लेख
– स्नेहा प्रकाश ठाकुर
जतय चाह ओतय राह
“अहाँ केना मैनेज करैत छी ?” ई प्रशन हमरा स अनगिनत बेर पूछल जा चुकल अछि । और हर बेर हम ईहे जवाब दैत छी जे हम एक टा औरत छी और माँ भी, हम किछुओ कय सकैत छी । एक टा औरत खुद भी अपन ताकत नय बुझैत छै जाबत धरि ओ अपने माँ नहि बनि जाइत अछि ।
ई हम बस अपना बारे मे नहि अपितु समस्त संसार केर औरतक बारे मे कहैत छी । मुदा खास क’ हम मैथिल औरत त किछो कय सकैय छी अगर ठानि ली तँ । कियाक त बचपन सँ हम सब एहेन माहौल मे रहैत छी जे अपन रीति-रिवाज, संस्कार, पाबैन-तिहार आदि त जनिते छी संगहि अपन माय केँ देखिकय मल्टी-टास्किंग (एक संग कइएक काज करबाक कला) सेहो सीखि लैत छी।
और चूँकी हम सब आइ के महिला छी त पढ़ाई-लिखाई सब सँ सर्वोपरि अछि । बस कनेक टाइम मैनेजमेंट और ईच्छाशक्ति चाही ।
हम सब देखैत छी जे एक टा बच्चा केना अपन पिताक संग एडजस्ट करैत अछि । जहन ओ घर पर रहैत छथि त हुनका संग खेलाइत अछि, नहि त कनिको नै कनैत अछि और खेल में रमल रहैछ ।
बस ओहि तरहे अहाँ अपन काजक महत्व ओकरा बतबियौक । शुरु सँ अपन काज में ओकरा सब केँ सेहो इन्वौल्व करियौक । अहाँ भले ही किताब पढी, पेंटींग करी या खाली बैसल रही मुदा किछु समय अपना लेल निकालू । किछु काज करैत रहू । किछु नया हौबी कल्टिवेट करू या ऑनलाइन त आब बहुत अवसर भेटिते छैक, ओकर फायदा उठाउ । अपन बच्चा केँ समय दियौक लेकिन अपने आप केँ सेहो समय दियौक । और धीरे-धीरे ओ सब सेहो समझि जायत और एडजस्ट करय लागत । एहि बात मे कोनो बड़प्पन नहि छैक जे हमरा टाइमे नहि भेटैत अछि कहिकय अपना मे किछु नव सीखबाक-करबाक सामर्थ्य केँ समाप्त कय ली । टाइम निकालू । आइ अगर अहाँ आइ आत्मनिर्भर नहि होयब तँ काल्हि अहाँक बेटी केना होयत आत्मनिर्भर आ स्वाबलम्बी, से जरूर मंथन करू ।
अपन समय केँ स्मार्टली डिवाइड करू और एकटा टारगेट बनाउ जे हमरा एतेक समय में ई काज करबाक अछि आर फेर एतेक समय मे दोसर काज करबाक अछि । किछु दिन परेशानी होयत त लेकिन फेर आदति पड़ि जायत । और जे सटिस्फैक्शन होयत तेकर त अन्त नहि छैक ! हर दिन के टारगेट सेट करू और ऐगला दिनक स्ट्रेटजी राति मे सुतय सँ पहिने प्लान करू । बच्चा केँ अपन गाम-घरक बोली और पर्व तिहार जरुर सिखबियौक । बच्चा केँ आत्मनिर्भर बनाउ और अपनो बनू । सशक्त औरत तखनहि बनत सशक्त मिथिला ।