बिहार मे वोट – जाति आधारित वोटबैंक बनल कैन्सर

स्तम्भ – आलेख

– रंजित चौधरी

जातिवादक नीति खत्म करु!!

caste system votebankयादव, यादवें क’ वोट देत, मुसलमान त’ जनिए क’ अपनहि बिरादरीक देत, एम्हर सोलकनवर्ग जे अछि तिनका किछु सुंगहा दियौक ओ ओकरहि पीछा पकडि लेत, मुदा बाभन जे अछि ओ अपनहि मेँ कटमारि करैत सबटा वोट केँ छीट-फुट करैय मे लागि जाइछ आ अंततः वोटक वर्गीकरण करैत सब अलग-अलग भ’ जाइत अछि।

अवस्था आ व्यवस्था पर बिना बिचारक सब जाति आपस मेँ जातिगत बोट देब ताहि पर निर्णय ल’ लैत अछि जाहि सँ स्थिति मे कोनो परिवर्तन नहि होइत अछि। अपन गाम-घर कोना विकास करत, कोना समृद्ध होयत तकर कोनो ख्याल नहि, बस एकटा पियर रँगक बोटलक पीछा पाँच साल बीता दैत अछि एतुका जनता। जतय जाउ बस गालिये-गलौज देखैक लेल भेटत, बाद मे पता चलत जे फलम्मा पीकय हल्ला-फसाद कय रहल छल।

सालक-साल एहिना बीतैत चलि गेल मुदा विकासक कनियो दर्शन नहि भेल, दिन-प्रतिदिन राजनीतिक विशेष मुद्दा बनैत भाषण पर भाषण, बयानबाजी, फुकास्टिंग बस एतबे देखलोउ आर किछु नहि। समय आबि गेल अपने लेल नहि आस-पडोसक लेल सेहो चिंतन करैत, कोन जनप्रतिनिधि सँ बेसी लाभ भेट सकैत अछि, तेकरा बिना झिझक केर चुनु।

जातिगत वोट देब, जातिवादक राजनीति करब, एहि सँ कोन लाभ…… जातिवादक राजनीति केनिहारक पंद्रह साल सरकार रहल मुदा बिहारक हालात केहन भेल ओहि सरकारक दरमियान सब कियो एहि सँ अवगत होयब। मुदा वैह फेर सँ अपन मुद्दाक सँग आयल अछि कि अहुँ सब जंगलराजे केँ चुनब।

साँझ होइतैक देरी अटैकिंग शुरु भ’ जाइत छल, घुसखोरीक कोनो बाते नहि ओ त’ अनलिमिटेड प्लान छल। शिक्षा पद्धति सेहो गर्ते मे छल। हंलाँकि एखनहु स्थिति कोनो सुधरल नहि पहिले जेकां अछि, सबटा आरक्षणधारी शिक्षक भर्ती भ’ गेल अछि जेकरा खुद हस्ताक्षरो तक नहि करय अबैत छैक मुदा विद्यालय केर शिक्षक अछि।

शहरक वातावरण सेहो तेहने सन बुझाइत अछि कोनो पुलिस-प्रशासनक उचितन प्रबंध नहि। हत्या, बलात्कार, लुट-खसौट आम बात बनि गेल अछि, जेकरा पर कोनो लगाम नहि, आराम सँ जनताक बीच रहि कय सरेआम अपन पेशाक अंजाम दैत अछि।

कतेको साल गुजरि गेल मुदा सबटा बात हवा-हवाई जेकां रहल, जतय कियो कोनो घोषणा केलक रोजगारक मादे, ओतय ओ बात हवा मे उडिया गेल, जमीनी-स्तर पर कोनो लागु नहि भेल जाहि सँ करोडों बिहार-वासी प्रवासी बनि कय दोसर प्रदेश मे रोजी-रोटीक लेल रहबाक वास्ते मजबूर छथि, जतय हुनका एहिक लेल कतेको लात-जुता खाइक पडैत छनि ओ बात अलगे भेल।

बंद पडल कतेको फैक्ट्री, चीनी मिल, पेपर मिल, तेल रिफाइनरी जाहि सँ कतेको जाबलेस केँ नौकरी भेट सकैत अछि, मुदा एखन तक सरकारक कोनो पहल एहि दिशा मे नहि भऽ सकल, जाहि सँ स्थिति सेहो डमाडोल होइत जा रहल अछि।

तैं जातिवादक राजनीति केनिहार केर अवहेलना करैत सख्त इग्नोर करु आ ओकरे वोट करु जे विकासक बात करैय, जे नौकरीक मुद्दा पर चर्चा करैय, जे अंधकार केँ रौशनी मे बदलि सकय, ओकरे सब मिलि एकजुट भ’ वोट करु। राज्य केर एहि चापलुस नेता सँ बचाउ नहि त’ जेहो किछु बाँचल अछि तेकरो स्वाहा कय देत।