युवा राजनीतिकर्मी जयराम यादव बनलाह सामाजिक विकास मंत्री – युवा लेल प्रेरणाक सन्देश

८ नवम्बर २०२१ । मैथिली जिन्दाबाद!!

विचार

– प्रवीण नारायण चौधरी

युवा लेल विशेष प्रेरणाः जयराम यादव
 
पाबनि-तिहारक समय व्यस्तताक कारण अपन पाठक लोकनि सँ ई साझा समय सँ नहि कय सकल छलहुँ… गाँधीवादी विचारधाराक युवा राजनीतिकर्मी तथा नेपालक वंचित-शोषित समुदाय मधेशी सहित आदिवासी, जनजाति, दलित, मुस्लिम, आदिक आवाज बनिकय अत्यन्त कम उमेर सँ राजनीति मे सक्रिय जननेता जयराम यादव जी हालहि नेपालक प्रदेश १ केर सामाजिक विकास मंत्रीक रूप मे नियुक्त कयल गेलाह अछि। संघीय लोकतांत्रिक गणतंत्र नेपाल केर प्रदेश १ केर भौगोलिक संरचना एहेन अछि जाहि मे नेपालक बहुजाति-बहुधर्म-बहुभाषी-बहुसंस्कृति-बहुपहिचानक लोकक निवास अछि। जयराम जी सँ पूर्व एहि पोर्टफोलियो केँ जीवन घिमिरे जीक प्रथम प्रारम्भ आ बादहु मे नियुक्त विभिन्न सुनामधारी मंत्री लोकनि एहि पद केर गरिमा केँ बढौलनि। शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सामाजिक सुरक्षा जेहेन महत्वपूर्ण सामाजिक क्षेत्र मे एहि मंत्रालय द्वारा महत्वपूर्ण कार्य सब कयल जाइत रहल अछि। एहि मे भाषा, संस्कृति, खेलकुद आदिक सम्पूर्ण सरोकार केँ सेहो देखल जाइछ। पैछला वर्ष होलीक अवसर पर एक महोत्सवक आयोजन लेल बनायल गेल समिति मे हमरो मानार्थ सदस्यक रूप मे मंत्रालय लेल कार्य करबाक अवसर भेटल छल। ताहि सँ पूर्व मे भाषा सम्बन्धी प्रदेश स्तरीय प्रज्ञा प्रतिष्ठान स्थापनार्थ प्रा. डा. टंक न्योपानेक अध्यक्षता मे गठित एक कार्यसमितिक सदस्य कुशेश्वर राय मार्फत मैथिली भाषाक अवस्था पर एक वृहत प्रतिवेदन सेहो प्रेषित करबाक अनुभव अछि। १७म् अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन (२२-२३ दिसम्बर २०१९) केर कार्यक्रम मे सामाजिक विकास मंत्रालयक प्रत्यक्ष सहयोग नहि भेटबाक कटु अनुभव सेहो मन-मस्तिष्क मे ओहिना याद अछि। जखन कि मैथिली भाषाक विशालता केँ खंडित करनिहार कुत्सित प्रयासकर्ता सब केँ विशेष आर्थिक सहयोग दैत एकटा असफल काज सेहो एहि मंत्रालय द्वारा भेल छल, लेकिन मैथिली केँ एहि सब सँ बड बेसी फर्क नहि पड़ैत छैक कारण सृजनशीलताक सामर्थ्य जेकर छैक ओकरा कोनो कुत्सित प्रयास भला कि बिगाड़ि सकैत अछि। हमर कहबाक अर्थ ई अछि जे एहि मंत्रालय मे सकारात्मक कार्य करबाक बहुत रास विकल्प छैक आर ताहि दिशा मे माननीय मंत्री जयराम जी निश्चित ध्यानपूर्वक काज करता से विश्वास अछि।
 
