लेख विचार
प्रेषित : गीता कुमारी ’गायत्री’
श्रोत: दहेज मुक्त मिथिला समूह
लेखनी के धार ,बृहस्पतिवार साप्ताहिक गतिविधि
विषय :- ” बढ़ैत शिक्षाकेँ संग घटैत नैतिक व्यवहार—-आबय वाला समयमे एकर दुष्प्रभाव!! दुनूमे सामंजस्य बना कऽ रखबाक लेल कि उपाय!”
आइ काइल्ह बढैत शिक्षा के संग नैतिक व्यवहार मे बहुत कमी भी र ल अछि।नव बदलाव भेल जा रहल अछि।बच्चा सभ अपन परिवार सं दूर भ रहल छैथ।मात्र अपन मां पिता जी के साथ रहि हुनके बात बुझैत छैथ।बच्चा सभ आब स्वतंत्र भ अपन कार्य करय चाहैत छैथ।किनको बात के सूने,सहन करब से नहिं छैन।
एकर जिम्मेदारी परिवार के गार्जियन यानी माता पिता के छैन।बच्चा संस्कारी होईथ ,ओहि मे अभिभावक के अधिक जिम्मेदारी रहय के चाही। बच्चा के लार प्यार के साथ नीक संस्कार,अपन संस्कृति,बात विचार के से हो ख्याल राखबाक चाही।नीक स्कूल में पढ़ा लिखा के योग्य बना देब मुदा अपन रिति-रिवाज, संस्कृति ओ अपन परिवार सं सिखैत छैथ।
स्कूल में किताबी ज्ञान त भेटि जाय जैन मुदा नैतिक शिक्षा के अभाव रहय छैन।
परिवार में बच्चा कोना बैसय ,कोना बाजय,पैऋघ और छ़ट संग कोना व्यवहार करय ओकर अभाव व रहल अछि।
तैं कहल जाय छै जे बच्चा केहन परिवार सं छै।एकर एकटा छोट उदाहरण अछि जे बच्चा के कहबय मोबाइल नय देखू आओर
आहां भैर दिन मोबाइल में रहब त बच्चा वैह सिखतय न।
पढ़ाई लिखाई के साथ हर बच्चा के संग समय देनाय ओकर हर बात के बुझनाय बहुत जरूरी छै।
बेटा-बेटी कोन दिशा में जा रहल अछि ओ गार्जियन के सतत ध्यान देबय पड़तैन। अखनों बहुत परिवार छैथ जिनकर बच्चा देश विदेश रहय छैन,मुदा अपन संस्कृति संस्कार के नय विसरैत छैथ।अपन भाषा के नय विसरैत छैथ। तैं हमर कहब उच्च सं उच्च शिक्षा दियौ, कतेको भाषा सिखबियौ,मुदा अपन संस्कृति संस्कार के नय बिसरावियौ।अपन भाषा के नय बिसराबू।
आहां खुद बच्चा संग अपन भाषा बाजब,तन ने ओ बाजत,
आहां अपन रिलेटिव के पैर छू प्रणाम करब ,तखन ने ओ प्रणाम करत। हमर कहय के तात्पर्य अछि जे बच्चा सभ दूर भ रहल छैथ ओकर जिम्मेदार मां बाबूजी छैथ। गार्जियन के जवाबदेह बनय पड़तैन। कहबी में छै जे पढलहुं त बुझलहुं नय। अर्थात सिर्फ किताबी ज्ञान रटनाय सं नय हैत व्यवहारिक ज्ञान।बढैत शिक्षा सं नैतिक व्यवहार नय घटय के चाही। शिक्षा सं और नम्रता होई छै।
एकर मात्र कारण अछि अभिभावक के सजगता नय छैन।बच्चा आब गार्जियन लग बहुत कम रहय अछि। उच्च शिक्षा लेल बाहर जाय पड़य छैन।
तखनो बच्चा में नैतिक शिक्षा के ज्ञान परिवार में भेटत तखन नैतिक व्यवहार मे कमी नय हैत।
सभ गार्जियन सजग होऊ आओर बच्चा पर ध्यान दियौ त बढैत शिक्षा के संग नैतिक व्यवहार मे कमी नय हैत।