मिथिला राज्यः भविष्यक योजना आ संगठनात्मक प्रयत्न

भविष्यक योजना आ संगठनात्मक प्रयत्न

– प्रवीण नारायण चौधरी

आइ भोरे व्हाट्सअप मैसेज सब चेक करयकाल मे सर्वप्रथम एहि पर नजरि पड़ल –
 

मिथिला राज्य, मैथिली भाषा एवं संस्कृति केर आवश्यकता और भविष्य पर योजनापूर्वक संगठनात्मक प्रयत्न केना हो एहि पर विमर्श होयबाक चाही।

 
– श्री नवीन झा, कोटा, राजस्थान

 

उपरोक्त सन्देश आइ आदरणीय नवीन बाबू वरिष्ठ शिक्षाविद् एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघक एक वरेण्य चिन्तक, खास कय केँ हमर विभिन्न अभियान मे काफी समय सँ अपन अमूल्य सुझाव आ मार्गदर्शन सेहो दैत रहला अछि, हुनक व्हाट्सअप मे देखल आ एहि प्रमुख विन्दु पर सभक ध्यान जेबाक चाही से बेर-बेर कहैत-बजैत आयल छी।
 
मिथिला राज्य, मैथिली भाषा और संस्कृति केर आवश्यकता पर केन्द्रित लगभग सब बात त स्पष्ट करिते ई मांग कय रहल छी जे एकरा आबो जँ संविधान द्वारा अधिकार सहित स्थान नहि देल जायत त ई सभ्यता, भाषा आ संस्कृति तीनू मृत्यु केँ प्राप्त करब सुनिश्चित अछि। पौराणिक इतिहास सँ पुरातात्विक एवं आधुनिक काल धरि मिथिलाक विशिष्टता, एहि ठामक बौद्धिकता, लोकक निष्ठा, ईमानदारिता आ श्रमशीलता आदिक बात सर्वविदिते अछि। लेकिन जेना-जेना एहि ठामक लोक अपनहि भाषा छोड़ि रहल अछि, अपनहि संस्कृति केँ हेयदृष्टि सँ देखि रहल अछि, अपन भाषाक पढाई करय तक सँ विमुख भ’ रोजी-रोटी लेल बेहाल भ’ रहल अछि, पलायन लेल बाध्य अछि, करीब-करीब ८०% लोक अस्थायी प्रवास मे चलि गेल अछि, ई सब संकेत कय रहल अछि जे यदि एहि विषय पर आबहु ध्यान नहि देल जायत आ एहि क्षेत्रक लोक केँ स्थिरता प्रदान करैत क्षेत्रहि केर पूर्वाधार आदिक समुचित विकास कय आर्थिक विकास नहि कयल जायत त मिथिला सभ्यता केँ बचेनाय सम्भव नहि होयत। भाषा केँ सेहो लोपोन्मुख कहल जाय लागल अछि, जेना लिपि समाप्त भ’ जेबाक दृष्टान्त सोझाँ अछि बिल्कुल तहिना। तेँ, आवश्यकता पर केन्द्रित बात बेर-बेर लिखैतो आब नीक नहि लगैछ। तखन त जिज्ञासा अनुसार लेख केँ सम्बोधित होयब जरूरी होइछ, से मर्यादा लेल आइ संछेप मे यैह लिखि पेलहुँ।
 
आजुक दिन मे सब सँ बेसी महत्वपूर्ण सवाल अछिः
 

“भविष्य मे योजनापूर्वक संगठनात्मक प्रयत्न केना हो?”

