आदरणीय प्रधान सेबक जी,
सैकड़ो लाख मुँह मुखपोति पर माटि पानिक रंग मे लौलीन भेल अछि।चारु कात अहाँ नामक रमनामा जाप भ रहल अछि। ठेहियाएल भारती विश्व प्रणेता बनि चहकि रहलिं हैं।विश्वाकाश मे पुनः हिनक शंखध्वनि गुंजयमान भ रहल अछि।आ अहि सभक श्रेय अहिक प्रगाढ़ आ दूरदर्शी सोंचक परिणाम अछि।मुदा बीच में इ किदन -कँहादन की सुनी रहल छी । गामक पढ़ुआ हमर दोस लिखैत अछि जे इ महजाल छै आ सागरक ओहि पार बला मलाह सब अपन देशक लोक के बोर द बंसी में गाँथि रहल छै।इ मकरजाल बला डिजाइन देखि हमरो कनेक संका होइएया।अहुना बेपारक चमरचोँछ मे अपन अतीत बड़ भुगतने अछि तकर विशेष अखियास राखब। चौक पर बुधना बेसी काल internet nutrility पर बजैत रहैत अछि।नै जानी इ कोन बियाधिक नाम छै मुदा अतबा बुझना गेल अछि किछु गंभीर मामिला छैक आ ओकर कहब रहै जे फोटो बदलिते पाछु मे सांकेतिक रुपे हम सब internet.org के अनचोके मे समर्थन क दै छियै,जाहि सौं अहि न्यूट्रिलिटी पर संकट आबि सकैत छै।मुदा लोचन भाइ आइ साँझ मे जुकरबर्ग केर पोस्ट पढ़ि हमरा सभक अहि शंका केर समाधान केला।अहुना हम सब छाँह देखि समयक ठेकान कर बला लोक अतेक की जाने गेलियै।अहाँक फोटो आ गलजोरिक मादे मारिते रास हास्य-व्यंग देखल आ सुनल।अपन जे ओकाति रहे से लगा अहाँके गल हार पहिराओल आब आगु अहाँक काज अछि तैं निफ़िक्कीर काज राज मे रमल छी।
आइ फेर करेज छलनि भेल अछि।किछु जयचंद सभक माथ अहाँक नेतृत्व में भारतक उठैत माँथ सौं झुकि रहल छै।ओ सब फेर पुरना फुसियाह खाता खोलि अहाँ सौं हिंसाब मँगैत अछि। मुदा अहाँ डटल रहु,अहि सब पर कान बात नै दिय।अखन बढ़ किछु करबाक अछि।
ओना त खेत मे धानक हरियरी आ दलान पर चुनावक गप्प मे जिनकी नीक कटि रहल अछि मुदा परोसियाक हाल देखि करेज दरकैत अछि।सिया माइ केर नैहर मसान बनल अछि आ अपन मुँहलगुआ सहोदर आन लोकक ग्रास बनि रहल अछि।काठमांडू सौं कपिलवस्तु धरी शंकर आ गौतमक संतान आमिल पीबी जनकपुर आ अयोध्याक पावन डोरी केर खंडित करवाक जतन क रहल अछि।अहाँक चातुर्य कुटनीतिये टा अहि केर किछु स्थायी निदान करतै इ आश बड्ड लोक के छै ।
हम सब अहाँक मुहीम डिजिटल इंडिया सौं जूर चाहैत छी मुदा पिछला छ मास मे नेट पैक केर दाम ₹98 सौं ₹198 भ गेलैक अछि।मुहिमक सफलता हेतु अहि के कम करब आवश्यक अछि।जनधन योजना सौं बैंक में खाता खुजि गेल आ अटल पेंसन योजना सौं बुढ़ारी मे आशाक इजोत अबैत अछि। अहाँक इ सब आउ भाउ देखि करेजा फूल लगैत अछि आ आब अपना के असगर नै बुझैत छी। आशा जे अहि दम्मा के मान राखब। विशेष अगिला बेर..
अहाँक शुभेक्षु:-
विकाश झा ।