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पढ़ाई आ नौकरी केर प्राथमिकता सौं विवाह मे देरी

 

लेख विचार
प्रेषित: प्रिया झा
श्रोत: दहेज मुक्त मिथिला समूह
लेखनी के धार ,बृहस्पतिवार साप्ताहिक गतिविधि
विषय :- नब पीढ़ी मे विवाहक प्रतिए उदासीनता वा देरी
किएक ?

नवपीढ़ी विवाहक प्रति उदासीन भऽ गेल छैथि । पढ़ाई लिखाई आ नौकरी अहि सभ मे अपन ध्यान दैत छैक।
विवाह आब महत्वपूर्ण नैय अछि। बच्चा सभ विकसित भारत के आधुनिक सोच के बढ़ावा दऽ रहल छैक।
पश्चिमी सभ्यता सं बेसी लगाव भेल जा रहल अछि आब नवतुर के सभ बच्चा सभके । अहि दौर मे लिव इन रिलेशनशिप आ अंतर्जातीय विवाह के महत्व दैत छैक।
पहिने स्वतंत्रता आ करियर के जागरूकता नैय रहय ताहि सं परिवेश शांतिपूर्ण लगैत रहय।आब माय बाप अपन बच्चा सभके करियर के प्रति जागरूक कऽ रहल छैक ।
सभहक धिया पूता नौकरी कऽ आत्मनिर्भर बनय के रस्ता पर चलि निकलल अछि आ जे आई कालि के समय के अनुसार चलय लेल जरूरी भेल अछि ।
समय के अनुसार चलनाय आब प्राथमिकता अछि।
आब विवाहक प्रति उदासीनता के विभिन्न पहलू पर प्रकाश दैत छी।
1/पहिल कारण सामाजिक स्थिती अछि जे समाज मे स्त्रीक दशा देखी के आत्मनिर्भरता पर विशेष ध्यान देल गेलय।

2/बच्चा सभ पाई के महत्व बुझलक आ पारिवारिक सभ स्थिती सं परिचित रहैत छैक,कहय के मतलब जे
आर्थिक स्थिति कारण अछि।

3/आधुनिक विचार सेहो तेसर कारण अछि जे धिया पूता के विवाह के प्रति उदासीन बनेलक।

4/बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ के नारा सं सभहक धि बेटी सभ अपन वर्चस्व के मजबूत करय मे लागल छैक।

5/आब ककरो ना बेटी आ ना बेटा अर्थक अभाव मे जीवन यापन करय चाहैत छैक।

6/उच्च शिक्षा वा कहियो करियर के महत्व दैत छैक जहि सं बराबर के जीवनसाथी तकय मे बिलंब होईत
रहैत अछि आ धियापूता के विवाह सं उदासीनता भऽ जाइत अछि ।
7/पहिने बेटा सभ आब बेटी सेहो घर बसबय सं बेसी नौकरी के महत्व दैत छैक तकर बादे विवाह के महत्व दैत छैक जे विवाह के प्रति उदासीन बना रहल अछि ।

8/पश्चिमी सभ्यता सं सेहो प्रभावित भेल छैक ।

9/अपन मानसिकता के महत्व देल जा रहल अछि ।
बहुत तरहक केस देखैत अछि बच्चा सभ जाहि सं विवाह सन जिम्मेदारी लेल अपना के तैयार नैय करि पबैत छैक।

10/अपन पसंद के सेहो आब महत्व देल जाइ छैक अहि पसंद के तकय मे समय निकलैत अछि आ विवाह पाछु रहि जाइत अछि।

 

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