लेल भाषा कतहु सँ बार नहि। पहिने कहि देने छी, गैर भोजपुरी रहितो महुआ चैनल केर लाफ्टर शो मे रनर अप खिताब भेटल। तहिना हिन्दी सिनेमा मे सेहो हमर कला केँ स्वीकार कैल गेल। हम ‘आइ मी और मैं’ मे जौन अब्राहम संग एकटा सहयोगी अभिनेताक भूमिका मे काज केने छी। महेश भट्ट निर्देशित ‘सिटी लाइट्स’ मे – साजिद नाडियाडवालाक ‘हिरोपंथी’ मे – यशराज के ‘किल दिल’ मे – हाले रिलीज भेल ‘गुड्डू की गन’ मे कुनाल खेमूक संग काज केलहुँ। आबयवला – मुरारी द मैड जेन्टलमैन मे मुख्य खलनायक तांत्रिक केर भूमिका मे छी। एकर अलावे सेहो एक-दु टा आरो नीक सिनेमा मे भूमिका भेटल अछि। आशा करैत छी जे ई दौड़ निरंतर बनल रहत।

हमः बहुत नीक कहलहुँ। भाषाक बंधन कोनो कलाकार लेल कतहु नहि रहैछ। मुम्बई मे कलाकार केर जीवन कला मात्र पर निर्भर करैत कतेक सहज – कतेक दुर्लभ अछि? कि कहब पाठक केँ?

गोविन्द पाठकः आत्मविश्वास-आत्मदक्षता आर पात्र केर अनुकूल अभिनय करबाक सामर्थ्यक संग भाग्य केर साथ भेटब बालीवुड मे बहुत जरुरी होइछ। अन्यथा एतय संघर्ष तऽ जे से जीवन सेहो कठिन, दुर्गम आ दुरूह अछि। सदिखन अपन आत्मविश्वास बढेबाक लेल पहिने पूरा कुशल प्रदर्शन पर ध्यान देला सँ स्वतः आर सब किछु क्रमशः भेटैत छैक। हम अपन अनुभव किछु एहि तरहें कहब

धन्यवाद गोविन्द जी! आशा करैत छी जे अहाँक अनुभव मैथिली जिन्दाबाद केर पाठक केँ लाभान्वित करतैन। फेर अपने संग वृहत् चर्चा करबाक अवसर भेटत ताहि आशाक संग – अलविदा!

हरिः हरः!!

गोविन्द पाठक जी केर एक विशेष शो, युट्युब पर हम सब एतय देखि रहल छी। एहि मे हिनक ओजस्वी प्रस्तुति पर शत्रुघन सिन्हा द्वारा खुलिकय प्रशंसा करैत मिथिलांचल आर बिहार केर नाम रौशन करबाक भरपूर आशीर्वाद सेहो देल गेल अछि।

हरिः हरः!!