मैथिली मिथिलाः १० वर्ष पर दृष्टि
एहि बीच हमर निजी संचारधर्म निर्वहन मे काफी शिथिलता आबि गेल अछि। लेकिन चारू दिश संचारकर्म बढैत देखि अत्यधिक प्रसन्नता अछि। नित्य नव संचार माध्यम आ ताहि मे लाखों मैथिलक सक्रियतापूर्वक सहभागिता देखा रहल अछि।
विगत १० वर्ष मे जे-जे सपना देखलियैक मिथिला लेल से सबटा ओहिना सच भ’ रहल छैक जेना सोचलियैक। अपन भाषा सँ जुड़ाव हो, एकर पठनीयता बढय, साहित्यक प्रकाशन आ प्रसार हो, जगह-जगह जमघट भाषा-संस्कृति आ राजनीतिक अस्तित्व लेल हुए… बहुतो रास बात। सबटा पूरा भ’ रहल अछि। बहुत रास पूरा होयबाक क्रम मे अछि। संगठनक काज एखन धरि अधूरे अछि। जानि ई कहिया भ’ सकत!
२०११-१२ मे महिला आ युवा सहभागिता अत्यल्प छलैक। किछुए रास सजग मैथिल युवा एवं महिला समुदाय मैथिली-मिथिला विषय पर सजगता संग सक्रिय देखाइत रहथि। १० दिसम्बर २०१२ के जन्तर मन्तर पर युवा सहभागिता लेल राजनीतिक समझ सँ परिपूर्ण युवा Sagar Mishra जी सँ बेहतर सहभागिताक सत्प्रयास ओहिना स्मृति मे बनल अछि।
यूथ अफ मिथिला आ भ्वाइस अफ मिथिला जेहेन कतिपय सोशल मीडिया सँ मिथिला राज्य के आह्वान, समर्थन आ जनजागरण के मंच आ ताहि सँ जुड़ल सौंसे भारतक लगभग १०० गोट महत्वपूर्ण युवा मामूली बात नहि छलैक, सेहो मोन पड़ि रहल अछि।
हमहीं कनि देरी सँ राज्य केर मुद्दा पर समर्थन आ संग देनाय शुरू कएने रही, कारण अध्ययन आ अनुभवक कमी के कारण ‘पृथक् मिथिला राज्य’ केर मांग केँ ‘बिहार के विभाजन’ आ ‘विभाजन सँ कमजोर परिणाम’ केर परिकल्पना हमर मन-मस्तिष्क मे बैसल छल। परञ्च राज्य गीत मे मिथिला प्रति विभेदक स्थिति सँ सब बात स्पष्ट भ’ गेल जे ई बिहार हमरा सभक मौलिकता ओ ऐतिहासिकता केँ समाप्त करयवला ‘टूल’ थिक। एकरा सँ पृथक् भेने कल्याण अछि, नहि त ई किदैन-कहाँदैन मे फँसाकय हमरा सभक मौलिक पहिचान आ विशिष्ट सभ्यताक सदा-सदा लेल मृत्यु केँ दान दय देत।
२०१२ मे दिल्ली मे आयोजित बिहार राज्य दिवस आ ताहि मे सक्रिय संयोजक Hemant Jha भाइ केँ बिहारक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केँ गोटेक प्रश्न सहितक विज्ञप्ति सौंपबाक रेकर्ड अछि। २०१३ केर आरम्भ सँ अन्त धरि हमर जीवनक सर्वाधिक सक्रिय वर्ष रहल आ से पूरे-पूरी मिथिला राज्य लेल।
