लेख विचार
प्रेषित: प्रिया झा
श्रोत: दहेज मुक्त मिथिला समूह
लेखनी के धार ,बृहस्पतिवार साप्ताहिक गतिविधि
विषय :-“संविधान मे तँ स्थान भेट गेलन्हि मैथिली केँ ….मुदा कि अपनहि घर मिथिला मे स्थान भेटलन्हि या आबो भेटतैन माँ मैथिली केँ!
लेखनी के धार दहेज मुक्त मिथिला के सुंदर सन लेखनक स्थान अछि ।सभ बेर जकां अहु बेर नीक विषय पर लिखय लेल भेटल । मिथिला आ मैथिली के बहुत चर्चा आब होइत अछि । सभ एकजुट भऽ अहि लेल प्रयासरत छी कि मैथिली केना आगु बढ़ि एकटा विशाल आ विस्तृत
स्थान पाबि जाय । हम सभ मैथिली के प्रचार प्रसार मे लागल छी ।मिथिला राज्य लेल एकजुट छी किछु ने किछु मैथिली लेल सदिखन करैत रहय छी ।चाहे कविगोष्ठी , लोक नृत्य होइ,लोक चित्रकला होइ अपन सभहक विध व्यवहार होइ लोक परम्परा वा कवि विधापति के सुंदर रचना आ भक्ति गीत होइन सभ तरहे मैथिली लेल मैथिली के महत्व के प्रकाशित करैत छी ।
संविधान मे मैथिलीक विमोचन सुनि मन हर्षित आ गौरवान्वित भेल ।अपन सभहक मैथिली आ मिथिला के जते प्रसन्ना करी कम अछि अते;विद्वान भेलैत जे अंगुली पर गिनेनाय संभव नैय अछि ।अपना सभ गोटे भाग्यशाली छी जे मैथिल छी आ मैथिली अपन सभहक मातृभाषा अछि गौरवशाली इतिहास अछि मैथिली के एक पर एक व्यक्तित्व भेलैत आ बिहार के नाम उच्च आ प्रतिष्ठित केलैथ । ****आब अपन सभहक कार्य अछि अकर महत्व के बचाके रखनाय चाहे जर्जर होइत पुरान पुरातत्व अवशेष होइ वा अपन सभके पारम्परिक रहन सहन विधव्यवहार होइ। आन जातिक रहन सहन नाय अपितु अपन कला संस्कृति सं जुड़ि के रहबाक अछि।
विवाह मे मेंहदी हल्दी नाय सिद्धांत आ कुमरम होइ आ विवाह के मरवा बेदी के परम्परा बनल रहय ककरो कहला सं अपन रीति रिवाज छोड़बय नैय आब हम मैथिल अपन संस्कृति अपन संस्कार सं जुड़ि सबटा कार्य करब अहि लेल संकल्प लिय पड़त ।देखाबा मे मैथिल परम्परा नैय बिसरब । अपना सभ गोटे के एकजुटता राखि मैथिल मिथिला लेल संगठित रहय पड़त ।
मैथिली के सभ ठाम महत्व आ सम्मान भेटत अहि लेल सभ प्रयासरत छी आ रहब । जखन देश विदेश मे मैथिली चित्रकला के नाम होइत अछि आ बिहार के बच्चा उच्च काज करैत अछि आ देश विदेश मे नाम कमाइत अछि तऽ मिथिला आ मैथिले के तऽ नाम होइत अछि । जखन अते नाम बाहर भेट रहल अछि तऽ घर मे किएक नैय भेटत बस सभ संगठित रहु माँ जानकी अपना सभहक मिथिला मे सेहो मैथिली के स्थान भेट जैत तकर पूर्ण आशा सं हम सभके शुभकामना दैत छी ।
अपन मिथिला परम पावन मिथिला धाम जत पाहुन
बनि एला अपन माँ जानकी के श्री राम।