 
हमरा समझ सँ ‍भविष्य लेल योजनाक विन्दुवार स्वरूप यैह अछिः
 

१. मजबूत संगठनक निर्माणः

 
मिथिला राज्य आन्दोलन लेल प्रयासरत संगठन सब माटि नहि पकड़ि पाबि रहल अछि। एहि दिशा मे किछु नव संगठन यथा मिथिला राज्य निर्माण सेना, मिथिला स्टूडेन्ट यूनियन, आदिक संग राजनीतिक दल के रूप मे अखिल भारतीय मिथिला पार्टी आ एकर पैट्रोन संगठन अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद् केर भूमिका आंशिक तौर पर यदाकदा होइत देखल जाइछ। एहि सब संगठनक बीच मे कार्यात्मक एकताक जरूरत अछि, एहि पर सेहो आपसी समझौता होयब बाकिये देखैत छी। एकर अतिरिक्त मिथिलावादी संगठनक लोक मे अधिकांश लोक राजनीतिक आबद्धता अन्य-अन्य राजनीतिक दल सँ रखैत अछि, जे प्रत्येक चुनाव मे फेर सँ अपन-अपन राजनीतिक दल संग आबद्धता देखेबाक क्रम मे संगठन केँ कमजोर कय देल करैत अछि। एहि सब द्वारे मिथिलावादी कैडर द्वारा एकजुट होयब आ मजबूत संगठन ठाढ़ करब जरूरी देखि रहल छी।
 

२. मुद्दा लेल जनजागरणः

 
समस्त संगठन लेल एकमात्र लक्ष्य यैह हेबाक चाही जे आमजन केर मन-मस्तिष्क मे राज्य केर आवश्यकता वाली विषय पहुँचायल जाय। आमजन केँ एहि मांग केर औचित्य संग जोड़िते राजनीतिक दल द्वारा सेहो एहि मांग पर केन्द्रित रहिकय सदन आ विधान सँ मिथिला राज्य केर मांग केँ पारित करब बाध्यता बनि जायत।
 

३. मिथिला राज्य निर्माणक संग जमीनी मुद्दा लेल आन्दोलनात्मक प्रयासः

 
मिथिला राज्य निर्माण केर सोच रखनिहार संगठन सब केँ जमीनी स्तर पर कैडर (कार्यकर्ता) निर्माण करब आवश्यक अछि। आर ई काज तखनहि होयत जखन पंचायत स्तर पर सक्रिय होयब, पंचायतक मुद्दा पर पंचायत राज केर प्रतिनिधि संग प्रशासनक जिम्मेदार पदाधिकारी धरिक सम्पूर्ण योजना आ ताहि मे आबि रहल सरकारी कोष केर समुचित व्यवस्थापन करबा सकी। एखन कार्यात्मक रूप मे पंचायती राज सँ भ्रष्टाचार केँ भगेनाय आ संगहि गाम या शहरक जीवन सँ गन्दगी केँ सफाई लेल स्वयंसेवा करब बड पैघ जरूरत देखि रहल छी जे प्रत्येक मिथिलावादी केँ तत्परतापूर्वक करबाक चाही।
 

४. कैडर प्रशिक्षणक आवश्यकताः

 
मिथिला राज्य यदि आजुक भ्रष्ट पंचायती राज आ शासन-प्रशासन संग बनत त आइयो सँ बदतर अवस्था मे पहुँचत, तेँ मिथिला राज्य आन्दोलन मे संलग्न समस्त कैडर केँ प्रशिक्षित करब आवश्यक अछि। सत्य, ईमानदार, निष्ठा, मर्यादा, अनुशासनक सीख जा धरि स्वयं नहि लेब ता धरि समाज आ राज्य केँ बदलबाक सपना सपने रहत। प्रत्येक पंचायत आ नगर परिषद केर आधारपर कैडर निर्माण आ भ्रष्टाचारक विरूद्ध संघर्ष करबाक, सत्याग्रह करबाक, अहिंसक आन्दोलन करबाक आ जरूरी पड़य त स्वयं-सुरक्षाक उपाय सहित हिंसक-उग्र भीड़ केर शान्ति लेल प्रतिहिंसक कार्यवाही तक करबाक लेल प्रशिक्षण जरूरी अछि। एहि कैडर सब सँ जगह-जगह वाल पोस्टरिंग आ पेन्टिंग करैत जन-जन मे मिथिला राज्य सहित अन्य सन्देश पहुँचायब जरूरी अछि।
 

५. मिथिला राज्य आ एकर विकास-व्यवस्थापन लेल नीति-नियम बनेबाक लेल एक प्रबुद्ध वर्ग समूह केर गठनः

