पटना, दिसम्बर ८, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!
७ जनबरी, २०१५ मैथिली साहित्यक एक पुरोधाक जीवनक अन्तिम दिन बनिकय उपस्थित भेल। बहुत दिन सँ बीमार चलि रहला साहित्य अकादमी सँ सम्मानित मैथिली साहित्यकार राजमोहन झा काल्हि ४ बजे अन्तिम साँस लेलनि। एहि शोक समाचार केँ पसैरते मैथिली साहित्यक जगत् मे शोकक लहैर दौड़ि गेल छल।
विवेकपुरम् (मधुबनी) मे आयोजित डा. जार्ज अब्राहम ग्रियर्सनक १६६म जन्म जयन्ति पर एकत्रित दर्जनों साहित्यकार केँ उपरोक्त समाचार सभास्थल पर अजित आजाद केर मोबाइल पर आयल सूचना सँ भेलनि। सभा जतय छल ओतहि रोकि देल गेल आ सब स्रष्टा राजमोहन झा केर मृत्युक समाचार पर शोक व्यक्त करैत श्रद्धांजलिस्वरूप २ मिनट मौन धारण कएलनि।
विदित हो जे राजमोहन झा सुप्रसिद्ध मैथिली कथाकार हरिमोहन झा केर सुपुत्र छलाह। पिता सेहो साहित्य अकादमी सँ सम्मानित कथाकार आ स्वयं राजमोहन बाबु अपन दोसर भाइ सहित साहित्य अकादमी सँ मैथिली साहित्य मे विशिष्ट लेखनी लेल सम्मानित व्यक्तित्व छलाह। काल्हि विवेकपुरम् मे आयोजित शोकसभा मे एहि बातक विशेष चर्चा भेल जे हिन्दुस्तान मे शायद ई पहिल परिवार होयत जाहि मे पिता सहित दुनू पुत्र साहित्य अकादमी द्वारा सम्मान प्राप्त कएने छथि।
अजित आजाद हिनक अमर रचना व विभिन्न अभियान मे देल गेल योगदान सब सभाक सोझाँ रखलनि। हुनकर कृति झूठ-साँच तथा एक आदि – एक अन्त केर विशेष उल्लेख करैत अपन निजी अनुभव नवारंभ प्रकाशन तथा सगर राति दीप जरय केर विभिन्न प्रभाग मे हुनक सहभागिता आदिक विशेष चर्चा श्री आजाद द्वारा सभाक समक्ष कैल गेल छल।
मैथिली जिन्दाबाद परिवार दिवंगत पुण्यात्मा आर मैथिली भाषा-साहित्यक ध्वजावाहक केर आत्माक चीर शान्ति लेल विशेष प्रार्थना करैत अछि।