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तंत्र विद्याकेर समुचित साधनाक ज्ञान नै रहने अंधविश्वास के बढ़ावा भेटै अछि

  1. लेख विचार
    प्रेषित: आभा झा
    श्रोत: दहेज मुक्त मिथिला समूह
    लेखनी के धार ,बृहस्पतिवार साप्ताहिक गतिविधि
    विषय :- “तंत्र विद्या सँ जुड़ल अंधविश्वास एक विचारणीय समस्या

तंत्र विद्या एक प्राचीन आध्यात्मिक विद्या अछि, जे विशेष रूपसँ देवी-देवता या अन्य आध्यात्मिक शक्तिक साधना हेतु प्रयोग कएल जाइत अछि। तंत्र विद्याक मूल उद्देश्य आत्मिक उन्नति और जीवनमे शांति प्राप्ति थिक, मुदा एहि विद्याक गलत उपयोग आ अंधविश्वासक कारण समाजमे कतेक बेर हिंसात्मक घटना घटैत अछि। अंधविश्वासक बढ़ावा आ तंत्र विद्याक गलत प्रयोगकेँ कारण लोकक जान तक चलि जाइत अछि। किछु घटनामें तन्त्र विद्याक नाम पर लोक आत्महत्याकेँ लेल उकसबैत छथि या मानसिक परेशानीमे पड़ैत छथि।

तंत्र विद्याक बारेमे अक्सर कतेक तरहक मिथक आ भ्रांति समाजमे फैलैत रहैत अछि। किछु लोक विश्वास करैत अछि कि तंत्र-मंत्र के माध्यमसँ कियो भी व्यक्ति अपन शत्रुकेँ नाश कऽ सकैत अछि, या किनको जीवनमे विघ्न डालि सकैत अछि। एहि विश्वासक कारण लोक तंत्र विद्याक गलत तरीकासँ उपयोग करैत अछि, जे कइएक बेर हिंसक घटनाक रूपमे परिणत होइत अछि। तंत्र विद्या में जे शक्तिकेँ प्रयोग होइत अछि, ओ अधिकांशतः मानसिक स्थिति पर आधारित होइत अछि। तैं, जखन लोक एहि शक्तिकेँ गलत प्रयोग करैत अछि, तऽ ओ ने केवल अपन मानसिक स्थितिकेँ बिगाड़ैत अछि, बल्कि दोसरक जीवनमे सेहो विनाशक कारण बनि जाइत अछि।

तंत्र विद्यासँ जुड़ल अंधविश्वासक एक प्रमुख कारण लोकक अज्ञानता अछि। अधिकांश लोग तंत्र विद्याक बारे में सही जानकारी नहि राखैत छथि, आ ओहि पर विश्वास करैत छथि जे कियो व्यक्ति विशेष या तंत्र-मंत्रक सही तरीकासँ प्रयोग कऽ अपन इच्छा पूरा कऽ सकैत अछि। एहि विश्वासक कारण, लोक कतेक बेर अपन-अपन स्वार्थक कारण दोसरक जीवनमे भय उत्पन्न करैत छथि। उदाहरण स्वरूप, किछ लोग तंत्र विद्याक तहत ककरो खिलाफ दुर्भावना, बदला, या नुकसान पहुँचाबैकेँ प्रयास करैत छथि। एहि तरहक कृत्य सभक कारण गंभीर दुर्घटना आ हिंसा घटैत अछि, आ कतेक बेर लोकक जान तक चली जाइत अछि।

आधुनिक समयमे सेहो, कतेक बेर तंत्र विद्याक नाम पर लोक झांसामे अबैत छथि। किछु तंत्रज्ञ लोक अपना आपके विशेष शक्ति बता कऽ लोकक धन आ संपत्तिकेँ लूटैत छथि। लोक अपन समस्यासँ निजात पाबैकेँ लेल, विशेष रूपसँ मानसिक या भावनात्मक स्थितिमे परेशान व्यक्ति, अंधविश्वासक शिकार बनैत छथि। एहि प्रक्रियामे ओ लोक अपन सम्पत्ति आ कखनो-कखनो जान तक गवाँ दैत छथि।

अधिकांश समय तंत्र विद्याक प्रयोग कऽ जे कार्य कएल जाइत अछि, ओ विज्ञान आ तर्ककेँ विपरीत होइत अछि। बिना सही ज्ञान आ अभ्यासकेँ तंत्र विद्याक प्रयोग करब केवल एक भ्रमकेँ रूपमे परिणत होइत अछि। एहि तरहक अंधविश्वासक कारण ने केवल लोकक जान पर संकट उत्पन्न होइत अछि, बल्कि ओहिसँ समाजमे असुरक्षा आ डरक माहौल बनैत अछि।

समाजमे एहि अंधविश्वासक विरोध कऽ तंत्र विद्याक सही समझ और शिक्षा प्रदान करब जरूरी अछि। लोकक बीच जागरूकता फैलायल जाए, ताकि ओ एहि तरहक अंधविश्वाससँ बचि सकैथ आ सही दिशामे आध्यात्मिक उन्नति कऽ सकैथ। तंत्र विद्याक वास्तविक उद्देश्य लोकक भला करबाक होइत अछि, आ जाबे तक ओकरा सही दिशामे उपयोग नै कएल जायत, ओ खतराकेँ कारण बनि सकैत अछि। समाजके जागरूक केनाइ आ सभकेँ ई बतेनाइ कि तंत्र विद्याक दुरूपयोग नहि करबाक चाही, अंधविश्वासकेँ समाप्त करयकेँ सबसँ प्रभावी उपाय होयत। जय मिथिला, जय मैथिली ।

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