आलोचना
एखन अवधेश कुमार जी ‘हम सब मैथिल छी’ फेसबुक ग्रुप पर एकटा आपत्ति व्यक्त करैत मैथिली जिन्दाबाद पर प्रकाशित आजुक संपादकीय पर किछु एहि तरहें टिप्पणी केलनि: हमरा आ हुनका बीच भेल वार्ताक उतार:
अवधेश जी: ई झूठक खेती एतय कियैक कय रहल छियैक अपने…. किछु पोस्ट करय सऽ पहिने तथ्यक जानकारी लेबाक कोशिस करल जाय….!!
हम: केहेन जानकारी? अपने देल न जाउ! हम विश्वास दियबैत छी जे ‘झूठक खेती’ शीर्षक दैत ओहि समस्त बात केँ प्रकाशित करब।
अवधेश जी: पहिने जेकाँ कनि जानकारी गूगल एडवर्ड्स और कूकिज केना काज करइ छै ओ लय लियऽ, तहने हमर बात समझ मे आयत अहाँ के…!! और जहाँ तक जानकारी के सवाल अछि, जखन अपने कोनो पेज नेट पर खोलइ छियैक, तऽ लोकल एड अपने आबि जाइ छैक गूगल सँ, देबऽ के जरुरत नहि। और ई न्युज केर जन्मदाता रूडीजी (भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी) सेहो अपन गलती केँ मानि कय अपन ट्वीटर सँ एकरा डेलिट कय देलैथ।
हम: ओह। अहाँ पूरा बात लिखिकय देल न जाउ।
अवधेश जी: ऊपर जे लिखिकय देलहुँ ओ पूरे बात छैक। अपने के बुझना मे कोनो कमी अछि, या तऽ बुझितो अहाँ अन्जान छी।
हम: हमरा अहाँ सं उपरोक्त समाचार केर खण्डन आलेख चाही। संभव हो त मूल लिंक पर सेहो। बाकायदा आरोप लगबैत जे हम झुठक खेती की रहल छी।
अवधेश जी: एहि मे कोनो लिंक केर आवश्यकता नहि छैक। जहन अहाँ कोनो पेज खोलइ छियैक नेट पर तऽ लोकल एड अपने अबइ छैक, और तथ्य चाही तऽ रूडी जी केर इन्टरव्युज देख लियऽ न्युज चैनल पर, जतय ओ अपन गलती केँ स्वीकारलैथ।
हम: ओह। अहाँ हमर बात बुझि नहि रहल छी। जे सम्पादकीय हम पोस्ट केलहुँ तेकरा लेल खण्डन आलेख अहाँक पूर्वक वक्तव्य मुताबिक उपलब्ध कराउ। रूडी जी केर गलती स्वीकार करबाक समाचार केर लिंक सेहो देल जाउ।
अवधेश जी: http://www.news18.com/news/bihar/rudy-mistakes-google-ad-to-nitish-kumars-campaigning-strategy-gets-trolled-on-twitter-831029.html
उपलब्ध करा देलौं, आब खुश भऽ जाउ, और मिथिलांचल के जे सभ्यता छैक, ओकरा प्रचारित करू, एहि पेज केँ पोलिटिकल नहि बनाउ।
हम: धन्यवाद। ओना हम जे लिंक देने छी ओहि में आरो बहूत रास बात अछि। शायद पढ़ने हैब।
अवधेश जी: सबके निचोड़िकय अपने हेडिंग देलियैक, आब बात केँ घुमबियौ नहि।
हम: झुठक खेती स पेज केँ पॉलिटिकल नहि बनेबाक टिप्पणी पर अपने समीक्षा जरूर करू। कोनो आरो पार्टीक प्रचार ओहिना पाकिस्तानी मीडिया पेज पर अबैत।
अवधेश जी: कोनो समीक्षाक जरुरत नहि, सब बहुत नीक जेकाँ क्लियर अछि। हाँ, दोसरो आबि रहल अछि, हम जखन ओ पेज ओपन करैत छी तऽ पायोनियर केर एड अबैत छैक।
हम: हम कहाँ घुमा रहल छी। हम त कायम छी अपन संपुर्ण विचार पर आ अहाँक सुधार केँ आलोचनात्मक आलेखक संग शीर्षक झुठक खेती सहित स्वीकार की रहल छी। (मुस्कान सहित)
अवधेश जी: प्रकाशन केर इन्तजार रहत हमरा आ एहि पेज केँ सेहो। (मुस्कान सहित)
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उपरोक्त छल हमरा आ अवधेश जी केर बीच भेल वार्ता ओहि विन्दु पर जे हम ‘झूठक खेती’ ओतय कियैक कय रहल छलहुँ, तथ्यक जानकारी कियैक नहि लेलहुँ, खुद रूडीजी जे एहि समाचार केर जन्मदाता छलाह ओहो अपन गलती स्वीकार कय लेलनि जे गूगल एड केँ ओ पाकिस्तानी मिडिया मे देल गेल एड मानिकय बिहारक राजनीतिक दल पर आरोप लगौलनि। संपूर्ण वार्ता जहिनाक तहिना देने छी।
