नेपाल मे मैथिलीक आधुनिक पृष्ठपोषण आर राजविराजक मैथिली साहित्य परिषद

दू हजार छिहत्तरि सालः मैथिली साहित्य परिषदकलेल महत्वपूर्ण वर्ष

– देवेन्द्र मिश्र

मैथिली भाषाक उन्नयन आ संरक्षण–सम्बर्द्धन करएबला संस्थाक रुपमे मैथिली साहित्य परिषद राजविराजक अग्रणी स्थान अछि । एहि संस्थाकलेल विक्रम सम्वतक ई दू हजार छिहत्तरि साल दूटा दृष्टिसँ महत्वपूर्ण अछि । एकः एहि वर्ष २०७६ साल अषाढ दू गतेक दिन अर्थात काल्हि परिषदक स्थापना भेल पचास वर्ष पूरा भऽ रहल अछि आ काल्हि परिषदक स्वर्ण जयन्ती थिक । एहि पूरे वर्षकेँ स्वर्ण जयन्ती वर्षक रुपमे विविध कार्यक्रमक सङ्ग आयोजित करबाक नेआर परिषद कऽ रहल अछि । दूः विक्रम सम्वत दू हजार बाबन सालसँ प्रकाशन प्रारम्भ भेल बहुचर्चित आ लोकप्रिय मिथिला कलेण्डरक पचीसम वर्ष सेहो एही दू हजार छिहत्तरि सालक साओन माससँ शुरुह भऽ रहल अछि । अर्थात मिथिला कलेण्डरक ई रजत जयन्ती वर्ष अछि ।

विक्रम सम्वत २०२६ सालक प्रारम्भमे राजविराजक तीनटा मैथिल युवालोकनिः सर्वश्री जन आनन्द मिश्र, बिन्दु कुमार दास आ विरेन्द्र नारायण देव मैथिली भाषा, साहित्यक विकासक उद्येश्य राखि स्वस्फुर्त रुपमे मैथिली साहित्य विकास समिति नामक एकटा संस्थाक परिकल्पना कएलनि आ तीनटा अलग–अलग आग्रह–पत्र फुलस्केप कागजमे लिखि तीनटा क्षेत्रमे लऽ कऽ गेलाह । ओहि आग्रह पत्रसभमे तीन–चारि पाँतिमे सरल आग्रह कएल गेल छल जे – मैथिली साहित्यक विकासक हेतु एकटा परिषदक आवश्यकता बुझना जा रहल अछि । अतएव अपनेँ लोकनिसँ आग्रह जे सोमदिन २ गते अषाढकेँ ५ वजे साँझमे राजविराज महेन्द्र क्लबमे एकत्रित भऽ एहि विषयपर विचार विमर्श करी । निवेदक छलाह उपर्युक्त तीन गोटे ।

आठे–नओ वर्ष पहिने पञ्चायती व्यवस्थाक प्रारम्भ भेल, साते वर्ष पहिने पञ्चायती सम्विधान घोषणा भेल, संघ संस्था खोलबापर घोर प्रतिबन्ध रहल, नेपालीकेँ छोडि आन भाषाक गप कएलापर सरकारक कोपभाजन होएबाक सम्भावना रहल कालखण्डमे मैथिलीक लेल आह्वान कएल एहि आग्रहकेँ आत्मसात करैत पहिल पत्रपर ९८ गोटे, दोसर पत्रपर ७१ गोटे आ तेसर पत्रपर २८ गोटे सहित जम्मा १९७ गोटे एहि बैसारमे अएबाक स्वीकृति जनौलनि आ आह्वान कएल गेल अनुसार महेन्द्र क्लब राजविराजमे विक्रम सम्वत २०२६ साल अषाढ २ गते सोमदिन पूर्व निर्धारित समयमे राजविराज क्षेत्रक १२७ गोटे व्यक्तिलोकनिक समुपस्थितिमे बैसार अयोजित कएल गेल ।

सर्वसम्मतिसँ डाक्टर नागेश्वर प्रसाद सिंह एहि बैसारक सभापति चयनित भेलाह आ मैथिली भाषा, साहित्य, कलाक विकासकलेल सभ गोटेक सकृयताक आवश्यकतापर जोर देल गेल । एहि बैसारमे मनतब देनिहार लोकनिमे क्रमशः छलाह सर्वश्री पं चिरंजीव झा, प्रा उमाकान्त झा, प्रा विजयेन्द्र झा, शिशु प्रसाद देवकोटा, महेशचन्द्र मिश्र, यदुवंशलाल चन्द्र, कृष्णराज वर्मा, रमाकान्त झा, जगदीश झा, रामेश्वर प्रसाद सिंह, माननीय चतुर्भुज प्रसाद सिंह, गणेश कुमार पोखरेल, गंगाधर झा, डाक्टर ईन्द्रमान वैद्य, माननीय इन्द्रदेव यादव, सुश्री इन्दिरा सिंह, सुनिल कुमार झा । सुधीर कुमार झा कविता पाठ कएने छलाह ।

