मिथिला पर्यटन विशेष
हिमालय सँ निकसैत पवित्र नदी द्वारा पखारल मिथिला अंगनाक हर स्थान दर्शनीय-रमणीय अछि, एतुक लोकमानस मे वेद एना रचल-बसल अछि जे एहि ठामक व्यवहार केँ धर्म निर्णीत ज्ञानीजन द्वारा कहल जाएत अछि। चूँकि सैकड़ों वर्ष सँ मिथिलाक मूल मर्मक पोषण आर एकर निजताक संरक्षण करय लेल कोनो राजकीय व्यवस्था नहि रहि गेल छैक, आब एतुका बहुल्य वासिन्दा अपना केँ बिहारी-मधेशी कहेबा मे बेसी गौरवबोध करैत अछि कारण राजनीतिक सत्ता भोग बिहारी-मधेशी बनय मे बेसी आनन्द-उन्माद प्रदान करैत छैक, तथापि पुरखावर्गक देखायल मार्ग आ बनल विभिन्न कृति सब आइयो अपन समृद्ध इतिहास केँ अपने आप कहैत भेटाएत छैक। आउ, घुमी किछु एहेन स्थान जेकर विशिष्टताक चर्चा आइयो कएल जाएछ।
ई भेल माँ भगवती विषहरा मंदिर जे भगवानपुर वार्ड नंं-१ पंचायत चन्दौर पश्चिमी सौर बजार सहरसा मे अवस्थित अछि। एतय साओन पुर्णिमा (रक्षाबंधन) केर दिन मेला लागैत अछि। फोटो आ जनतब अजय भगत सँ प्राप्त भेल अछि।
जनकपुर स्थित अनेकानेक मन्दिर मे सब सँ अधिक सुन्दर आ सुव्यवस्थित अछि जानकी मन्दिर। एतय राजमहल शैली मे जानकी जी केर मन्दिर अछि जाहि मे सीताजी चारू बहिन अयोध्याक चारू राजकुमार अपन-अपन दूलहाक संग विराजमान छथि। एतय जानकीजीक गर्भगृहक अतिरिक्त बिजली पर संचालित सीता जन्म, सीता विवाह व रामायणक अन्य रोचक प्रसंग सब केँ देखाबयवला स्वचालित मूर्ति सब सेहो लागल अछि। तहिना जानकी सहित समस्त राजकुमारी सब द्वारा उपयोग कएल जायवला आभूषण सब सेहो संग्रहालय मे सजाकय आमजन केर दर्शन लेल राखल गेल अछि। एहि ठाम अखन्ड सीताराम-नाम कीर्तन आइ कतेको वर्ष सँ चलि रहल अछि। नित्य हजारों दर्शक देश-विदेश सँ एतय जानकीजीक दर्शन लेल अबैत छथि। फोटोः सोनू कुमार
श्यामा माई मन्दिर – माँ काली केर विशाल मूर्ति विराजमान अछि। दरभंगा राज परिसर मे अवस्थित एहि मन्दिर मे आस्थावान दर्शनार्थीक भीड़ लागल रहैत अछि। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय तथा कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्याल परिसर केर अतिरिक्त नरगौना पैलेस (राजमहल) सेहो एतय सँ सटले राज परिसर मे अवस्थित अछि। श्यामा माईक मन्दिर संगे मनोकामना मन्दिर अछि जाहि मे बजरंगवली विराजमान छथि आर दर्शनार्थी एतय आबि अपन मनोकामना मन्दिरक देवाल पर लिखैत छथि से पूरा होयबाक एकटा किंवदन्ति अत्यन्त प्रचलित अछि। फोटोः लक्ष्मी नारायण
डोकहर – मधुबनी स्थित राजेश्वरी देवीक मन्दिर अछि। प्राचीन शैलीक ई मूर्ति जनक महाराजक आराध्या कुलदेवी राजेश्वरी देवीक थिक ई बात प्राचीन मत केर जानकार लोक कहैत छथि। स्थानीय लोकक आस्था भगवती मे अत्यधिक अछि। फोटोः गोपाल झा
बाबा द्रव्येश्वर नाथ महादेव मन्दिर बिरौल (दरभंगा) मे अवस्थित अछि। दरभंगा-कुशेश्वरस्थान रोड आर आब सहरसा कुशेश्वरस्थान रोड सेहो एहि बिरौल होएत निकलैत अछि। धार्मिक पर्यटन मे सहरसा आ दरभंगा केँ जोड़य मे एहि स्थानक महत्व बहुत अछि। फोटोः अमित राय
उच्चैठ भगवती स्थान मधुबनी जिला मुख्यालय सँ लगभग २५ किलोमीटर केर दूरी पर बेनीपट्टी सँ नजदीके अवस्थित अछि। एहि ठाम सुप्रसिद्ध कालीदास सेहो रहैत छलाह ई मान्यता अछि। ओ भगवतीक बड पैघ उपासक छलैथ आर केहनो मौसम खराबो भेलापर भगवती केँ साँझ देखेनाय नहि छोड़थि। वर्तमान समय उच्चैठ भगवतीस्थान प्रसिद्ध तीर्थस्थानक रूप मे प्रसिद्धि प्राप्त कय चुकल अछि। फोटोः दीपू झा