कोरोना संक्रमण आ वैश्विक संकटः नागरिक पत्रकारिता एकमात्र विकल्प

आलेख

– धर्मेन्द्र झा (नेपाली सँ मैथिली अनुवाद – ध्रुव कुमार झा, जनकपुर)

अखन सम्पुर्ण मानव सभ्यता वैश्विक महामारी कोरोनाके ल’क’ आक्रान्त बनल छइ । मनुख्खके हरेक युग आ समयमे सूचना आवश्यक अछि तकर इतिहास साक्षी छैक । सुचना मनुख्खके सब आवश्यक्ता पूरा करैत छइ आ सब समस्याके समाधान करैत छैक से बिश्वाश कएल जाइत अछि । तेँ त सुचनाके हकके मतृहक सेहो कहल जाइत छैक । सूचना मनुख्खक अनिवार्य आश्यकता अछि । संकट आ समस्याके समयमे सुचना आओर बेसी आवश्यक बनिजाइत अछि । सुचना मनुष्यके समस्यासँ पार पाबयके सहयोग करैत छै से विश्वास कएल जाइत छैक । तें एहन समयमे सूचनाक अधिकारके महत्व आओर बढी जाइत अछि ताहिमे कोनो शंका नहि ।

कोरोनामय वर्तमान समय सेहो एहने दुर्भाग्यपुर्ण समय छइ , जाही समयमे अन्य समयसँ बेसी सुचनाके आवश्यक्ता पडैत अछि । मुदा प्रश्न उठैत अछि । एहन अवस्थाके प्रत्याभूत कोना कएल जाए ? एहिमे न्यू मिडिया, अनलाइन, सामाजिक सञ्जाल आ नागरिक पत्रकारिताक महत्व आ एकर प्रभावकारिताक सम्बन्धमे चर्चा करब आवश्यक अछि सेहए सोंचिक इ लेख लिखयके नियार कएल गेल अछि ।

पत्रकारिताके बात चितके क्रममे समय-समयमे ‘न्यू मिडिया’ आ ‘नागरिक’ पत्रकारिता चर्चा होइत आयल अछि । सामान्यतया नागरिक पत्रकारिताक प्रकटीकरण न्यू मिडियामार्फत् होइत छैक । वास्तवमे अखनुक दुनियामे न्यू मिडिया एहन प्लेटफर्म बनल छैक जकर उपयोग आवश्यकताअनुसार सम्बद्ध सब गोटे क सकैत छैक । मूख्यत: इन्टरनेटमे आधारित न्यू मिडियाके प्रयोग आ उपयोग आजुक दुनियामे मोबाइल फोनके करिब-करिब हरएक प्रयोगकर्ता कसकैत छैक । इन्टरनेटके माध्यमसँ प्रवाहित हुवबला श्रव्य, दृश्य आ लेख्य सब प्रकारक सामग्री उपयोगकर्ताके पहुंचएके अवस्थाक निर्माण भचुकल छइ । एतबे मात्र नहि , एहिमे सञ्चारक दुतर्फा प्रकिया सम्भव होइत छइ तेँ अकरा नागरिक पत्रकारिताक रुपमे स्वीकार कएल गेल छैक । अहिमे कोनो शंका नहि छैक ।

पत्रकारिताकलेल ल सूचना आ ओहिके प्रस्तुती सर्वाधिक महत्वपूर्ण बात छइ । परम्परागत मान्यता आ परिभाषा अनुसार जे समाचारके शैलीमे सुचनासबके उपभोक्ता समक्षप्रस्तुत् करैत छैक ओहए पत्रकार अछि आ एहि प्रकृयाके पत्रकारिता कहल जाइत कह्हैक । यदाकदा इ मान्यता पत्रकार आ पत्रकारिताके सुचनाक ‘सिन्डीकेट’के रुपमे परिवर्तित कएल गेल उदाहरण सब हमरा अँहा समक्ष देखल गेल अछि । अहि आधारपर देखल जाए त न्यू मिडिया, जाहिके अन्तर्गत अनलाइन पोर्टल आ सामाजिक सञ्जालसब पडैत छैक , हर-एक उपयोगकर्ताके हाथमे आविक प्रत्येक उपयोगकर्तासब सूचनाक संवाहक आ प्रशारकके हैसियतमे पहुंचुकल यथार्थके कदापी अस्वीकार नहि कएल जसकैत छैक । जोउँ एना छइ त कि सामाजिक संजालसमेतके प्रयोगकर्ताके जे सुचना प्रसारक काजमे संग्लग्न छैक , पत्रकार मानल जासकैत अछि ।

