वस्त्र अश्लील वा कामुक आ कि लोकक मानसिकता अश्लील आ कामुकः सवाल एक लेखिका केर

विचार

– वन्दना झा

जय हो मिथिला…….🙏🙏🙏

देश मे चुनाव खत्म भय गेल, चुनावक परिणाम आबि गेल तऽ आब मिथिलामे बहुत गोटे मानसिक तौर पर रिक्त भऽ गेल छथि।🤔🤔

आहि रे बा एना कोना हेतैक मिथिलामे एहन रिक्तता किछु अनसोंहाँत लागय लागैत छन्हि किछु तथाकथित मिथिलाक ठीकेदार सबके। अपन मानसिक रिक्तता के पूर्ति करबाक लेल ई महापुरूष सभ एहि बात पर चर्चा शुरू कय देलन्हि जे मिथिलाक मैथिली, वैदेही, सिया धिया के कोन वस्त्र पहिरबाक चाही आ कोन नहि। कतेक टा घोघ लेबाक चाही, पल्लू आ दुपट्टा कोना लेबाक चाही कोना नहि ???? 

किछु तथाकथित भाषणवीर सब के तऽ ई सोचब जरूरी छन्हि किएक तऽ मिथिलाक संस्कृति आ परंपरा पर अपन सर्वाधिकार सुरक्षित बुझैत छथि। कोनो महिला बहिन बेटी या अन्य स्त्री के कोन वस्त्र पहिरबाक चाही आ कोन नहि एकर दिशा निर्देश तय करय वाला ठीकेदारीक पट्टा ई सब अपने सँ अपना नाम पर कऽ लेने छथि। एहि तथाकथित स्वघोषित मिथिलावादी ठीकेदार सब सँ हम आ अपन समाजक हजारो धिया ई प्रश्न कऽ रहल छन्हि जे अश्लीलता वस्त्र मे होइत छैक या हिनका सब के नजरिया मे, कामुकता वस्त्र में होइत छैक या हिनका सबहक विकृत मानसिकता में, महिला द्वारा पहिरल वस्त्र मे गंदगी होइत अछि या या हिनका सबहक नाकारात्मक विचारधारा मे।
हिनका सबहक कथनानुसार यदि वस्त्र सँ अश्लीलता बढि रहल अछि तखन समाज में कोनो अस्सी सालक बुजुर्ग महिला हो या चारि वर्षक अबोध बालिका बलात्कार के शिकार कोना भऽ जाइत अछि। की चारि साल के अबोध बालिका के वस्त्र में अश्लीलता छैक ??? या सत्तरि सालक बुजुर्ग महिला के वस्त्र में ???

अपन विकृत मानसिकता आ नाकारात्मक विचारधारा के उचित ठहराबैत समस्त स्त्री समाज पर दोषारोपण करब बन्द करू आब।🤔🤔
अहाँ सबहक हिसाब सँ मिथिला में रहय वाली के आधुनिक वस्त्रक त्याग कऽ परंपरा के अनुसार वस्त्र पहिरबाक चाही। हम स्वयं एहि विचारधारा के समर्थन करैत छी जे हमरा अपन भारतीय परंपरा के अनुसार वस्त्र पहिरबाक चाही। तखन तऽ बड्ड बेस अपने लोकनि सेहो बुशर्ट आ फूलपैंट के त्याग कऽ धोती कुर्ता आ खराम पहिरब शुरू करय जाउ। आ नबका युवावर्ग सब माथ पर टीक राखब शुरू कय लिअ। परंपरा के हिसाब सँ प्रतिदिन दिनचर्या बना कऽ चानन ठोप लगायब शुरू कय लिअ।

हमर विनम्र निवेदन अछि जे हमर बात के अन्यथा नहि लेब।🙏 किएक तऽ हम स्वयं ओहि विचारधारा के समर्थक छी जाहिमे दोसर के किछु प्रवचन आ उपदेश देबय सँ पहिने हम स्वयं ओकरा आत्मसात करब तखन हम समाज मे अपन बात रखबाक योग्य बनि पायब। आइ बहुत दुख भऽ रहल अछि ई देखि जाहि माँ मैथिली सँ जुड़ल ई मिथिलाधाम अछि ओतय हजारो वैदेही, मैथिली, सिया धिया सबहक लेल किछु तथाकथित स्वघोषित कठमुल्ला सब अपन फ़तवा जारी कऽ रहल छथि। अपन मिथिला मे मैथिली के कोना रहबाक छन्हि आ कोना जीवन जीबाक छन्हि ई बात की मिथिला मे जन्मल किछु #रावण सब तय करत।🤔🤔🙂

#मिथिला मे जन्मल किछु रावण

#समस्त तथाकथित स्वघोषित मिथिलावादी कठमुल्ला सब के समर्पित।

क्षमा याचना के संग 🙏🙏🙏

एकटा #छोट #रिफ्युजी #डमी मैथिल

© Vandana Jha.