दहेज मुक्त मिथिलाः वैवाहिक समस्याक समाधान लेल विश्वसनीय मंच

विचार

– प्रवीण नारायण चौधरी

समस्या आ समाधान

पराम्बा जानकी केर कृपा अद्भुत अछि, कियैक त अपने लोकनि मे एक-दोसरक प्रति निष्ठा आ विश्वास मे कहियो कतहु कमी नहि देखल। दु-चारि-दस उचक्का केर बात छोड़ि दी त मोटामोटी एहि समूह पर आपसी विश्वास सर्वोत्कृष्ट अछि। से जरुरियो अछि। आखिर विवाह सँ जुड़ल विमर्श आर आदर्शतम व्यवहार अर्थात् मांगरूपी दहेज सँ मुक्त सम्बन्ध स्थापित करबाक सवाल छैक। ई बहुत कठिन काज थिकैक।
 
हमर अनुभव कहैत अछि जे विवाह सम्बन्ध तय करब जीवनक सब सँ पैघ चुनौती थिकैक। हम हिन्दू रिवाज मे किंवा भारतीय मुस्लिमक रिवाज या फेर विश्व भरिक मानव केर वैवाहिक सम्बन्ध तय करय मे एतेक चुनौती नहि देखैत छी जतेक कि मिथिलाक ब्राह्मण परिवार व गोटेक आरो समुदाय जे कतेको रास नियम, कानून, कायदा विवाह होमय जा रहल जोड़ीक व्यक्तिगत उम्र, गोत्र, योग्यता, पेशा, आत्मबल, शारीरिक संरचना ओ वर्ण संग माता-पिता, कुल परिवार, मूल, गामघर, खेत-पथार, मकान, कतेक भाइ-बहिन, भाइ-बहिनक विवाह कतय आ केहेन परिवार मे, माने जे कतेक कहू… विवाह पूर्व लगभग सब बातक निरीक्षण कय लेल जाइत छैक। आर दिनानुदिन ई निरीक्षणक प्रक्रिया आरो गहींर-गूढ़ भेल जा रहलैक अछि। आब त ईहो देखल जा रहलैक अछि जे लड़का कोन शहर मे रहि रहल अछि, फ्लैट किनलक या फेर भाड़ाक घर मे रहैत अछि, भाड़ाक घर केहेन छैक, लड़काक सैलरी पैकेज कतेक छैक, माने जे बेटीवला अपन बेटी लेल बहुत रास सोच रखैत अछि। हँ, साधारण आय केर परिवारक बेटी वा ओ परिवार भले अपन साइज अनुसार कम महात्वाकांक्षी रहय – लेकिन मध्यमवर्गीय परिवारक अवस्था यैह छैक जे ओकर महात्वाकांक्षा आकाश छूबि रहल छैक।
 
हम व्यक्तिगत रूप सँ एहि तरहक उच्च महात्वाकांक्षा आ एतेक बेसी खोद-बिद केर विरूद्ध लोक छी। हमरा पारिवारिक संस्कार, माता-पिताक ईमानदारिता आ लड़काक योग्यताक संग ओकर जीवन प्रति कि सोच छैक – ई बेसी महत्वपूर्ण बुझाइत अछि। हम अपन बेटीक सोच जनैत छी, हमरा बेटीक भविष्य केर दर्शन आध्यात्मिक रूप सँ करबाक परख होयब आवश्यक अछि। बेटी-जमाय मे सामंजस्य, हुनका लोकनिक परिवार मे आपसी सद्भाव आ परस्पर सहयोगक संस्कार, संयुक्त परिवार आ जिम्मेदारी निभेबाक रेबाज – ई सब बेसी महत्वपूर्ण बुझाइत अछि। आमदनी कमो रहल मुदा ओतबे मे आनन्दक संग जीवन चला लेबाक आत्मसंतोषक दर्शन करब परमानन्द दैत अछि। ई कि जे लाखों टका कमाइत छी आ आनन्दक अनुभूति अछिये नहि? हाँव-डाँव-हाँव-डाँव लगले रहैत अछि? ना! एहेन परिवार हमरा निकृष्ट बुझाइत अछि। कंजूस लोक केँ देखि हमरा अनेरे हँसी लागय लगैत अछि, ओकरा बुझय नहि दियैक से अलग बात छैक। ई हमर निजी विचार छी। एहि लेल हम स्वतंत्र छी। धियापुता सँ सेहो खुलिकय बात करैत छी। ओकरो सभ केँ एहि तरहक खुलापन अपनेबाक सक भरि प्रयास करैत रहैत छी। ईहो बुझा दैत छियैक जे जरूरी नहि कि सब हमरे-तोरा जेहेन हुअय। विचार सभक अलग-अलग छैक, कारण प्रकृति सभक अलग-अलग छैक। गणित केर समुच्चय सिद्धान्त अनुरूप राजस, तामस आ सात्विकताक तीन मुख्य अवयवक १ सँ १०० ग्रेड मे परिवर्तनक संग मिश्रण बनैत मनुष्यक प्रकृति बनबाक सिद्धान्त सेहो सिखा देने छियैक। जेना कोनो व्यक्तिक प्रकृति मे ७०% + २०% + १०% राजसिक + तामसिक + सात्विक अवयवक मिश्रण छैक त दोसर मे ई तीनू अवयवक परिमाण परिवर्तित रूप मे रहतैक आर तेँ ओकरा सभक प्रकृति मे भिन्नता स्पष्ट रहतैक। अतः हम सब अपन प्रकृति केँ नीक सँ अवलोकन करैत दोसरक प्रकृति संग तालमेल बनेबाक गुण धारण करी, कल्याण निश्चित होयत। अन्यथा उपद्रव आ तनाव अवश्यम्भावी छैक। सावधान!
 
