अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन – विश्व भरिक मैथिलीभाषी केँ एकजुट करबाक अचूक आयोजन हो

विचार

– प्रवीण नारायण चौधरी

नीक बातक अनुकरण करैत बढब जरूरी छैक

सन्दर्भः मैथिली-मिथिला लेल आयोजित विभिन्न कार्यक्रम आ ओकर पैटर्न

विगत एक दशक सँ जे किछु अनुभव भेल, जगह-जगह पर आयोजित मैथिली भाषा व मिथिला संस्कृति प्रति केन्द्रित कार्यक्रम मे सहभागिता आ भ्रमण संग भिन्न-भिन्न व्यक्तित्व सभक संग भेंटघाँट सँ – ताहि आधार पर प्रमाणित सत्य कहि रहल छी जे हरेक आयोजनक पाछाँ निहित उद्देश्य आ तेकरा पूर्ण करय लेल किछु जनक समान श्रेष्ठ व्यक्तिक समर्पण व सेवाभाव मे सदिखन लागल रहैत छैक।

एखन धरि हमर भ्रमण दिल्ली, कोलकाता, पटना, जनकपुर, राजविराज, लहान, काठमांडू, गुआहाटी, जमशेदपुर, सहरसा, दरभंगा, मधुबनी, अहमदाबाद, इनरुवा, सुपौल, मधेपुरा, पुर्णियां, कटिहार, अररिया, वाराणसी, कानपुर, बंगलुरु, आदि स्थान पर मैथिली कार्यक्रम मे प्रत्यक्ष सहभागी आ यात्री (मैथिली महायात्राक परिकल्पक रूप मे) भेल अछि।
 
एहि सब स्थान पर स्वजन मैथिल विद्वान् व्यक्तित्वक संग स्थानीय मैथिल समाज वा आनहु समाज लेल स्वयंसेवी लोकनिक संग एक सँ बढिकय एक उद्यमी, व्यवसायी, सरकारी पदाधिकारी, संत, महापुरुष सब सेहो भेटलाह। सर्वाधिक प्रभावित जाहि व्यक्ति सँ भेटिकय भेल ओ छलाह कार्यक्रम (आयोजन) केँ सफल करबाक वास्ते अपन सर्वस्व तक निछाबड़ कयनिहार समर्पित लोक सब।
 
अहमदाबाद केर आयोजन ‘अन्तर्राष्ट्रीय मिथिला महोत्सव’ केर शब्द आ शैली यथार्थतः हमरा विशुद्ध अन्तर्राष्ट्रीयताक आभास करौने छल फरवरी २०१९ मे। हालांकि ओहि सँ पूर्व कतेको अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलनक चर्चा आ सहभागी सेहो हम बनि चुकल रही, लेकिन जे मैनेजमेन्ट आ प्रारूप पर अहमदाबाद केर कार्यक्रम होइत देखलहुँ वैह स्वरूप केँ निरन्तरता देबाक लेल एकटा संकल्प लेलहुँ।
 
समस्त मैथिल वास्ते अन्तर्राष्ट्रीयता केर मानक (standard) ओतहि सँ हमरा दिमाग मे तय भऽ गेल। आर, एहि २०१९ मे १७म अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन जे डा. बैद्यनाथ चौधरी बैजू एवं रामभरोस कापड़ि भ्रमर केर संयुक्त संकल्प सँ क्रमशः भारत आ नेपाल मे आयोजित कयल जाइत रहल अछि तेकर संयोजक आ विराटनगर मे आयोजन करय मे वैह मानक पर अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन केर आयोजन करबाक फैसला लेलहुँ।
 
सर्वप्रथम एकटा common logo पर अहमदाबाद संग सहमति रखैत हुनकहि लोकनि द्वारा तय लोगो जाहि मे ऐतिहासिकता, सांस्कृतिक अस्मिता संग आधुनिकता केँ सेहो आत्मसात करबाक परिकल्पना समाहित देखायल, बेसी कर्मकाण्डीय तर्कक बिना प्रयोग कएने हुनका लोकनि द्वारा तय ‘लोगो’ केँ अपनायल आर हरेक सम्मेलन लेल एकटा निश्चित लक्ष्य व उद्देश्य तय करैत विश्व भरिक मैथिल केँ प्रतिनिधिक तौर पर सहभागिता सुनिश्चित करैत आयोजन पूरा कयल जाय सेहो सिखलहुँ, तेँ १७म सम्मेलन मे ओहि सब बातक यथेष्ट प्रयोग-उपयोग करबाक प्रयास कयलहुँ। सहभागिता लेल कम सँ कम पूर्व मे जुड़ल प्रत्येक संस्था केँ आमन्त्रित करैत निर्धारित विषय (लक्ष्य-उद्देश्य) पर कोन तरहें ओ सब सहभागिता करता ताहि सब लेल शुरुए सँ अन्तर्क्रिया-सहकार्य करबाक आवश्यकता छैक। विराटनगर ई सब केने रहय। अधिकतम समय, लगभग ६ मास सँ बेसी समय खर्च करैत लगभग सब केँ सहभागी बनबाक अवसर प्रदान कएने छल।
 
घटी-बेसी होइत छैक। परिस्थिति सम-विषम हेतैक। स्थानीय समाज अपन दृष्टि सँ अहाँक विजन केर परीक्षा लेत, ईहो तय छैक। लेकिन दृढसंकल्प सँ अहाँ जे किछु नियारब ओ अवश्य पूरा करब। शाश्वत मिथिला अहमदाबादक उदय आ गतिविधि केर हमरा पर तेहेन छाप पड़ल जे ओतय सँ हम बड पैघ सपना देखि लेलहुँ, सौंसे विश्व भरिक मैथिल केँ एक निश्चित मानदंड मे समेट लेब आ स्वर्णिम भविष्यक निर्माण निश्चित रूप सँ करब।
 
मुदा….. ई की? वैह आयोजनक १८म सम्मेलन जे वृन्दावन मे भेल ताहि मे एहि सब मूल्य-मान्यता केँ पुनः विराटनगरहि मे छोड़ि देलथि हमर परमादरणीय प्रेरणापुरुष डा. बैद्यनाथ चौधरी बैजू। कोविड १९ केर कारण स्थिति तेहेन सामान्य नहि रहबाक कारण या फेर स्थानीय संयोजन-आयोजन करनिहार कार्यसमिति सँ एहि सब केँ निरन्तरता देबाक लेल कोनो योजना नहि बनि सकल, या फेर जे मूल कार्यसमितिक गठन कयल जाइत अछि, जेकर अध्यक्षता सम्माननीय मिथिला विभूति डा. महेन्द्र नारायण राम करैत छथि आर पिछला साल हमरो ‘वरिष्ठ सचिव’ केर तौर पर घोषणा भेल छल, उपाध्यक्षक रूप मे करुणा झा मैडम केर नाम देल गेल छल, ई सब कि सिर्फ अलंकारिक छल? साल भरि मे कहियो कोनो सलाहो-मशवरा नहि? तखन उच्च सपना आ संकल्प कोना पूरा होयत?
 
हम किछु दिन सँ सवालक घेरा मे फँसल छी। पता नहि समाधान छहियो वा नहि! २०२० ओना महामारी मे बीति गेल… से बीतय। २०२१ कम सँ कम एना नहि हुअय ताहू लेल कृपया हमर मैथिल समाज तत्पर होइथ, एतबे कहय चाहब।
 
हरिः हरः!!