आगामी विधानसभा चुनावक मद्दे नजरि ‘प्रजातंत्रक महापर्व’ मे जनताक सहभागिता लेल ‘बाहुबल, धनबल, दारूबल, जातिबल, धर्मबल’ आदिक प्रतिकार करैत ‘उपेक्षाक अन्त, विकासक आरंभ’ नारा पर चुनाव लड़बाक लेल नेतृत्वकर्ता पर दबाव देब जरुरत अछि। मैथिली जिन्दाबाद आम जनमानस मे एहि लेल जनजागृतिक आह्वान करैत प्रवासी मतदाता सब सँ गाम-गाम चिट्ठी लिखबाक अनुरोध करैत अछि।
प्रवासी मैथिल पुत्र द्वारा गामवासी के पठाबयवला पत्रक नमूना:
प्रिय गामवासी,
हम सब गामक बेटा गामसँ बड दूर मजबूरी मे समस्त उत्तरदायित्त्वकेर वहन करबाक वास्ते प्रवासपर छी आ एतय अपन स्वराज्यक महत्त्व आन-आन राज्यवला सबहक समृद्धिसँ मनन कय रहल छी। वास्तवमे बिहार नाम्ना राज्यक हेबाक कारणे हमरा सबहक कतहु सम्मान नहि कैल जा रहल अछि, लेकिन जखन अपन मिथिलाक बात करैत छी तऽ स्वत: लोक जानकी (सिया-धिया)केर स्मरण करिते हमरा सबकेँ बहुत इज्जत सेहो दैत छथि, मुदा काज करबाक घडी कियो इज्जतसँ पैसा नहि दैत छैक, घाम-पसीना चुआबैत काज करबाबैत अछि आ रोजीक नामपर शोषण कैल जाइछ। आइ यदि अपन स्वराज्य टा रहैत तऽ जरुर हमरा लोकनि अपन मिथिलामे उद्योग आ व्यवसायिक वातावरण पाबि रोजी लेल एतेक दूर कथमपि नहि अबितहुँ।
हमर व हमरा संग रहनिहार समस्त मिथिलावासी एहि बेर निर्णय लेलहुँ आ ताहि अनुरूपे अपने लोकनिकेँ चिट्ठी लिखि निवेदन कय रहल छी जे आगामी लोकसभा चुनावमे जे कोनो दल वा उम्मीदवार चुनाव लडय लेल आबय ओकरा सँ पहिने शपथ खुआउ आ लिखित माँगू जे ‘मिथिला राज्य’ केर माँग सदनमे उठायत आ हमरा सबकेँ बिहार राज्यक थोपुआ पहिचानसँ जरुर मुक्ति दियाओत। संगहि, आर्थिक पिछडापण सहित अन्य अविकसित अवस्थामे शीघ्रातिशीघ्र सुधार आनत।
अपनेक विश्वासी,
किशोर