पूर्व भाजपा विधायक संजीव झा केँ भेट गेलनि जमानत आ जेल सँ रिहा भेला

कुमुदानन्द झा, सहरसा। सितम्बर १, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!

sanjeev jha mla3पूर्व विधायक सहरसा संजीव झा पर डीएम केर कुर्सी पर जबरदस्ती बैसबाक आ सरकारी कामकाज मे बाधा पहुँचेबाक एकटा पुरान मोकदमा-मामिला मे हालहि २८ अगस्त केँ सहरसा व्यवहार न्यायालय मे आत्मसमर्पण केलाक बाद जमानत खारिज करैत हुनका जेल पठा देल गेल छल। पुन: हुनकर वकील द्वारा जिला जज केर सोझाँ जमानत केर याचिका पेश कैल गेलाक बाद काल्हि ३१ अगस्त सुनवाई भेलाक बाद हुनका जमानत दय देल गेलनि। जेल सँ रिहा भेलाक बाद पूर्व विधायक संजीव झा अपन समर्थक आ पार्टी कार्यकर्ता सबकेँ जेल सँ रिहा हेबाक समय पर देल गेल समर्थन प्रति आभार प्रकट करैत धन्यवाद ज्ञापन केलनि अछि।

विदित हो जे सहरसा सँ भाजपा द्वारा किनका टिकट भेटत एहि पर संशय विद्यमान् अछि। सामाजिक संजाल पर निवर्तमान विधायक आ पूर्व विधायक केर नाम पर एखनहि सँ वोटिंग करायल जा रहल अछि। जनता मे संजीव झा केर लोकप्रियता डा. आलोक रंजन सँ अलगे भेलाक बादो बिहार मे चलि रहल राजनीतिक परिस्थिति आ परिवर्तन केर समर्थन मे रहनिहार बड गंभीरता सँ प्रतिक्रिया दय रहला अछि जे पार्टी जेकरा टिकट देत, वोट ओकरे देब। दोसर दिशि संजीव झा केर समर्थन मे हुनक जनप्रिय बनिकय व्यवहार करबाक आ मृदुलताक परिचय केर खूब चर्चा कैल जा रहल अछि। आलोचक केर शब्द मे संजीब झा जतय समुदायक हित आ विकास लेल सोचैत छथि से कला आन नेता मे नहि देखल जा सकल अछि।

संजीव झा एकटा जुझारू नेता आ मिथिलाक ऐतिहासिकता केर प्रबल समर्थक छथि। अपन कार्यकाल मे खुलस्त रूप सँ पृथक मिथिला राज्यक औचित्य पर अपन समर्थन केने छलाह। संगहि संपूर्ण उत्तर बिहार केर आर्थिक उपेक्षाक विरोध मे सेहो आवाज उठौने छलाह। विगत समय मिथिला राज्य निर्माण सेना द्वारा आयोजित रथयात्राक समापन पर संपूर्ण रथयात्री लोकनि केँ विशेष सम्मानक संग आशीर्वाद सेहो देने छलाह। हुनकर कथन स्पष्ट छन्हि जे अपन पहिचान आ स्वाभिमानक संग स्वराज्य हमरा सबहक जन्मसिद्ध अधिकार थीक। संजीब झा एकटा राष्ट्रवादी नेताक रूप मे सेहो सुपरिचित छथि। पहिल बेर जखन सहरसा मे बड़ी रेललाइनक उद्घाटन लेल तत्कालीन केन्द्रिय रेलवे मंत्री लालू प्रसाद यादव समारोह मे आयल छलाह, ओत्तहु विधायक केर रूप मे संजीव झा अपन विचार बड़ी बेवाकी सँ रखैत रेलवे मंत्रीक सोझाँसोझी विरोध केने छलाह, जे एहि क्षेत्रक मतदाता केँ आइ धरि स्मृति मे ओहिना बनल अछि।