हालहि काली पूजा महोत्सव मे जयराम जी अपन विशिष्ट सहभागिता देलनि, सम्बोधन मे सेहो बड़ा सहज भाव सँ अपन विचार आ सहयोगक प्रतिबद्धता जनौलनि। तहिना चित्रगुप्त पूजनोत्सव पर आयोजित ‘कायस्थक प्रतिभा’ नामक कार्यक्रम मे सेहो अपन योगदान समाजक विकास लेल समर्पित रखबाक वचनबद्धता रखलथि। मंत्री नियुक्त होइते अपन मातृभाषा मैथिली मे शपथग्रहण करैत एकटा सुन्दर आदर्श स्थापित कयलथि। अध्ययनशील आ जिज्ञासू स्वभाव केर व्यक्तित्व सादा जीवन उच्च विचार केर गांधीवादी सोच रखैत एला अछि जयराम जी आ भगवतीक कृपा सेहो हिनका ऊपर सदिखन देखलहुँ हम। विराटनगरक जतुआ मे हिनक निवासस्थल पर हिनक महान संत आ महात्मा पिता द्वारा सुन्दर सनक राधेकृष्ण भगवानक मन्दिर बनायल गेल अछि। एहि मन्दिर तक मौर्निंग वाक करैत आइ सँ १५ वर्ष पहिने हम जाइत रहल छी। जतुआ एकटा छोट गाम जेकाँ अछि लेकिन श्रीरामजानकी मन्दिर, लक्ष्मीनारायण मन्दिर आ राधेकृष्ण भगवानक मन्दिर – ३ टा प्रमुख मन्दिर एहिठाम अवस्थित अछि। लोक एहि टोलक सम्बन्ध मे बाहर बड हल्ला-गुल्ला करैत अछि, परन्तु यथार्थतः एहि टोलक भीतर के सुन्दरता वैह जानि सकैत अछि जे एहि स्थान आ स्थानीय सँ सामीप्यता स्थापित करत। अत्यन्त पवित्र भूमि जतुआ केर अत्यन्त पवित्र परिवारक ई बेटा संविधान सभा (प्रथम) केर सभासद (Member of Constituent Assembly of Nepal) सँ प्रदेश सभासद (State MP) आ आब एक महत्वपूर्ण मंत्री सेहो बनलाह अछि, एकटा जीवन्त प्रेरणाक रूप मे एकरा हम सब क्यो स्वीकार करी, अंगीकार करी। विशेष रूप सँ वर्तमान युवा पीढी आ छात्र वर्ग केर हम ध्यानाकर्षण करैत यैह कहब जे जखन समय भेटय मंत्री जयराम यादवक जीवन आ जीवनी सँ प्रेरणा ग्रहणार्थ विशेष अध्ययन जरूर करू। मृदुल वाणी आ व्यवहारक धनी व्यक्ति श्री यादव एखन आर बहुत दूर धरिक यात्रा तय करता ई तय अछि।
 
अन्त मे गीताक एक अत्यन्त विशिष्ट सन्देश, कर्म परायणता पर आधारित अध्याय ३ केर २१म् श्लोक पर सभक ध्यानाकर्षण करैत सदिखन अपन श्रेष्ठ प्रति सम्मानक भाव राखि श्रेष्ठताक अनुकरण लेल आग्रह करब, कथमपि केकरो श्रेष्ठता केँ ओकर जातिक नाम वा ओकर सौर्य सँ ईर्ष्या कय श्रेष्ठ मार्ग सँ विचलित भऽ भाषिक-सांस्कृतिक विखंडनकारी नहि बनब, हम बेर-बेर यैह अनुरोध करब।
 
यद्यदाचरति श्रेष्ठस्तत्तदेवेतरो जनः।
स यत्प्रमाणं कुरुते लोकस्तदनुवर्तते॥३.२१॥
 
भाषा आ संस्कृति सब बातक मूल होइत छैक। भाषा मे शुद्धता लेल व्याकरण पढ़ब आ बुझब परम अनिवार्य होइत छैक। वगैर समुचित ज्ञान रखने भाषाक व्याख्या करब त अनर्थ हेब्बे टा करत। तेँ सदिखन श्रेष्ठक अनुकरण करैत श्रेष्ठता धारण करू आ जतेक बेसी संभव हो ओतेक बेसी पवित्र आ पवित्रतम् बनू।
 
जयराम जी केँ पुनः बधाई! ईश्वर अहाँक यात्रा सदिखन सुगम राखथि आ अहाँ एहिना सफलताक नित्य नव डेग बढबैत समाज आ सभ्यता केँ अक्षुण्ण राखू। ॐ तत्सत्!!
 
हरिः हरः!!