अन्तिम मे निष्कर्ष आ अपील सेहो –
 
एहि लेख केर निष्कर्ष एतबी अछि जे हम मनुष्य एकटा सामाजिक प्राणी होयबाक कारण जंगल केर कानून पर नहि जीबि सकैत छी। समस्या आ चुनौती अनेकों छैक। समाधान ताकब बेसी जरूरी अछि। दहेज मुक्त मिथिला मंच हमरा सभ लेल एकटा सटीक आ समुचित समाधानक मंच थिक। ओहिना नहि हम बेर-बेर पराम्बा जानकी केँ सोझाँ राखि पूर्ण विवेक सँ काज लेबाक अनुरोध करैत रहैत छी – चूँकि विवाह जिनगी भरिक परिभाषा आ व्याख्या थिकैक, तेँ हमरा लोकनि भगवती केँ सदिखन सर्वोच्च सोच मे राखि कोनो निर्णय करी। वैवाहिक सम्बन्ध लेल परिचय आ सम्पूर्ण पक्षक परीक्षण बहुत जरूरी अछि। संगहि व्यवहार मे सेहो ओतबे बेसी पवित्रता सँ दुइ नर आ मादा मानव केर गठबन्धन करब त ओ दुनूक प्रसन्नताक संग ई संसारहु केँ प्रसन्नता भेटतैक। एहि मंच पर बेसी सँ बेसी परिचय आबय, बेसी सँ बेसी प्रस्ताव आबय, पुनः ताहि परिचय ओ प्रस्ताव पर अपने लोकनि द्रुत प्रतिक्रिया करी, समाधान ताकी, समाधान सुझाबी, आदि। ई जरूरी छैक। एहि लेल हम सब सँ बेर-बेर विनम्र अनुरोध करैत छी। आशा नहि बल्कि विश्वास अछि जे अपने सब एहि लेल पूर्ण सचेतना सँ योगदान देबैक। अस्तु!
 
एकटा आर महत्वपूर्ण बात – वैवाहिक परिचय शेयर करय सँ हिचकिचाहटक समस्या आ ओकर समाधान
 
समूह पर कोनो वैवाहिक परिचय शेयर करब कतेको लोक लेल धाख आ लोकलज्जाक विषय बनैत अछि, ई स्वाभाविके छैक। एहि संसार मे दोसर जतेक सहयोग नहि करत तेकर सौ गुना बेसी खिद्धांस (कुचर्चा) करैत अछि। एहि बातक डर भले केकरा नहि हेतैक एहि संसार मे! विवाहक समस्या मे त दोसरक भूमिका आर आगिलगौना वला बेसी देखल जाइत छैक। भभाकय नहि हँसय जायब कियो ई सुनिकय जे हमरो विवाह मे कय गोट घटक केँ एहिना कतेको लोक घुमेलनि – एगो केँ हमहूँ घुमा देलियैक जखन सुनलियैक जे हुनका कियो कहि देने रहनि कि लड़काक बाप सबटा जमीन-जथा बेचि देलकैक, ओकरा डीह छोड़ि दुओ धूर जमीन नहि छैक। हाहा! देखल कनियाँ, सगुन देल, सब बात फाइनल…. बस लोकहि केर कहलहबा बातक जिकिर हमरा लग ओहि कन्यापक्षक कियो लोक कय देने छलाह आर हम तुरन्त अपन बापक अद्भुत फोलोवर ओतय विवाह करय सँ मना कय देल। बहुत फजगज भेल, परञ्च हम अपन पिताक अपमान केँ वर्दाश्त नहि कय सकैत छलहुँ, हम हरगिज विवाह नहि करब से कहि ओ सम्बन्ध ओत्तहि क्लोज कय देल। त, हमर कहबाक तात्पर्य यैह अछि जे लोकक कुचर्चाक डर सँ कतेको लोक वैवाहिक परिचय शेयर करय सँ डराइत छथि। हुनकर डर केँ समाप्त करबाक लेल एकटा बहुत सहज उपाय अछि। परिचय मे किनको नाम नहि दियौक। केवल उम्र, गोत्र, शिक्षा, पेशा, आय, अन्य विशेष बात जाहि सँ सामनेवलाक मोनक उद्वेग स्वतः शान्त हेतनि आ ओ परिचय प्रति आकर्षित सेहो हेताह ततबे बातक उल्लेख करू। आर, ओहि परिचय प्रति वर अथवा कन्याक परिचय – प्रस्ताव आमंत्रित करू, ताहि लेल एकटा व्हाट्सअप नम्बर या ईमेल आईडी – से जरूर दियौक। भऽ गेल, एतबे मे अहाँक काज शीघ्रातिशीघ्र भऽ जायत। कारण अहाँक समस्याक समाधान दोसरक समस्या मे निहित अछि, अहाँ खुलबय नहि त लोक बुझतय कोना, आ खुलबाक लेल सहज उपाय छैक – केवल गुण-धर्म-अनाम परिचय दैत सम्पर्क करय लेल अपील करू। दैट्स आल!
 
पुनः शुभकामना – दहेज मुक्त मिथिला समाधानक मंच थिक से विश्वास करब आ जानकी जी प्रति आशावान रहब। ॐ तत्सत्!!
 
हरिः हरः!!