विशेष रिपोर्ट
भारतीय गृह मंत्रालयक वेबसाइट मार्फत् मिथिला राज्यक एक समर्थक आ स्वराज्य लेल उत्सुक युवक एकटा शिकायत पठौने छलाह। पंजियन संख्या MINHA/E/2013/01470 – शिकायतकर्ता श्याम झा, नव दिल्ली, शिकायत पेबाक तारीख ३० जुलाई, २०१३ तथा पठायल शिकायत निम्न रूप मे छल।

एकर जबाब १२ मई, २०१५ केँ गृह मंत्रालय द्वारा देल गेल जे “मिथिला राज्य पृथक नहि कैल जा सकैत अछि”। एहि जबाबक संग उपरोक्त शिकायत केँ ‘केस क्लोज्ड’ कहि शिकायत प्रेषणकर्ता केँ जानकारी करा देल गेल अछि। ध्यातव्य हो जे शिकायत मे जाहि-जाहि कमजोरी केँ दरसाओल गेल अछि वैह आधारविन्दु थीक राज्य अलग करेबाक, गृह मंत्रालय – भारत सरकार एहि शिकायत पर आरो कोनो दृष्टिकोण सँ ध्यान देलक आ कि नहि ई एकटा आगाँक उत्सुकता बढबैत अछि। तहिना एहि समस्त विन्दु पर जनप्रतिनिधि लोकनि कतेक सजग छथि आ ओ अपन क्षेत्रक विपन्नता लेल कोना योजना बनबैत छथि, अहु दिशा मे गंभीर संकेत भेटैत अछि। प्रसन्नताक बात कहि सकैत छी जे वर्तमान युवा पीढी मे एहि तरहक जागरुकता जे भारत सरकारक सब संयंत्र मे विषय प्रवेश करेबाक लेल समुचित उपलब्ध साधनक उपयोग कय रहल अछि आ निश्चित रूप सँ मिथिला राज्यक सपना सब कियो देखि रहल अछि। कतय मिथिला पहिने मिथिलादेश कहाइत छल, कतय आइ ई एकटा राज्य केर स्वरूप तक नहि निर्वाह कय सकल अछि। ई लज्जास्पद आ कलंक हर मैथिल नेतृत्वकर्ता पर आ जनमानस पर कायम अछि जे भारतवर्षक निर्मात्री भूगोल आइ स्वयं भारतीय संविधान अन्तर्गत एकटा राज्यक दर्जा नहि पाबि सकल अछि। देरी जतेक होइ राज्य बनय मे, मुदा युवा शक्तिक एहि आकांक्षा आ प्रयास केँ मैथिली जिन्दाबादक संपूर्ण कार्यसमूहक तरफ सँ बेर-बेर नमन अछि। मैथिली जिन्दाबाद!! मिथिला जिन्दाबाद!!