नेपाल केँ भेटल चीनी बन्दरगाह प्रयोग करबाक अनुमति

ईहो सच छैक जे २०१५ केर ‘मधेश आन्दोलन’ आ ‘मधेश बन्दी’ केँ नेपाल मे ‘भारतक अघोषित नाकाबन्दी’ केर संज्ञा देल गेलैक, एतुका राजनीतिक शक्ति आ सत्ता-संचालक सँ लैत सम्पूर्ण मीडिया मे मधेश आन्दोलन कम आ ‘भारतीय नाकाबन्दी’ बेसी प्रचारित-प्रसारित कयल गेलैक। स्थितियो गंभीर बनि गेल छलैक। तेसर मुल्क आ भारतहि सँ आवाजाही करयवला आयातित सामान – पेट्रोलियम पदार्थ – रसोई गैस सहित विभिन्न मिल-मशीनरी आ पूर्वाधार निर्माणक बहुल्य सामग्री बड़का-बड़का ट्रक आ कन्टेनर मे लोड महीनों-महीना धरि सीमावर्ती भारतीय क्षेत्र मे कस्टम्स क्लियरिंग प्रक्रिया पूरा भेलाक बादो सड़क आ आवाजाही मधेश आन्दोलनक बन्दी मे फँसल रहि गेलैक। काफी नुक्सान उठाबय पड़लैक एतुका ब्यापार आ पारवहन प्रक्रिया मे, कन्टेनर डिटेन्सन, डेमरेज, ट्रक डिटेन्सन सँ लैत अनेकों ऊपरिव्यय करैत लोक कोहुना नेपाली अर्थव्यवस्था केँ सुचारू राखि सकल।
नेपालक राजनीतिक इतिहास देखिकय मधेश आन्दोलन एक भयावह राजनीतिक विद्रोह भविष्य मे नहि हेतैक ई कहब मुश्किल अछि। नया संविधान जारी केलाक बाद जाहि तरहें राष्ट्र शिथिल गति सँ नवनिर्मित संविधान केँ लागू करबाक दिशा मे बढि रहल अछि ताहि सँ यैह संकेत भेटैत अछि जे कतहु न कतहु समान नागरिक अधिकार पूरा करबाक मनसाय आ नियत साफ नहि अछि। आर, एहि तरहक अवस्था केँ सह दैत अछि भारत आ चीन केर बीचक राजनयिक सम्बन्ध, युद्धक इतिहास, क्षेत्रीय शक्ति सन्तुलन मे भारत आ चीन केर अपन-अपन भूमिका। नेपाल एहि दुइ परमाणु शक्तिसम्पन्न मुल्क आ विश्वक पूरे आबादीक लगभग ६०% भाग समेटय वला दुइ राष्ट्र भारत आ चीन केर बीच मे अवस्थित अछि। प्राकृतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, धार्मिक आ अनेको अन्य आधार मे नेपाल केर सम्बन्ध भारत सँ सनातन आ पुरातन रहितो एतय भारत विरोधी लहैर सेहो एकटा विशेष समुदाय मे स्पष्ट देखल जाइछ। आइ यैह विरोध आ समर्थन केर बीच मे राजनीतिक संघर्ष चरम पर पहुँचि गेल प्रतीत होइछ। आर, एहेन अवस्था मे नेपालक जनमानस केँ मधेशबन्दीरूपी नाकाबन्दी या भारतहि केर क्रुद्ध भेलापर कयल जायवला घोषित नाकाबन्दी सँ निजात पेबाक लेल चीन केर वैकल्पिक मार्ग आपूर्ति व्यवस्था सुचारू रखबाक लेल कारगर होयत, ई कहय मे कतहु हर्ज नहि। राजनीतिक अवस्था सँ कोनो राष्ट्रक भविष्य बनैत छैक, आर नेपाल केर वर्तमान परिदृश्य मे ई अनिवार्य वांछित छल। पूर्वाधार विकास कयला सँ दूर भविष्य मे सभक लेल, समस्त मानव हित लेल ई सब व्यवस्था कारगर होयत।
हरिः हरः!!