ओही दिन २०२६ साल अषाढ २ गते सोमदिन सर्वसम्मतिसँ मैथिली साहित्य परिषद राजविराज गठन कएल गेल आ पन्द्रह सदस्यीय अस्थायी कार्यसमिति गठित कएल गेल । एहि कार्यसमितिमे अध्यक्षमे श्री जगदीश झा आ सदस्यमे मा श्री इन्द्रदेव यादव, मा श्री चतुर्भुज प्रसाद सिंह, श्री महेशचन्द्र मिश्र, प्रो श्री यशोदानन्द मिश्र, प्रो श्री सुनील कुमार झा, प्रो श्री परमेश्वर यादव, श्री झुमरमल मुंधडा, श्री गंगाधर झा, श्री कुंज विहारी प्रसाद सिंह, श्री जितेन्द्र नारायण देव, श्री रामचन्द्र झा, श्री राधाकान्त मुंशी, श्री अमृतलाल चौधरी, श्री शिशु प्रसाद देवकोटा चयनित भेलाह । बादमे सदस्यलोकनिमेसँ श्री महेशचन्द्र मिश्रकेँ सचिवक अभिभारा आ श्री झुमरमल मुंधडाकेँ कोषाध्यक्षक जिमेवारी देल गेल । संस्थाक आर्थिक सबलताकलेल चन्दा–सङ्कलन अभियान चलाओल गेल । एहिमे सबहकलेल ५ रुपैया चन्दा निर्धारण कएल गेल, ने बेसी ने कम ।

इएह मैथिली साहित्य परिषद लतरैत–चतरैत, फरैत–फुलाइत आइ विश्वप्रसिद्ध मैथिली संस्था बनल अछि आ विश्वक सर्वश्रेष्ठ मैथिली संस्थाक सम्मान पओलक अछि । परिषदक एहि ५० वर्षक महायात्राक विशद–गाथा लिखबाक आवश्यकता अछि । वाणी अंक २ मे प्रा अशोक कुमार झाद्वारा आ अंक ३ मे हमराद्वारा किछु ऐतिहासिक विवेचन भेल अछि जाहिमे बहुते रास तथ्यसभ छुटल होएबाक प्रबल सम्भावना अछि । तत्कालीन मैथिलीकर्मी लोकनिक सजगतासँ विस्तृत विवेचनक आवश्यकता अछि । ओना हम अपन विवेचनकेँ परिमार्जित करबाक प्रयासमे छी ।

विक्रम सम्वत २०५२ सालमे प्रा उमाकान्त झाक अध्यक्षता रहल परिषदक कार्यसमितिक कार्यकालमे दूटा कार्यक उल्लेख कएल जा सकैछ । एकः मिथिला कलेण्डरक प्रकाशनारम्भ आ दू मैथिलीकेँ स्थानीय तहमे कामकाजक भाषाक रुपमे लागू करेबाकलेल प्रा जन आनन्द मिश्रक संयोजकत्वमे कार्यदलक गठन । मिथिला पत्रिकाक प्रकाशनक सेहो सुरसार तहिए शुरुह भेल छल आ मिथिला प्रकाशन होएबासँ पहिने कृष्णा साप्ताहिक पत्रिकामे एक पन्ना मैथिलीमे रहनाइ आदि सेहो उल्लेख्य काजसभ रहल । एहि वर्ष मिथिला कलेण्डर साओन माससँ २५ म वर्षमे प्रवेश कऽ रहल अछि ।

मैथिली साहित्य परिषद राजविराजक आजीवन सदस्यक रुपमे आ आठ वर्ष कार्यसमितिमे रहिकऽ परिषदक किछु सेवा करबाक सौभाग्य हमरो प्राप्त भेल कारणेँ मैथिली साहित्य परिषद बहुते गोटेक सङ्ग हमरो आत्मामे बसैत अछि । २०२६ सालमे अषाढ २ गते सोमदिन छल आ २०७६ मे सेहो अषाढ २ गते सोमेदिन अछि । हम एहि अषाढ २ गतेक दिनकेँ सादर नमन करैत छी ।

आश आ विश्वास अछि जे परिषदक कार्यसमिति एहि स्वर्ण जयन्ती वर्षकेँ दीर्घ कालधरि स्मृतिमे राखए जोगर बनाओत ।

जय मिथिला ।। जय मैथिली ।। जय मैथिल ।।।

सम्पर्क नं ९८६२८५०१५१

इमेलः [email protected]

लेखन तिथिः२०७६ अषाढ १ गते रविदिन

स्वर्ण जयन्तीक पूर्वसन्ध्या

समयः रातिक १० बजे ।