 
हरेक जिला, प्रखंड, पंचायत केर प्रतिनिधित्व करैत वृहत् विचार समूह जाहि मे प्रबुद्ध वर्गक लोक केँ जोड़िकय भिन्न-भिन्न प्रखंड या जिला या जाहि स्तर पर सहज व्यवस्थापन संभव हो से करब अत्यावश्यक अछि। एहि विभिन्न प्रखंड/जिलाक प्रबुद्ध समूह मे सँ चयनित लोक सहितक अखिल भारतीय प्रबुद्ध मैथिलजन समूह केर निर्माण हो, जे निरपेक्षता सँ मिथिला आ राष्ट्रक विकास केर विभिन्न मुद्दा सब पर राय देथि। पुनः एहि राष्ट्रीय समूह मे सँ चयनित लगभग ५१ सदस्यीय या सुविधानुसार संख्याक एक केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य आ सलाहकार लोकनिक मूल कार्यकारिणी समिति हो जे राजनीतिक स्तर पर मिथिला राज्य निर्माण लेल यथासंभव हरेक विन्दु पर नीति निर्माण करैत घोषणापत्र जारी करैत कार्य करय।
 

हमर नजरि मे मिथिला राज्य निर्माण लेल कार्यरत संगठनक छोट इतिहास उदाहरणार्थः

 
१४ अप्रैल २०१३ केँ दिल्लीक बुराड़ी स्थित ‘विश्व मैथिल संघ’ केर कार्यालय मे मिथिलावादी युवा सभक एक बैसार द्वारा स्थापित ‘मिथिला राज्य निर्माण सेना’क अवधारणा उपरोक्त प्रत्येक विन्दु पर केन्द्रित रहिकय कार्य करबाक प्रस्ताव एवं निर्णय सहित भेल छल। आइ ९ वर्षक दरम्यान एहि संगठन आ एकर स्वयंसेवक कैडर सब द्वारा अपन मातृभूमि आ मातृभाषा संग मातृअस्मिताक हरेक विषय पर यथासंभव योगदान देल जाइत रहल अछि। हमरा एहि बातक आत्मगौरव होइछ जे एकर परिकल्पनाकार मध्यक एक सदस्य स्वयं रहलहुँ आ अपन लेखनीक माध्यम सँ मिथिला राज्य निर्माण सेना लेल आवश्यक आ अनुशासित साहित्य लेखनक कार्य सँ लैत जतय-जतय धरि संभव भेल तन-मन-धन सँ सहभागी बनलहुँ। हमर मान्यता अछि जे जा धरि ई जीवन रहत, ता धरि अपन पहचान मैथिल, भाषा मैथिली आ सभ्यता मिथिला लेल समर्पित भ’ काज करैत रहब – सेहो बिना कोनो पद या लोभ-लाभ-लालच के। हमर संकल्प अछि जे स्वयं कहियो कोनो पद नहि लेब।
 
एहि २०२१-२२ मे बहुत पैघ संकल्प संग मिथिला राज्य निर्माण सेना बढि रहल अछि। कार्ययोजना पर सेनाक महासचिव एवं अन्य चिन्तक लोकनि संग नजदीकी हेबाक कारण चर्चा होइत रहैत अछि। सीमित संसाधन मे सर्वोत्तम परिणाम लेल मुखर ई संस्था किछु स्वर्णिम योजना संग आगू बढि रहल अछि। एखन ‘जनगणना मे मैथिली, संविधान मे मिथिला राज्य’ विषयक संग “मिथिला पुनर्जागरण यात्रा” मिथिलाक प्रत्येक जिला मे आयोजित कयल जा रहल अछि। ५ दिवसक प्रत्येक चरण आ ४-५ जिलाक भ्रमण, नेतृत्वकर्ता आ कैडर सहित रोड शो मार्फत जन-जन केर चेतना मे भाषाक महत्व, जनगणना मे भाषिक उपस्थितिक महत्व आ विगत ७ दशक सँ आर्थिक उपेक्षाक दृष्टान्त दैत मिथिला राज्य केर स्थापना मात्र अपन बाल-बच्चा आ भविष्यक सन्तति केँ रोजी-रोटी-रोजगार आ खेती-किसानी-व्यापार केर सुखद दिन देखा सकैत अछि, एहि सब बात पर लोकसहमति जुटबैत बढि रहल अछि। ई सब अपन भविष्यक योजना मे २०२४ केर संसदीय चुनाव आ २०२५ केर विधानसभा चुनाव मे मिथिला समर्थक लोक केँ मात्र वोट देबाक जनजागरण करैत स्वयं एहि तरहक विकल्प देबाक बात सेहो कय रहला अछि। १४ जनवरी २०२२ सँ ई लोकनि सेना संग जुड़बाक आ प्रखण्ड स्तर पर समूह बनेबाक काज सेहो समानान्तर रूप सँ कय रहला अछि। हालहि विश्वविद्यालय मे छात्र संगठनक रूप मे ‘छात्र युवा सेना’ केर स्थापना सेहो कयल गेल अछि।
 