सुचना सम्प्रेषण केनिहारिके सेहो पत्रकार नहि मानल नहि जा सकैत अछि आ एहन प्रयोगकर्तासब सम्पादकीय अनुशासन आ प्रक्रियाके बिना पालना कएनहि सुचना सम्प्रेषण करैत छैक ।

सुचनाके सत्यापन आ ओकर पुष्टि , मुख्य बात छइ । तहिना सुचनाके सर्वजानिक करबाक उद्देश्य । सामाजिक संजालमे प्राय: एहन समस्याके अनुभूत कएल जाइत छैक । व्यवसायिक पत्रकार एहिमे दक्षता प्राप्त केने रहैत छैक से विश्वाश कएल जाइत अछि । अइ अवस्थामे यस सम्पादकीय ज्ञान, क्षमता आ प्रक्रिया महत्वपूर्ण मानल जाइत छैक ।

आजुक युगमे मिडिया साक्षरता (लिटरेसी) के दृष्टिकोणसँ सेहो विमर्श होयब जरुरी छैक । ताही विषयमे बादमे सेहो छलफल कएल ज सकैया । अखनके उपस्थिति परम्परागत मिडियाके “सिण्डिकेट “के बहुत हदधरि अन्त केने छैइ से अखनुक निष्कर्षमे पहुंचनाइ आवश्यक छैक । अखनके ताजा सन्दर्भ कोरोनाके अछि । अखन नेपाल मात्रे नहि विश्वके प्राय: सब राष्ट्रीय मिडिया ( पत्रकारिता) के परम्परागत माध्यसब बहुत प्रभाकारी नहि भ’ पाबि रहल अछि ।

नेपालक सन्दर्भ–विश्लेषण कएल जाए त सामाजिक दुरिके बाध्यात्मक अवस्थाके कारण लगाओल गेल #लकडाउनके अवस्थामे अधिकाँश छापा माध्यम बन्न छइ । रेडियो आ टेलिभिजन सेहो यथेष्ट जनशक्ति अभावक कारण सामग्रीसबके दोहोरा-तेहराक प्रस्तुत करए हेतु बाध्य अछि । जाहिके कारण उपभोक्तासबमे एकरसता ( मोनोटोनस )के भाव उत्पन्न भरहल छइ से कहब गलत नहि होयत । एहिसँ उत्पन्न निरस वातावरणके अवस्थाके निस्चित रुपमे नकारल नहि जासकैया । एहए यथार्त अछि ।

सामाजिक सञ्जाल मादे प्रस्तुत भरहल सुचना सामग्रीसब अखनुक अवस्थामे उपभोक्तासबहक एकरसताके किछु हदधरि अन्त्य केने छैक ताही बातके अस्वभाविक नहि मानल जायत । सामाजिक सञ्जालले जहाँ एक दिस विविध सूचनाक प्रस्तुतिके अवस्था निर्माण कएने छैक त दोसर तर्फ विद्वान म्याकलुहान जे कहने छथि विश्व ग्राम वा वैश्वीकरण (ग्लोवलाइजेशन) के निर्माणमे इ सहयोगी भेल मानल जासकैत अछि ।

विश्वक ‘एजेण्डा सेटिङ’ मे सेहो इ महत्वपूर्ण भूमिका निर्वाह कएने छैक कहनाइ अस्वाभिक नहि होयत । दुनियाभरिके लेल कोरोना अखन एहन विषय बनल छैक जकरा सामाजिक सञ्जाल ‘एजेण्डा सेटिङ’ केर विषय बनाकए सम्पूर्ण विश्वके ध्यानाकृष्ट कएने अछि । अखन लकडाउनके कारण मूलधराके पत्रकारिता एक हिसाबे संकुचनके अवस्थामे अछि जाही समयमे सामाजिक सञ्जालसब सूचना सम्प्रेषणक महत्वपूर्ण माध्यम सावित भेल छैक , ताहिमे कुनो शंका नहि ।

एक टा आओर महत्वपुर्ण बात त इ जे अहन मूलधराके पत्रकार सब सेहो समाजिक संजाले सन माध्यमे केन्दृत अछि । आजुक अवस्था देखल जाय त कोरोनाक सन्दर्भके बहुत रास सुचना एहने माध्यमसँ प्रवाहित भरहल छइ । आ सम्बन्धित निकायके जिम्मेवारी बोध कराबयके प्रयास भरहल छैक ।