८ जनवरी २०१३ केर मिथिला चौक (कनाट प्लेस) केर कन्नारोहट कार्यक्रम, २२-२५ मार्च २०१३ केँ एकान्त सहित अन्य मिथिला राज्य प्रेमी लोकनिक जन्तर-मन्तरपर सामुहिक उपवास कार्यक्रम आ तदोपरान्त १४ अप्रैल २०१३ केँ बुराड़ी (दिल्ली) मे विश्व मैथिल संघ केर कार्यालय मे बजायल गेल बैसार मे ‘मिथिला राज्य निर्माण सेना’ एक युवा समूह केर स्थापना आ मिथिला राज्य लेल जनजागरणक संकल्प, १ जून सँ १० जून २०१३ लेल ९ जिलाक रथयात्रा आ ताहि मे भेटल अपार जनसमर्थन – पुनः दोसर यात्रा सुल्तानगंज सँ देवघर आ वासुकीनाथ धरिक मिथिला राज्य निर्माण यात्रा-२, पुनः तेसर यात्रा दुर्गा पूजाक समय मे दरभंगा-मधुबनीक ग्रामीण भेग मे सघन अभियान आ जनसभा, पुनः बिठौली जनसभा, डा. लक्ष्मण झा केर स्मारक स्थल रसियारी मे प्रथम संगठन सदस्यक शपथ-ग्रहण, मिथिला ग्रामीण जागरण यात्रा सुसारी, गलमा, लगमा, पाली, घनश्यामपुर आदिक सघन अभियान, संयुक्त मिथिला राज्य संघर्ष समिति संग सहकार्य, आदि अनेकों कार्य एहि वर्ष भेल। दिल्ली मे सक्रिय मिथिलावादी अभियानी लोकनि तत्कालीन राजनीतिक शिखर पुरुष सब संग ज्ञापन पत्र सहित, मिथिलाक विभिन्न मांग आदिक संग राज्य केर समर्थन लेल भेंटघांट कयलनि। जाहि मे भाजपाक राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह आ लोजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान प्रमुख रहथि। आदि।
आब १० वर्षक बाद जे स्थिति अछि से पहिने सँ कई गुना बेहतर भेल अछि। लेकिन संगठनक अभाव, मनमानी कार्यशैली, वगैर समुचित साहित्य केँ हो-होबाजी, आपसी कटुता आ वर्चस्ववादी सोच, श्रेय लुटबाक अति-कुत्सित खेला-वेला, जोर-जबरदस्ती कय केँ उचित सोच-विचार विरूद्ध माहौल बनायब…. ई सब किछु कमी-कमजोरी आइ धरि विद्यमान अछि। तखन त समय मुताबिक आगू बढ़ि रहल अछि आन्दोलन, धीरे-धीरे कमी-कमजोरी अवश्य दूर हेतैक से विश्वास अछि।
एहि वर्ष २०२२ मे दुइ गोट अति-महत्वपूर्ण कार्यक्रम होयत। एकटा विश्व मैथिल सम्मेलन दिल्ली आ दोसर दरभंगा मे विद्यापति सेवा संस्थान द्वारा स्वर्ण विद्यापति महोत्सव (५० वर्ष पूरा होयबाक उपलक्ष्य मे)। संगहि अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन एहि वर्ष अमेरिका मे आयोजित होमय जा रहल अछि, हालांकि एकर साहित्य एखन धरि कतहु नहि पढ़य लेल भेटल… अलंकारिके आयोजन सही लेकिन अमेरिका (दूर देश) केर आयोजन सँ दूर धरि सन्देश जायत से स्वाभाविक सोच अछि।
तहिना साहित्य क्षेत्र मे ‘मैथिली लिटरेचर फेस्टिवल’ द्वारा बहुत उच्चकोटिक योगदान भेल एहि बीच मे, कोरोनाकाल मे ई बाधित अछि से बाट खुजय। मिथिला चित्रकला आ सांस्कृतिक समूह केर वैश्वीकरण मे सेहो मैथिल आगू बढथि। स्थिति आरो बेहतर होयत। औद्योगिक-व्यवसायिक लगानी संग मैथिलक मड़ौसी केर समुचित दोहन लेल सेहो लोक सब जागथि आ आर्थिक गतिविधि तेज होय। पर्यटन मे भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित रामायण सर्किट के अतिरिक्त मिथिला पर्यटन पर हम सब स्वयंसेवी संगठन सेहो जोर दी। शेष दोसर पोस्ट मे!
हरिः हरः!!