हमहुँ ओ पेज खोललहुँ आ हमरा कि देखायल सेहो फोटो अपलोड कय रहल छी। हमरो एहि मे गूगल एड देखायल – ग्लोबल सोर्सेज केर। आब ई बात बताउ – जे कोनो समाचार जाहि पर मिडिया मे चर्चा जोर पर पहुँचि गेल ताहि पर हम कतेक विज्ञ बनिकय छानबीन कय सकैत छलहुँ? आर, नीतीश कुमार जी द्वारा आतंकी गतिविधि मे शामिल लोक केँ अपन बेटी तक बनेबाक बात आ दरभंगा-समस्तीपुर सहित बिहारक विभिन्न भाग सँ पकड़ायल आतंकवादी केर पनाहगाह बिहार पर देल अनेको वक्तव्य आ ताहिक पाकिस्तान कनेक्सन, हालहि कैल गेल पाकिस्तानक दौड़ा, आ चरम पर रहल मुस्लीम तुष्टीकरण आदिक माहौल मे ‘झूठक खेती’ कि भेल ई मैथिली जिन्दाबाद केर पाठक स्वयं निर्णय करब।
अवधेश जी केँ धरि हृदय सँ धन्यवाद छन्हि। मिथिला मे अक्सरहाँ लोक अपन विद्याक दंभ मे अहिना दोसर केँ तुच्छ मानैत छैक आ बिना कोनो बातक सेहो बात तेना बनैत छैक जे शीर्षक “झूठक खेती” दैत सोझाँवलाक निष्पक्षता केँ झाँपि देल जाएत छैक। लेकिन मिथिला आइ न काल्हि जातिवादिताक भूमड़ी सँ निकलत जरुर।
एकटा बात आरो कहबाक इच्छा होएत अछि, अवधेश जी कहला जे एहि पेज केँ पोलिटिकल नहि बनाउ, मिथिलाक सभ्यताक प्रचारक बनू…। विदित हो जे राजनीति सँ आइ कोनो बात अछूता नहि अछि। मिथिलाक भाषा मैथिली केँ कोन तरहें विषपान आ इलेक्ट्रीक शक देल जाएत छैक से किनको सँ छूपल नहि होयत। मिथिलाक आइ देश स्वतंत्रताक ७ दशक आ बिहारक लगभग १० दशक सँ ऊपर केहेन रहल आ कि सब भेल से किनको सँ छुपित नहि अछि। मिथिलाक पहिचान केँ सदा-सदा लेल समाप्त करबाक लेल बिहारी तऽ बनाओले गेल, एहि क्षेत्र मे रहल समृद्ध चीनी मिल, पेपर मिल, कृषि, सिंचाई, जलस्रोत सँ आमद, आदि संपूर्ण मूलाधार-पूर्वाधार केँ चौपट कय देल गेल। मिथिलाक कांग्रेसी मुख्यमंत्री आ उर्दू केँ राजभाषाक दर्जा… कारण कांग्रेसी नीति जे नेहरुएक समय सँ वैभल परियोजना द्वारा बाढि नियंत्रण, सिंचाई व जल-कृषि लेल देल बजट केँ बंगाल व पंजाब केर क्रमश: दामोदर घाटी परियोजना व भाखड़ा नांगल परियोजना केँ बिहार सँ छीनिकय मिथिलाक्षेत्र केँ सदा-सदा लेल विपन्न रहि मजदूर आपूर्तिकर्ता स्थल मे परिणति लेल दऽ देलक… कतेको रास बात गूढ आ गहिंर मे छैक। ई सबटा राजनीतिक बात थिकैक। लेकिन हमर अवधेश जी आ कतेको पढल-लिखल पुत्र फूइसक सभ्यताक ढोल टा पीटय मे लागल छथि, राजनीति लेल जातिवादिताक आधार पर अपन मत केँ भूस्ट करैत छथि। मिथिला राज्यक नाम लैत ‘बिहारी’ बनिकय रहब आ गुलामी-औपनिवेशिक मानसिकता सँ ग्रसित होइत छथि… आर तऽ आर, मिथिलाक लोक अपनहि सँ अपन भाषा तक केँ दुत्कारैत छथि। पता नहि, तखन कोन सभ्यता केर प्रचार कोन ढंग सँ कैल जाय! कतेक ठाम बात केला पर ईहो कहि देल जाएत छैक जे मिथिला माने गोटेक ब्राह्मण, मैथिली माने ब्राह्मण। आ ब्राह्मणक आइ राजनीति मे कतेक स्थान छैक से रावणक पुत्र आ नाति समान संख्याधारी नीक सँ कहि सकैत छथि। विशेष दोसर दिन….
हरि: हर:!!