मिथिला राज्य निर्माण सेना द्वारा २०२४ केर संसदीय चुनाव आ २०२५ केर विधानसभा चुनाव लड़बाक कार्य होयत, ई बात बहुतो परम्परावादी-यथास्थितिवादी लेल हड़कम्प मचबयवला विषय बनि गेल अछि। वास्तव मे जाति आ धर्म के बाद आब भाषा आ बोली मे सेहो विखण्डित कय केँ अपन राजनीतिक स्वार्थ सिद्धिक अतिरिक्त यथार्थ विकास आ समृद्धिक कोनो योजना नहि रहल एहि परम्परावादी-यथास्थितिवादी राजनीतिक दल सभक लेल मिथिला सिर्फ वोट लेबाक खेलौना सिद्ध भेल अछि। जखन एहि क्षेत्रक कोनो समस्या (बाढि, सुखाड़, रोजी-रोजगार, उद्योग, कृषि, जलव्यवस्थापन, पर्यटन, बौद्धिक विकास, शिक्षण संस्थान आ खासकय उच्च शिक्षा लेल समुचित व्यवस्थापन, आदि अनेकों सरोकार) केर कोनो समाधान नहि भ’ सकल अछि त एहि क्षेत्र केँ मात्र ‘मजदूर आपूर्तिकर्ता क्षेत्र” केर रूप मे आ एतुका एलिट्स केँ देश भरि मे आने-आने ठाम लक्जरियस लाइफस्टाइल (विलासितापूर्ण जीवनशैली) मे जीवन जियैत सख-मौज केर लोभ मे फँसाकय सब दिन दरिद्रे रखबाक कुटिल योजना टा भारत सरकार या बिहार सरकार केर अछि से सिद्ध भेल अछि। संगहि, नेपाल मे सेहो मिथिलाक्षेत्र केर नाम परिवर्तन आ ताहि मे भारतीय कूटनीतिक सहयोग, भाषापर कुठाराघातक खेल-वेल, ई सब किछु सिद्ध करैत अछि जे मिथिला केँ सिर्फ धार्मिक-सांस्कृतिक आ पौराणिक इतिहास, मिथक आदिक समझ धरि जियैत छोड़ि बाकी अस्तित्वहीन कय देल जाय। एकर करारा विरोध करब जरूरी अछि। एहि लेल समस्त जागरूक मैथिल लोक केँ सावधान भ’ जेबाक चाही, नहि त आगामी सन्तति संग बहुत पैघ जोखिम लदबाक काज करब हम सब। आइ भले प्रवास क्षेत्र मे भोग-विलास आ सुख-सुविधाक चसक हमरा सब केँ अपन मातृभूमि केँ नकारबाक, दुसबाक आ बिसरबाक स्थिति उत्पन्न कएने अछि, परञ्च भविष्यक सन्तति प्रति ताहि क्षेत्र सब मे कतेक सुरक्षा आ स्वीकार्यता भेटत ताहि विन्दु पर नीक सँ मनन करैत अपन मड़ौसी लेल जिम्मेदार बनब समयक मांग अछि।
 

कि थिकैक ई मिथिला राज्य निर्माण सेना?

