राजनीतिक आलेख
– राजेश रंजन यादव ‘पप्पू यादव’, सांसद, मधेपुरा
बहुप्रचारित ‘स्वाभिमान रैली’ केँ लालू प्रसाद अपन ‘खानदान’ फिल्म केर शो बना देलनि । लेकिन बिहार केर जनता एकरा फ्लॉप कय देलक । गांधी मैदान आधा सँ अधिक खाली छल । आधा सँ अधिक खाली गांधी मैदान मे लालू प्रसाद जी अपन खानदान केँ रैंप पर अनलनि । खुद रिजेक्टेड भऽ गेला, तऽ बेटा-बेटी केँ सामने कय देलनि । राबड़ी देवी जी तऽ छलीहे, आइ समधियाना केँ सेहो लऽ अनला ।
नीतीश कुमार केर तऽ कद छोट भइये गेल । लालू प्रसाद ई साबित करबाक कोशिश केलनि जे आब सरकार वैह चला रहला अछि । अनंत सिंह केँ हुनके कहला पर नीतीश कुमार जेल पठौलनि । हद छैक हौ भाइ, लालू जी केहेन-केहेन झूठ बजैत छथि । कियो हिनका सँ पूछय जे अनंत सिंह केँ बढ़ेने के छल । हां..हां लालू जी, अनंत सिंह केर बड़ भाइ दिलीप सिंह केँ मंत्री अहीं तऽ बनेने रही, कियैक नहि बता रहल छी बिहार केँ । सच खुल जेबाक डर अछि अहाँकेँ लालू प्रसाद जी, लेकिन हकीकत मानू जे बिहार केर जनता सब बुझि रहल अछि । पूरा बिहार जनैत अछि जे बाढ़ मे पवन यादव केर हत्यारा केँ जेल तक पहुंचेबाक अभियान हमहीं चलेने रही, तऽ अनंत सिंह केर कहर आइयो बरैस रहल होइतय ।
जार्ज फर्नांडीस, कर्पूरी ठाकुर और जगदेव प्रसाद केँ धोखा देनिहार नीतीश कुमार कोन मुंह सँ स्वाभिमान और डीएनए केर बात करैत छथि, बिलकुल अटपटा लागि रहल अछि बिहार केँ । आय आधा सँ बेसी खाली गांधी मैदान केर कोनो कोण मे सेहो दलित-महादलित नहि छल । मुसलामन सेहो नदारद छल । आखिर कियै? नीतीश जी, बिहार केँ बताबैथ जे जखन मुख्य मंत्री जीतन राम मांझी केँ अनंत सिंह दौड़ा-दौड़ा कय मारबाक बात कय रहल छलाह तऽ अहाँ अनंत सिंह केर संग कियैक ठाढ रही । सिर्फ अही लेल न जे मुख्य मंत्री केर कुर्सी अहाँकेँ अपराधी सबहक बले चाहैत छल ।
दुए दिन पहिने मुन्ना शुक्ला सेहो जदयू केर मंच पर देखेला अछि, ई अहाँ नकारि नहि सकैत छी नीतीश जी । जंगल राज केर नारा तऽ अहें देने रहियैक नीतीश कुमार जी, आय कोना पलटी मारि रहल छी । आजुक रैली मे सेहो खाली अपराधी और माफिया तत्व केर ताकत टा लागल छल । पूरा पटना मे लौंडा नाच करायल जा रहल छल । संगहि जाति केर नंगा नाच सेहो चलि रहल छल ।
गुजरात केर पटेल क्रांतिक समय नीतीश कुमार जी हार्दिक पटेल केर समर्थन करैत छथि तऽ शरद यादव विरोध । हद केर जातिवादक गंदा राजनीति अहाँ सब कय रहल छी ।
आरएसएस केर कतय सँ विरोधी भऽ गेला लालू प्रसाद जी ? भागलपुर दंगाक समय लोक सभा केर कार्यवाही मे अहाँक आरएसएस महिमा गान आइयो कलमबंद अछि । अहाँ तऽ सदिखन दंगाई केँ गला लगेलहुँ । जहां तक नीतीश कुमार जीक बात अछि, तऽ गुजरात याद करू । नीतीश कुमार तऽ बतौर रेल मंत्री गुजरात जाकय कहला जे पूरा देश नरेन्द्र मोदी केर बाट ताकि रहल अछि ।
