संस्मरण सन्देश
– रोशन जनकपुरी, जनकपुर
१४ जुलाई । डा. धीरेन्द्रक जन्मदिन । डा. धीरेश्वर झा धीरेन्द्र । नेपाली मैथिलीक स्कूल । डा. राजेन्द्र विमल स’, रामभरोस कापैड़ आ अनेकों मैथिलीक प्रसिद्ध सर्जकसब जिनकर शिष्य कहबैत गर्व करैत छैथ । नेपालक त्रिभुवन विश्वविद्यालय मे मैथिली विभागक पहिल विभागीय प्रमुख । नेपालमे आधुनिक मैथिली साहित्यक इतिहासक शुरुवात भलेही पं. जीवनाथ झा आ सुन्दर झा शास्त्री स’ भेल होय, पुस्त दर पुस्त जन्माब’ के श्रेय निर्विवाद रूप स’ डा. धीरेन्द्रके छैन ।
अफसोस ! एते होइतो हुनका केओ नेपालमे याद नइ करैत अइछ । ओना किछु जिवितेमे संस्था भ’ गेल छैथ । ओना ई कोनो आश्चार्यक बात नइ । स्पष्ट रुप स’ वामपन्थी झुकावबला डा. धीरेन्द्रक स्कूलक शिष्यसब हुनक कला पक्षक आनुगामी मात्र भेलाह, वैचारिक पक्षक नइ । शायद ईहे कारण रहल होयत जे जखन हुनका नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठानक सदस्यता देबाक निर्णय भेल, त हुनक शिष्ये सब हुनक विरोधमे ठाढ भेल । हमरा हुनक स्कूलक विद्यार्थी होबाक सौभाग्य प्राप्त नइ अइछ । मुदा हमरा जनैत डा. धीरेन्द्रके विस्मरण कृतघ्नता होयत । अफसोस ! अखन तक ईहे भ’ रहल अइछ । मुदा केओ कतबो चाहओ, इतिहासके झाँपल नइ जा सकैय’ । नेपालक मैथिली आकाशमे डा. धीरेन्द्र एहने जाज्वल्यमान सूर्य छैथ । डा. धीरेन्द्र प्रति हार्दिक श्रद्धान्जलि !