प्राकृतिक सुन्दरताक संरक्षण मानवोचित कर्म – कस्मेटिक सुन्दरता सँ बचू

विचार

– प्रवीण नारायण चौधरी

सुन्दरता

सुन्दर माने देखिते आकर्षित करयवला – कोनो वस्तु, व्यक्ति या स्थान जे आकर्षक लागय, नीक लागय, वैह भेल सुन्दर। आर ई आकर्षण करयवला जे गुण-विशेषता छैक से कहाइत छैक सुन्दरता।
 
एहि जीवमंडल मे एहेन कतेको जीव अछि जे बड़ा आकर्षक लगैत छैक, चाहे रूप, चाहे गुण, चाहे धर्म, चाहे चरित्र – जे किछु अन्य केँ आकर्षित करैत अछि से सबटा सुन्दर कहाइत अछि।
 
अपना सब जे कोनो पोस्ट करैत छियैक ताहि मे सेहो ‘सुन्दर, बहुत सुन्दर, नीक, बहुत बढियां, आदि’ सब जे कमेन्ट्स अबैत छैक से यैह कारण सँ। जरूर ओहि पोस्ट मे एहेन किछु तथ्य-सत्य रहैत छैक जे लोक केँ स्वतः आकर्षित करैत छैक आ ओ ओकरा नीक लागि जाइत छैक त हमरा-अहाँक पोस्ट पर यैह प्रतिक्रिया देल करैत अछि। ओना, कतेको लोक अपन उपस्थिति देखबय लेल बिना पढनहियो-बुझनहियो ‘बहुत सुन्दर’ आदि कमेन्ट देल करैत अछि, ई बस औपचारिकता निभेनाय होइत छैक, एकर आध्यात्मिक महत्व जीरो।
 
सुन्दर बनय लेल ‘मेक-अप’ सेहो कयल जाइत छैक। जहिना-तहिना रहब त शायद सुन्दरता मे कमी आओत, जेना नींद सँ उठलहुँ आ आँखि-मुंह नहि धोलहुँ-पोछलहुँ त स्वाभाविक छैक जे धुमिल चेहरा देखायत जे दोसर केँ नीक नहि लागत। तहिना केस नम्हर, दाढी नम्हर, नह नम्हर, देह मइल-कुचइल, कपड़ा बेतरतीब आ गन्दा, जुत्ता गन्दा – एना जँ अपन व्यक्तित्व राखब त लोक केँ कदापि नीक नहि लागत। तेँ, थोड़ेक आधारभूत बात ‘मेक-अप’ के मादे सब मनुष्य केँ निभेबाक चाही।
 
जानवर सब केँ भगवान् तेना बनेलखिन जे ई मेक-अप के आवश्यकता ओकरा सब केँ नहि पड़ैत छैक। ओ सब मल-मूत्र त्याग कयलाक बाद मनुष्य जेकाँ सफाई पर ध्यान देनाय जरूरी नहि बुझैत छैक। लेकिन मनुष्यक जीवन मे अनिवार्य शौच-मार्जन आ प्राक्षालन, स्नान, सन्ध्या, तेल, इत्र, पोशाक आदिक संग अनेकों बात एहेन छैक जे ओकरा सुन्दर बनय लेल अनिवार्य छैक। सुन्दर नहियो बनय चाहय कियो तैयो किछु बात ओकरा अपनाबहे टा पड़तैक।
 
इहो सच छैक जे सुन्दर बनबाक चक्कर मे भैर मुंह पाउडर रगड़िकय उज्जर कय लेब, लिपिस्टिक ततबे लगा लेब जे लागत जे ठोर-मुंह सँ खूने चूबि रहल अछि, आँखिक काजर लेभाइर लेब… माने जे ओवर मेक-अप कय लेब त सुन्दर देखेबाक बदला कुरूप आ विचित्र अनुहार देखाय लागत।
 