गरीबक बात लालू-नीतीश जी केर मुंह सँ बिलकुल बयमानी अछि । सच छैक जे मुख्य मंत्री बनबाक पूर्व लालू जी गरीब छलाह, लेकिन आय पांच सौ करोड़ केर फार्म हाउस मे कोना रहय लगलाह, ई बिहार केँ जरुर बतवैथ । अहाँ यदुवंशीक लेल कि केलहुँ अछि लालू जी । जखन दोसर कियो आगू आबय चाहैत अछि, तऽ अहाँ अपन खानदान केर नाकाबिल संतान केँ आगू करबाक कोशिश करैत छी । अहाँक खानदान टा बिहार केर यदुवंश नहि छी । बात भूमिहीन और भिखमंग केर करैत छी । दुनू भाइक बिहार मे शासन पचीस वर्षक रहल । बताउ तऽ सही जे एकरा कम करबाक लेल हिनका सबकेँ के रोकलक? जेपी केर नाम लैत दूनू उल्लू सीधा करैत रहला । मन में श्रद्धा रहितैन, तऽ जेपी केर गांव दर्शनीय भऽ जाइत । मुदा ओतय आइयो बुनियादी सुविधा नहि अछि । कालेज तक खोलि नहि पेलहुँ । भिखारी ठाकुर व डा. राजेन्द्र प्रसाद जी केर गांव आइयो वैह दर्द सँ कराहि रहल अछि ।
भूमिहीन केर एतबहि चिन्ता होइतय तऽ बंदोपाध्याय कमेटीक सिफारिश केँ आय धरि कियैक नहि लागू कराओल गेल रहितय । बिहार केँ दुनू भाइ केँ बतेबाक चाही जे प्रभुनाथ सिंह, दिग्विजय सिंह, अखिलेश सिंह सरीखाक कहलो पर बिहार मे बटाईदारी कानून केँ लागू नही होमय देल गेल ।
हम राबड़ी देवी जी केँ माय केर सम्मान दैत छी । मुदा ओ आय कहलनि जे पप्पू यादव केँ मारू । हम जानय चाहैत छी जे आखिर पप्पू यादव सँ अहाँ पति-पत्नी डरा कियैक गेल छी । बस यैह लेल न जे हम गरीबक बात करैत छी और बिहार केर लेल लड़ैत छी । हम कृष्ण केर वंशज छी राबड़ी जी, कंस-दुर्योधन केर प्रतिनिधित्व नहि करैत छी । अहाँक पास दुर्योधन केर भीड़ अछि । हम दुनू भाइ केँ गांधी मैदान मे खुला बहस केर चुनौती दैत छी । पूरा पचीस साल केर बही-खाता हम बिहार केर बतायब । राबड़ी देवी जी नहि बिसरू जे अहाँ आइ वैह ललन सिंह केर संग मंच शेयर कय रहल छलहुँ, जे अहाँकेँ कोर्ट-कचहरी तक घसीटलक और लालू जी केँ जेल पठौलक ।
आय बिहार देखलक जे नीतीश कुमार कतेक पैघ दू-मुंहाँ सांप छथि । दुइ दिन पहिने अरविंद केजरीवाल केँ घुमा रहल छलाह और आइ सोनिया गांधी केर संग मंच शेयर केलनि । अहाँ छी केकर संग नीतीश जी, मन सँ बिहार केँ बताउ । कखनहु सोनिया जी, कखनहु केजरीवाल, कखनहु लालू जी, कखनहु मुलायम जी, कखनहु ममता जी तो कखनहु वामपंथी, अहाँ तऽ अवसरवाद केर राजनीति केर सबसँ बड़का प्रमाणक छी । गवाह अछि जे कांग्रेस के सबसँ बड़ा दुश्मन नीतीश कुमार और शरद यादव रहला अछि । बिहार केर कांग्रेसी कहियो नीतीश कुमार केर खून केँ माफ नहि करत । यूपीए केर सरकार तऽ सदैव बिहार केँ संग देलक, लेकिन नीतीश कुमार गरियबिते रहला । सोनिया गांधी केँ धोखेबाज के मंच पर एनाय कांग्रेस केर लेल सेहो शुभ नहि कहल जायत ।
बिहार केर जनता बुझि गेल अछि जे सत्ताक भूख मे दुनू भाइ बिहार केँ मूर्ख बना रहला अछि । याद अछि न लालू जी नीतीश कुमार केँ बबूल केर पेड़ कहैत छलाह, तऽ नीतीश कुमार लालू जी केँ पागल बता दैथ । ई मिलन ‘विधवा मिलन’ थीक, जे बिहार केर भला नहि कय सकैत अछि । नीतीश कुमार केर नेतृत्व बिहार केर यदुवंशी कोना स्वीकारि लेत । अकेले मगध मे तेरह हजार यादवक हत्या नीतीश कुमार केर राजपाट द्वारा करायल गेल अछि । नरसंहार केर मुजरिम सरकारी मदद सँ बरी करा देल गेल अछि । बिहार केर हालत बुझू । लालू प्रसाद केर शासन मे 1994 केर बाद लगातार नरसंहार होइत रहल और फेर नीतीश कुमार केर शासन मे सब आरोपी साक्ष्य केर अभाव मे कोर्ट सँ बरी भऽ जाइत अछि । बिहार सवाल पूछि रहल अछि जे नरसंहार मे मारल गेल लोक केँ मारने के छल । आब अहाँक नाटक हम नहि चलय देब लालू प्रसाद व नीतीश कुमार जी । बिहार केँ बदलबाक कसम हम खा लेने छी और बदैलकय रहब ।