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गाम से मजबूरी मे शहर जाइ छै

लेख विचार
प्रेषित : नूतन ठाकुर
श्रोत: दहेज मुक्त मिथिला
#लेखनीकेधार साप्ताहिक गतिविधि

आई के विषय छै आब लोक सब गाम में नै रहय चाहैत छैथ ओकर सब स पैघ कारण त हमरा हिसाब स शिक्षा आ रोजगार छै पहिने अनेक शिक्षा के विकास, महत्व नै छल बहुतायत लोक सब अक्षर के ज्ञान हेतु पढ़ाई करैत छल, कृषि पर निर्भरता छलै, भौतिकवादी नै छलै , पारिवारिक एकता छलै घर में एकटा गार्जियन रहे सब किछु के जिम्मेदारी हुनके पर आ सब सम्मान सेहो दै छल एहन बात नै जे ओहि समय में लोक बाहर नै जाई छल तखनो जे कियो पढै छल उच्च शिक्षा लै छल ओ बाहर कमाई लेल जाई छल परन्तु संख्या कम रहा आ जे बाहर जेबों करै ओकर परिवार गाम में रहलाक कारण गाम स लगाव छल आ पावैन तिहार या कोनो काज प्रयोजन गाम जरूर अबै छल
परन्तु धीरे धीरे बाढ़ पानी , शिक्षा आ नौकरी के तरफ रूक्षान स शहर के लेल पलायन बढैत गेलै लोक सब भौतिकवादी बेसी भ गेलै, त गाम में समाङगक कमी भ गेल , किछ प्राकृतिक आपदा , जलवायु परिवर्तन संसाधन के कमी स खेती मे उत्पादन सेहो कम भ गेलै त जीवन यापन के लेल लोक के मजबूरी में सेहो शहर जाय पडलै।
आब त गाम घर में सेहो बहुत परिवर्तन भेलै तैयो एखनो निक स्कूल, अस्पताल आ रोजगार जे लोक के मूलभूत आवश्यकता छै ओहि में कमी छै त लोक के शहर जाय परै छै आ जेकर बाल बच्चा सब शहर में रह लागल ओ माता पिता के सेहो शहर बजा लैत छै
एकर उपाय के लेल सरकार के तरफ स प्रयास कर परतै। रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि मूलभूत आवश्यकता के विकास होई त शायद पलायन रूकै ।

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