बिहार लोक सेवा आयोग के परीक्षा आ मैथिली
– भास्कर ज्योति
(बिपीएससी ६३ मे ३८म रैंक प्राप्त कय हाल बिहार सरकार मे प्रशासनिक पदाधिकारी छथि)
बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा 64वीं BPSC केर परिणाम हालहि घोषित कयल गेल जाहिमे मैथिली भाषा एवं साहित्य सँ लगभग 100 अभ्यर्थीक चयन विभिन्न पद पर भेल अछि। एहि बेरुक परिणाम मैथिलीक लेल बड्ड प्रोत्साहित कर’ बला रहल अछि कियाकि मैथिली विषय सँ एत्तेक बेसी संख्यामे छात्रक चयन हैब सुखद आश्चर्य थिक। आश्चर्य एहि दुवारे कियाकि ई परिणाम सँ पहिने तक मैथिलीक प्रति आयोगमे एकटा पूर्वाग्रह रहैत छल जेकर दुष्परिणाम ई होयत छल जे मैथिली वैकल्पिक विषय लेब’ बला’ छात्र सबकेँ औसत अंक देल जायत छल। वास्तवमे एहिमे खाली आयोगक दोष नहि छल, सम्पूर्ण राजयमे लालू जीक समयमे एहेन माहौल बना देल गेल छल जे मैथिली एकटा विशेष जाति मात्रक भाषा थिक आ लोक सेवा आयोगमे मैथिली भाषा लेब’ बला लोक एकटा विशेष जाति सँ अबैत अछि। एहन तरहक माहौलक परिणाम मैथिलीक उत्तर पुस्तिका जांच सँ ल’ केँ साक्षात्कार धरि देखबामे अबैत छल। मैथिलीक प्रति ई दुराग्रहक चरमोत्कर्ष तखन आयल जखन मैथिली केँ बिहार लोक सेवा आयोग सँ वैकल्पिक विषयक सूचि सँ हटा देल गेल। कालक्रमेण आंदोलन सभक परिणामस्वरुप मैथिली केँ अष्टम अनुसूचीमे स्थान भेटल आ कालान्तरमे मैथिली संघ लोक सेवा आयोगक पाठ्यक्रम मे वैकल्पिक विषयक रूपमे शामिल कयल गेल जकर पश्चात बिहारमे सेहो बिहार लोक सेवा आयोगमे मैथिलीक स्थान सुनिश्चित भेल। ई पूरा प्रकरणमे श्रीमान नीतीश कुमार जीक महती भूमिका रहलनि। तत्पश्चात, राज्यमे मगध केंद्रित सत्ता रहबाक कारणेँ, मैथिलीक प्रति आयोग आ दक्षिण बिहारक प्रोफ़ेसर आ अभ्यर्थीमे उदार भावना केर कमोबेस कमी द्रष्टव्य रहल।
संघ लोक सेवा आयोगमे मैथिली भाषा आ साहित्य विषयमे जेहेन अंक अभ्यर्थी सबकेँ प्राप्त होयत छल ओहेन अंक बिहार लोक सेवा आयोगमे अभ्यर्थी सबकेँ प्राप्त नहि होयत छल। हालाँकि 2021 मे घोषित 64वीं BPSC केर परिणाम ई ट्रेंड केँ तोड़’ मे सक्षम रहल।
किछु वर्ष पूर्व डॉक्टर शेफालिका वर्मा जी केँ एकटा दैनिक समाचार पत्रमे लेख लिखि केँ स्पष्ट कर’ पड़लनि छल जे सिविल सेवा परीक्षामे मैथिली केर मूल्याङ्कन प्रक्रिया अन्य भाषा साहित्य वा कोनो दोसर वैकल्पिक विषयक तुलनामे समतुल्य अछि। आरोप लगाओल गेल छल जे मैथिली सन साहित्य सफलता केर शॉर्टकट अछि आ मूल्याङ्कनक दौरान क्षेत्रीय पक्षपात होयत अछि। डॉ शेफालिका वर्मा संघ लोक सेवा आयोगमे मैथिलीक उत्तर पुस्तिका मूल्याङ्कन कर’ बला टीममे रहैत छलीह। प्रश्न ई उठैत अछि जे क्षेत्रियता अथवा शॉर्टकट वा कम सिलेबस हेबाक आरोप खाली मैथिलीक विरुद्ध कियैक उठैत अछि ?
दक्षिण भारतीय भाषा सबसँ प्रायः टॉप 10 वा टॉप 20 मे एक दु गोटे संघ लोक सेवा आयोगमे चयनित होयत छथि मुदा मैथिली तँ टॉप 100 मे सेहो बिरले स्थान बना सकैत अछि। एहिबेर बिहार लोक सेवा आयोगमे रैंक 1 आ रैंक 2 कें गणित विषयमे 300 मे 286 अंक भेटल अछि मुदा मैथिलीक उच्चतर अंक 191 अछि। एत्तेक प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षामे जं वैकल्पिक विषय मात्रमे 100 अंकक अंतर उत्पन्न भ’ जायत अछि त’ मैथिली एहेन विषय सं टॉप करबाक स्वप्न त’ स्वप्ने रहि जायत। चयन भ’ जायब मात्र सँ सिविल सेवामे उच्चतम पद पर जेबाक लालसा ख़त्म नहि होयत अछि। तदुपरांत एहि बेर मैथिलीक औसत अंकमे वृद्धि भेल अछि जाहि सँ सम्मानजनक संख्यामे छात्रक चयन भेल अछि।
एखनो BPSC केँ ई सुनिश्चित करबाक आवश्यकता अछि जे कोनो भी विषयक टॉपर केर अंक एक समान हेबाक चाहि, जं गणित विषयमे उच्चतम अंक 286 अछि त’ मैथिलीमे सेहो ओतबे हेबाक चाही, तखने लेवल प्लेयिंग फिल्ड मानल जायत। सब चयनित छात्र केँ मंगलकामना, आगु लेखमे मैथिली वैकल्पिक विषय चुनबामे कि लाभ आ हानि होयत अछि ताहिपर चर्चा करब.
(लेखक भास्कर ज्योति मैथिली विषय सं BPSC मे दू बेर चयनित, UPSC मे सेहो साक्षात्कार मैथिली विषय केँ राखि केँ देने छथि।)