महापुरुषक जीवनी आ हमरा लोकनिक जीवन

महापुरुषक जीवन सँ हम मानव केना प्रेरणा ग्रहण करैत छी

विचार 
– प्रवीण नारायण चौधरी

एहि संसारमे अनेकों महापुरुषसब अवतरित भेलाह । हमरा सभक बीच सेहो कतेको लोक महापुरुष हेताह । महापुरुष महान कर्म कयला सँ मात्र बनि सकैछ । विश्वभरिमे कतेको लोक एहेन महापुरुष भेलाह जिनकर बारेमे हम-अहाँ पढ़ने छी, आरो पढ़बे करब । एना पढ़िकय मात्र हम सब ओहि महापुरुषसभक जीवन आ सिद्धान्तसँ परिचित होइत छी ।

हमरा सभक अपनहि मन-मस्तिष्कमे रहल कतेको बात जे हम सब सोचल त करय छी, मुदा ताहि अनुसार किछु कय नहि पेने छी, ओ सब बात जखन कोनो महापुरुषक जीवनी पढ़िकय मिलैत-जुलैत लगैत अछि, तखन हमरा सबमे सेहो ओहेन सोचकेँ कर्ममे परिणति देबाक प्रेरणा प्राप्त होइत अछि ।

बहुतेबेर एहनो भेल करैछ जे हम सब सोचनहियो नहि रहैत छी तेहेन अनुकरणीय सोच-सिद्धान्त आ कर्म महापुरुषसब द्वारा कयल गेल पढ़िकय हमरा सब प्रेरणा पबैत छी आर एहि तरहें अपन जीवनक गति व मार्ग दुनूकेँ नव तरीकासँ परिभाषित कयल करैत छी ।

कतेको बेर बाते-बातमे महापुरुषसभक जीवन बारे अपन बड़-बुजुर्गसँ, फिल्मसँ, सभा-गोष्ठी, आदिसँ गोटेक महापुरुष बारे सुनैत छी आर वैह हमरा सभक वास्ते एकटा नव टौर्चलाइट सिद्ध भ’ गेल करैत छथि ।

खुदा-न-खास्ता कोनो मानव जीवनमे महापुरुषक जीवनीसँ वंचित रहि गेनाय ओ निश्चय टा असफल-अधूरा भ’ जायत । आर, महापुरुष बारे पढ़िकय-सुनिकय-बुझिकय जँ महापुरुषक गुण अपनामे भेटि गेल त हमरासबमे जिम्मेदारी बोध आरो बढि जायत । अपन जीवनगतिकेँ सुमार्गमे अग्रसर करबाक हिम्मत, जोश आ शक्ति भेटल करैछ ।

आइ सबमे हमर आग्रह रहल जे ‘डा. राम मनोहर लोहिया’क जीवनी जेतय भेटय, कृपया ताकि-ताकिकय पढ़ू । आइ-काल्हि बहुते नेतासब ‘लोहियावाद – समाजवाद’क चर्चा करैत छथि । कियैक ? कियैक तँ लोहिया एहेन उच्चशिक्षित आ दृष्टिसम्पन्न व्यक्ति भेलाह जे सत्ता संचालनमे विपन्न आ निरीह व्यक्तिधरिकेँ सत्ताधिकारी बनेबाक वकालत कयलनि । हुनकर मान्यता यैह रहनि जे लोकतंत्रमे शासनाधिकारी हरेक वर्गक लोक बनय, सत्ताक सोच समाजक अन्तिम व्यक्तिधरिक लेल कल्याण करयवला होइक । कानुन आ व्यवहार सभक प्रति एकसमान होइक ।

लोहियाक व्यक्तिगत जीवनकेर आरो बहुते पक्षसब अछि जे पढ़िकय हम-अहाँ अपन जीवनक सफलता सुनिश्चित करैत आगू बढ़ा सकैत छी । भविष्यमे डा. लोहियाक जीवनी आ प्रस्तुतिबारे सेहो लिखबाक वचनबद्धता दैत आजुक एहि लेखकेँ एतहि विराम दैत छी ।

हरिः हरः!!