गर्मीके कहर आ रमजान
– आलेख
बिन्देश्वर ठाकुर, कतार।
हमर देश नेपाल । हम एक नेपाली । हमर काज कर’ बला मूलुक कतार । अहिठाँ हमरा लगायत बहुतो नेपाली आ अन्य देशके कामदार सब अपन रोजगारी लेल आएल छै । वास्तविक कही त ई एकटा मुस्लीमप्रधान देश छै । तें मुस्लीम सबहक बाहुल्यता होएब स्वभाविक । तथापी एहिठाँ लाखौं हिन्दू धर्मावलम्बीसब सेहो काज क’ रहल छैक आ अतैसँ अपन रोजी -रोटी चला रहल छैक । एतुका सरकार सेहो एहि बातके धर्मक हिसाबे नै बल्की मानवताके हिसाबसँ देख रहल छैक । ई अछि एहिठामक साकारात्मक पक्ष ।
एत काज कर’ बला सबगोटे अपना मेहेनेतसँ अपन आ अपना परिवारके भरणे-पोषण नै बल्की अपन देशके विकासमे सेहो एहिठामक रेमिट्यान्ससँ जोडदार मदत क’ रहल छैक । ओना त कतार मात्रे नै गल्फक सब देश खाडी मूलुक भेलाक कारणे गर्मी होनाइ स्वभाविक छै । यद्यपि हम एहि देशमे भुतभोगी छी तें एतुका मौसम आ वातावरणसँ हम नीक जकाँ परिचित छी । सडकके शहर रुपमे प्रसिद्ध एहि देशमे ठन्ढीमे अत्याधिक ठन्ढी आ गर्मीमे अत्याधिक गर्मी होइत छैक ।
जेना एखन जुन महिना शुरु भ’ गेल । तें दिनके रौदामे आँखि चोन्हराइत रहैय । रौदा सट-सट दगैत रहैछै । गर्मीसँ सबकियो छिरपिटाइत रहैछै मुदा तैयो कामदारसब रोडमे, बिल्डिङ्गमे, ग्यास च्याम्बरमे, कम्पनीमे अपन खुन पसिना एक क’ पैसासंग जिनगी धुनि रहल रहै छै । ताँहि स’ त कहैत छी जे कतारमे अब गर्मीके कहर शुरु भ’ गेल । एहि महिनाके गर्मीके हिसाबे चर्मोत्कर्ष अवस्था सेहो कहल जाइत छैक । जुन, जुलाई आ अगस्तमे एहिठामक तापक्रम 50/55° रहैत छैक । तथापी कामदारसब अपन रोजी-रोटी लेल अते गर्मीयोमे काम कर’ लेल बाध्य छैक ।
दोसर बात ई जे एखन रमजान महिना छै । मुस्लीम सबहक महान् आ त्यागके पावनि । मुदा तैयो अहु महिनामे 8 घन्टा काज करहिटा पडत से बाध्यता छै । विदेश माने इहे त होइछै जे दोसरके बसमे ओकरे इसारापर नाँच करु । हरेक साल गर्मीके मौसममे लु लागिक’ बिमार होबए बला आ मृत्यु होबए बलाके संख्या हजारौ छै । मुदा एहिके सम्बन्धमे नै त कतार सरकारक कोनो ठोस नीति छैक आ नहिए नेपाल सरकारक कोनो चासो । अत:गर्मीमे काज कर’ बला सब प्रवासी मित्र लोकनिसँ निवेदन जे गर्मीमे साबधानीसाथ काज करी । पहिने अपना आपके सुरक्षित करी आ तकरा बाद काज करी ।
आब कने मुस्लीम भाई सबहक उत्तम पर्व रमजानपर चर्चा करी । ‘रमजान’ शब्द अपने आपमे अते पवित्र छै जाहिके सुनिते मोन पवित्र भ’ जाइत छैक । खास क’ ई महिना मुस्लीम धर्मावलम्बीसभक लेल बहुते बेसी महत्व रखैत छैक । रमजानके चान देखि शुरु भेल ई पावनि एक महिना धरि बिनु अनजल केने अलाहके इबादत करब, अपन जिनगीमे भेल कुकर्मसँ अपनाके क्षमा-याचना क’ इश्वरसंग माफी मांगब आ तकरा बाद मरलापोरान्त स्वर्गमे अपन बास स्थान सुरक्षित करब एहि पावनिक मूल विशेषता तथा उदेश्य थिक ।
अहि महिनामे रोजा केनिहारसब फजर नवाजके अजान होबए सँ पहिने शेहरी खाइत छैक आ तकरा बाद एकहिबेर साँझमे इफतारी करैत छैक । एहि महिनामे ५ ओं बक्तके नवाज अनिवार्य करबाक चाही आ एहिसँ समान्य दिनके तुलनामे ७० गुणा नेकी मिलैत छैक जे पुण्यके हिसाबसँ बहुते बेसी रहल जनविश्वास छैक । जँ सच्चा मोनसँ एहि महिनामे दुवा कएल जाए त अल्लाहके सहजे कबुल होएबाक बताओल जाइत छैक ।
जँ एकर पृष्ठ्भूमिके बात करी त रमजान पावनि आदिम अलि सलामेके जमानासँ होइत आबिरहल आ एखनधरि अनवरत रुपमे निरन्तरता पौने सर्व विदित अछि । अही महिनामे मुस्लीम धर्मक महान् ग्रन्थ ‘कुरान’ के सेहो उत्पति मानल जाइत अछि । अते बेसी आस्था आ विश्वासके प्रतीक रहल ई पावनि नेपाल, भारत लगायतके विश्वमे पसरल सम्पूर्ण मुस्लीम भाई-वन्धुसब बहुत हर्षोलासके साथ मनबैत अछि । करिब 30 टा रोजा रखलाक बाद अन्तिम साँझ इदके चान देखलाक उपरान्त प्रात: इद मनाओल जाइत छैक ।
हमरोसाथ काज केनिहार मुस्लीम साथीसब अपन परम्परा अनुसार नित दिन रोजा रखैत अछि । आ आरो ब्यक्तिसब रखैत अछि । अत : अते गर्मी के बाब्जुदो, कम्पनीके 8 घन्टा काजके बाब्जुदो मुस्लीम भाई-बहिनसब अपन इस्लामिक धर्म आ अल्लाहप्रतिके अगाध आस्थाके प्रतीक जे रोजा राखि रहल छैक से अति परशंसनीय आ अनुकरणीय छैक । अपन संस्कार आ संकृतिके संरक्षण-संबर्धन विना ने व्यतित्वके बिकास सम्भव छै आ नहिए अपन देशक । तें सबगोटेके सकुशल रमजान मुबारक आ रमजानके बाद होबए बला ईदके ढेरी -ढाकरि शुभकामना देब चाहैत छी ।
अन्तमे : दिवालीमे अलीके बास हो हो राम अवतार रमजान दे अनुकंपा
हे सर्वेश्वर एहन हो हमर नेपाल