स्त्री मे श्रृंगारक प्रधानता पुरुषक तुलना बेसी होइत छैक। पुरुष साधारण कुर्ता-पायजामा मे बाहर निकलि जायत, धरि स्त्रीगण केँ साड़ी संग मिलल कलर केर विभिन्न पोशाक पहिरब, आब त चप्पल, लिपिस्टिक, चूड़ी, माला, टिकुली, हेयर ड्रेस-अप आदि सबटा मैचिंग भेल तखनहि उचित श्रृंगार मानल जायत सेहो बात छैक। आर ई सुन्दर बनबाक चक्कर एहेन बढि गेल छैक जे ‘ब्यूटी पार्लर’ एकटा नीक बिजनेस यैह किछु दशक मे दुनिया मे सब सँ बेसी खुजयवला व्यवसाय बनि गेलैक अछि। कस्मेटिक्स (श्रृंगार प्रसाधन) केर जबरदस्त रेन्ज आबि गेलैक। व्यापार मे मानू स्त्रीगणक मेक-अप सँ बड पैघ क्रान्ति आबि गेलैक। हालांकि एकर सभक साइड इफेक्ट्स सेहो छैक जे स्त्रीक कोमल त्वचा लेल हानिकारक छैक, केस लेल हानिकारक, स्वास्थ्य लेल हानिकारक… लेकिन से हानि केँ गोली मारू, पहिने एतबे श्रृंगार कय लियऽ मानू जे मिस वर्ल्ड के खिताब आइ छोड़ि काल्हि भेटत कि नहि से हाल छैक वर्तमान युग मे।
 
सुन्दरताक आध्यात्मिक विश्लेषण कहैत छैक जे बिना कोनो श्रृंगार प्रसाधनक प्रयोग कएने अत्यन्त कम समय खर्च करैत प्राकृतिक स्वरूप केँ खूब नीक सँ मज्जन (धोइ-पखारि, पोछि-पाछि, चिक्कन-चुनमुन बनेनाय) कय केँ रखैत अछि त ओ असली सुन्दरता केँ परिचायक होइछ, आर एकर कोनो साइड इफेक्ट सेहो नहि होइछ, दीर्घायु बनबैछ।
 
आध्यात्मिक विश्लेषण करैत हम एकटा बात आर मोन पाड़य चाहब। बच्चा जखन जन्म लैत छैक त ओकर शरीर कतबा कोमल आ कमजोर रहैत छैक, फेर धीरे-धीरे तेल-कुड़ आ मालिश करैत-करैत ओकर सब अंग-प्रत्यंग केँ हम-अहाँ मजबूती संग पुष्टता प्रदान करैत छियैक, ओकर नीक आ पौष्टिक आहार सब दैत छियैक, धीरे-धीरे ओ बच्चा बढैत किशोर बनि जाइत अछि, फेर युवा बनि जाइत अछि आ ओकर रूप-स्वरूप मे विगतक कोमलता, सुन्दरता, पुष्टता आदि मे क्रमशः उभार अबैत जबानी ढलबाक क्रम मे पुनः क्षयशील बनिकय रुग्णता केँ प्राप्त करैत अन्त मे जवाब दय दैत छैक। अर्थात् कायाक सुन्दरता बच्चा सँ वृद्ध आ फेर मृत्युवरण करय धरि परिवर्तनशील रहैत छैक। लेकिन वैह व्यक्तिक आत्मीयता, ओकर सुन्दर व्यवहार, बात, विचार आ परिवेश संग मानवता प्रति बेहतरीन दृष्टि आ कर्मठ प्रयास सँ ओ जे सुन्दर बनि जाइत अछि से सदा-सदा लेल जियैत रहैत छैक। बहुत कम्मे सही मुदा एहेन महान सुन्दर सब एहि धरती पर अबैत रहल अछि। बाकी सुन्दरता मे हम सब बेहाल कदापि नहि होइ आ ने चिन्तित जे कतबो प्रयास कय रहल छी मुदा लोक सुन्दरताक देखि नहि रहल अछि। अस्तु! आइ दुर्गा पूजाक चारिम पूजाक दिन सभक लेल शुभ हो आ मातारानी आजीवन सुन्दर बनेने रहथि यैह शुभकामना।
 
हरिः हरः!!