दिल्ली, अगस्त १९, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!
एबीपी न्युज पर प्रकाशित समाचार मुताबिक मैथिली भोजपुपी अकादमी केर राजनीतिक प्रयोग पर मैथिली भोजपुरी मंच द्वारा सवाल उठायल गेल अछि। कहल गेल अछि जे आइ दिल्ली केर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बिहार केर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केर सम्मान समारोह मैथिली-भोजपुरी अकादमी मे केलनि। एहि समारोह केर मैथिली भोजपुरी मंच द्वारा खुलिकय विरोध कैल गेल। एहि मंचक कहना मे रहैक जे दिल्ली मे अलग राजनीतिक सांस्कृतिक परंपरा कायम करबाक दावीक संग गठित आम आदमी पार्टी केर सरकार द्वारा आब अहू मंचक सियासी इस्तेमाल शुरू कय देल गेल।
केजरीवाल केर राजनीतिक दोस्त नीतीश कुमार केँ एहि मंच सँ बिहार सम्मान भेटब एकर एकटा पैघ उदाहरण थीक। मैथिली भोजपुरी मंच विरोध जतबैत कहलक जे, ‘मैथिली भोजपुरी अकादमी सिर्फ बिहार मूल केर लोक टा केर प्रतिनिधित्व नहि करैत अछि, करोड़ों भोजपुरी भाषी जनता झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश मे सेहो निवास करैत अछि और ओतुको बहुते लोक दिल्ली मे रहैत अछि। एहेन स्थिति मे सवाल उठैत छैक जे अकादमी द्वारा झारखंडक सीएम रघुवर दास या यूपीक मुख्यमंत्री अखिलेश यादव केँ कियैक नहि आमंत्रित कैल गेल। बिहार मे विधानसभा चुनाव केर मौका पर नितिश कुमार केँ बजायल जेबाक राजनीतिक अर्थ लगायले जायत और एकर मकसद सेहो यैह छैक। अगर एकर विरोध नहि कैल गेल तऽ एहि सँ गलत परंपरा बनत। ई तैयो राजधानीक लाखों पूर्वांचली लोकक अपमान थीक। मैथिली भोजपुरी मंच एकर खुलिकय विरोध करैत अछि।’