 
बहुतो लोकक मन मे सेनाक सम्बन्ध मे जिज्ञासा सेहो भ’ सकैत अछि।
 
सेनाक स्थापना २०१३ मे भेलैक। सोशल मीडियाक मार्फत एकर यूनिट दरभंगा सहित देशक विभिन्न प्रवासस्थल (यथा गुआहाटी, मुम्बई, पटना, सहरसा, सुपौल, समस्तीपुर, मधुबनी, झंझारपुर, मधेपुर, बेनीपुर, बिरौल, बिठौली, रैयाम, कानपुर, काशी, कोलकाता आदि स्थान) सब पर इक्का-दुक्का लोक सब केँ जोड़िकय संगठन ठाढ़ कयल गेलैक। २०१३ मे कुल ३ चरणक यात्रा करैत स्थानीय लोक सब सँ मिथिला राज्यक पक्ष मे हस्ताक्षर संग स्थानीय मुद्दा सभक संकलन कयल गेल छल। २०१४ मे प्राथमिक शिक्षाक माध्यम मैथिली हो, डा. जयकान्त मिश्र केर लड़ाई आ सुप्रीम कोर्ट धरिक न्यायपूर्ण निर्णय मुताबिक एहि मांग पर पटना आर ब्लौक चौराहा पर आमरण अनशन कयल गेल छल, जाहि मे शिक्षा मंत्री शाहीजीक निर्देशन पर शिक्षा निदेशालय के सह-निदेशक डा. ओंकार प्रसाद सिंह केर अगुवाई मे अनशनकारी सँ वार्ता उपरान्त निदेशालय द्वारा एहि दिशा मे आवश्यक कार्रबाई करबाक आश्वासन पर अनशन २१ फरवरी २०१४ केँ अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर तोड़ल गेल। ताहि सँ पूर्व १९ जनवरी २०१४ दिल्लीक कन्स्टीच्यूशन क्लब सभागार मे अनेकों सांसद, विधायक आ बुद्धिजीवी-विद्वान लोकनिक संग मिथिला राज्य केर विषय पर वृहत् संगोष्ठीक आयोजन कयल गेल। मिथिला राज्य निर्माण सेना द्वारा मांग सहितक स्मारपत्र विभिन्न राजनेता – तत्कालीन विपक्षक नेता आ भारतीय जनता पार्टीक राष्ट्राध्यक्ष (२०१३) श्री राजनाथ सिंह केँ सेहो सौंपल गेल छल। तहिना मिथिला क्षेत्र सँ राजनीतिक दलक सिरमौर लोकनि यथा रामविलास पासवान, हुकुमदेव नारायण यादव, पप्पू यादव, रंजीता सिंह, गोपाल जी ठाकुर, कीर्ति आजाद, अंजार अहमद, आदि विभिन्न नेता सब सँ भेंट कय मिथिला राज्यक गठन विषय पर सभक सहमति जुटेबाक प्रयास कयल गेल छल। २०१४ केर आम चुनाव मे मिथिला राज्यक समर्थक प्रति समर्थन देबाक आह्वान आ हुनके वोट देबाक आ संसद पठेबाक प्रचारात्मक कार्य सेहो कयल गेल छल।
 
२०१६ मे पुनः मिथिला राज्य निर्माण सेनाक पहल पर समस्त मिथिलावादी सिरमौर लोकनि केँ एकजुट भऽ पटनाक चिन्तन शिविर मे भाग लेबाक आग्रह करैत नवम्बर मे राष्ट्रीय अधिवेशन आ ताहि मार्फत स्थानीय लोक केँ संगठन सँ जोड़बाक जनादेश बनबैत आगू बढल गेल छल। लेकिन बेर-बेर एक्के टा बाधा अबैत अछि जे राजनीतिक तौर पर ठोस आ सुदृढ विचार बिना मिथिला राज्य निर्माण सेनाक कैडर मे बिखराव आबि गेल करैत अछि। २०१९ केर आम निर्वाचन मे पूर्ण उदासीन रहल ई सेना, २०२० केर विधानसभा चुनाव मे सेहो लगभग साइलेन्ट मोड मे रहल। लेकिन आगामी चुनाव सँ पहिने सेना उठि ठाढ़ भेल अछि। ऊपर कहल गेल अनुसार २०२४ आ २०२५ केर चुनावी राजनीति लेल हिन्दी कहावत वला कमर कसि चुकल अछि। आब संगठनक मजबूती आ कैडर जोड़य सँ लैत प्रशिक्षण आ जगह-जगह वाल पोस्टरिंग आदिक योजना पर ई संस्था केना बढैत अछि, संगहि आगामी दिन मे २ लाख लोक केँ दरभंगा मे जमा करबाक महात्वाकांक्षी योजना पर कोन ढंग सँ कार्य व्यवस्थापन करैछ से सब देखय लेल बाकी अछि।
 
हरिः हरः!!