एखनहि सूचना भेटल अछि जे मनोज झा उर्फ मनोज साण्डिल्य नागदह (मधुबनी) निवासी, मैथिली लोक रंग सँ जुड़ल रंगकर्मी तथा मैथिली भाषा-साहित्यक सेवा मे निरन्तर लेखनी कएनिहार द्वारा अपन पहिल कविता संग्रह ‘सुरुजक छाहरि मे’ प्रकाशित कैल गेल अछि जेकर विमोचन आगामी १० मई, २०१५ हैदराबाद मे कैल जाय। मैथिली साहित्य सदैव स्वयंसेवा आ स्वस्फूर्त स्रष्टाक सृजनशीलता सँ पुष्ट होयबाक एक उत्कृष्ट उदाहरण इहो थीक। मैथिली साहित्य पठन संस्कृति मे भले कतबो ह्रास आबि जाय, लेकिन लेखनीक धार गंगाक धार जेकाँ अविरल रूप सँ बहैत आबि रहल अछि।
रचनाकार कवि मनोज साण्डिल्य पेशा सँ बैंककर्मी रहितो जाहि तरहें स्वरुचि सँ मैथिलीक सेवा करैत छथि तेकर आरो उत्कृष्ट आ अनुपम प्रस्तुति हालहि ११ अप्रैल संपन्न ‘अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली कवि सम्मेलन-२०१५’ केर अनलाइन सहभागिता मे जनसमुदाय समक्ष रखने छलाह। अपन प्रथम पोथीक प्रकाशन पर भावनाक उद्गार किछु एहि तरहें राखि रहल छथि मनोज साण्डिल्य: “पोथी मे सब तरहक कविता संकलित छैक, अधिकाँश सामजिक/आमजनक मुद्दा पर।कुल ७५ गोट रचना १२७ पृष्ठ मे।”